थारु राष्ट्रिय दैनिक
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सुदूरपश्चिममे ‘गौरा पर्व’ मनागिल

पहुरा | १५ भाद्र २०७८, मंगलवार
सुदूरपश्चिममे ‘गौरा पर्व’ मनागिल

धनगढी, १४ भदौ । कोरोना कहरमे फेन सुदूरपश्चिममे गौरा पर्व मनागिल बा । गौरा अन्तर्गत सोम्मार अठेवाली मनाइल बा । पञ्चमीसे सुरु हुइना गौरा पर्वमे अठेवालीके दिन महत्वपूर्ण मानजाइठ ।

अठेवालीके दिन पञ्चमीके दिन भिजाइल विरुडासे पति, छावाछाइ ओ आफन्तहुकनके कपार पुजन करके सुस्वास्थ्य एवम दीर्घायुके कामना करजाइठ । आजके दिन शिवपार्वतीके विवाहके दिन हो । यी सुखद् अवसरमे विरुडासे आफन्तके कपार पुजन करके सुस्वास्थ्य एवम् दीर्घायुके कामना करजाइठ । लग्गेक गौरा मन्दिरमे जाके पूजाआजा करटि विवाहित महिलाहुक्रे साँझके विरुडासे आफन्तके पुजन करठैं ।

शिवहे पतिके रुपमे पाइक लाग पार्वतीसे करल कठोर तपस्यासे गौरा पर्वके सुरुवात हुइल शिवपुरी धामके पुजारी हरिनारायण भट्ट बटैलैं । ‘शिवजीहे पतिके रुपमे पाइक लाग माता पार्वती कैलाशमे कठोर तपस्या करलि, १२ वर्षके तपस्या पाछे शिवजी प्राप्त हुइलैं । टबेमारे गौरामे फेन शिवपार्वतीके विवाह लगायतके गाथा गाजाइठ ।’

शिवपुरी धामके अध्यक्ष बलदेवप्रसाद भट्ट, भगवान शिवपार्वतीके विवाहके कथा रलेसे फेन यी पर्व सुदूरपश्चिममे किल मनैना हुइल ओरसे यी प्रदेशके मौलिक पर्व रहल बटैलैं । उहाँ कलैं, ‘यी सामाजिक सद्भाव, पारिवारिक मिलनके पर्व हो ।’

गौराके अवसरमे विदेशमे रहल छावा पटोहिया घरे अइना, एक ठाउँमे विरुडा भिजाके पूजाआजा करना, छरछिमेकमे फेन मिलके महिलाहुक्रे विरुडा धोइना ओ भिजैना, सँगे फाग धुमारी गाके गौरा मनैना हुइल ओरसे फेन यी पर्व सामाजिक मिलनके पर्व हो ।

सुदूरपश्चिमके अधिकांस जिल्लामे प्रशासन निषेधाज्ञा जारी करले बा । कोरोनाके बिरामीके संख्या घटल नैहो । प्रशासन स्वास्थ्यके मापदण्ड पुरा करके पूजाआजामे भर लगैले नैहो । सोम्मार अधिकांस मन्दिरमो महिलाहुक्रे पूजाआजा करले बटैं । शुकके रोज विरुडा भिजाके गौराके विधिवत सुरुवात हुइल हो । गुराउस, केराउ, गहत, गहुँ ओ मास करके पाँचठो अनाजहे सुदूरपश्चिमके भाषामे विरुडा कहिजाइठ ।

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