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रानाथारू समाजसे भाषा आयोगहे ज्ञापनपत्र

पहुरा | २३ भाद्र २०७८, बुधबार
रानाथारू समाजसे भाषा आयोगहे ज्ञापनपत्र

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २३ भदौ ।
रानाथारु भाषाहे फेन सुदूरपश्चिम प्रदेशके सरकारी कामकाजके भाषा डेना कहटी भाषा आयोगहे रानाथारु समाजके केन्द्रीय समितिसे ज्ञापनपत्र बुझाइल बा ।

आयोगहे ध्यानाकर्षण पत्र बुझैटी समितिसे सक्कु प्रक्रिया ओ मापन पुरा हुइलेसे फेन कामकाजके भाषामे सिफारिस नैकरल कहटी तत्काल थप कैना आग्रह करल हो ।

‘आयोगसे अपने तयार पारल मापदण्ड अनुसार प्रारम्भिक प्रतिवेदनमे राना थारु भाषाहे समावेश करलेसे फेन ओकर विपरीत अचानक अप्रत्याशित ढंगसे अन्तिम क्षणमे रातारात षडयन्त्र पूर्वक तरिकासे राना थारु भाषाहे प्रतिवेदनसे हटाइलमे घोर आपत्ति प्रकरण कैटी गम्भीर ध्यानाकर्षण हुइल बा,’ भाषा आयोगहे पठाइल पत्रमे कहल बा, ‘भाषा आयोगसे राना थारु भाषाहे प्रतिवेदनमे थप कैके सरकारी कामकाजके भाषामे अविलम्ब सिफारिस कैना अनुरोध बा ।’

अध्यक्ष कृपाराम रानासे जारी करल ध्यानाकर्षण पत्रमे कैलाली कञ्चनपुरके २७ विद्यालयमे अध्ययन अध्यापन हुइटी रहल समेत जानकारी कराइल बा । कामकाजी भाषाके रुपमे राना थारु भाषाहे छुटाइल कहटी समाजसे आन्दोलन समेत करटी रहल बा ।

मंगरके काठमाडौँके माइती घर मण्डलामे रानाथारुहुक्रे विरुद्ध प्रदर्शन करल रहिट । भाषा आयोगसे २०७६ कार्तिक १६ गते थारु भाषाहे पहिचान कैके तत्कालीन प्रधानमन्त्री केपी शर्मा ओलीहे प्रतिवेदन बुझाइल रहे ।

उ प्रतिवेदनमे पहिचान हुइल राना थारु भाषाहे २०७६ साल माघ २० गते आदिवासी जनजातिके सूचिमे नेपाल सरकारसे सूचीकृत करल रहे । मने, वर्तमान सरकारसे पूर्वाग्रही ढंगसे कामकाजके भाषा बनैनासे रोकल कहटी आन्दोलन करल नेपाल राना थारु समाजके केन्द्रीय उपाध्यक्ष कमल राना बटैलै ।

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