आज हरितालिका तीज

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २३ भदौ । भाद्र शुक्ल तृतीयाके दिन मनैना हरितालिका तीज आज वैदिक सनातन हिन्दू धर्मावलम्बी नारीहुक्रे देवादिदेव महादेवके पूजा आराधना करके मनाइटैं ।
सत्ययुगमे हिमालय पुत्री पार्वती गौरीघाटमे बैठ्के तपस्या करके महादेव पति पैना बरदान पैले रहि । मने, पिता हिमालय पार्वतीके इच्छा विपरित विष्णुसँग विवाह करडेहे खोजलपाछे संघरियनहे अपन समस्या सुनैलि । सखी पार्वती समस्यामे परल पटापाइलबाद उहाँहे हरण करके कोइ नैडेख्ना ठाउँमे लुकाके ढरलैं । नुक्के रहल ठाउँमे पार्वती निराहार व्रत करके महादेवहे प्राप्त करलि ।
अइसिक पार्वती संघरियनसंग हरण हुइल दिन भाद्र शुक्ल तृतीयाके दिन रहल ओरसे ओहे समयसे हरितालिका तीजके व्रत लेना प्रचलन सुरु हुइल धर्मशास्त्रीय मत रहल बा ।
संस्कृत भाषाके ‘हरित’ ओ ‘आलिका’ दुईठो शब्द मिलके हरितालिका शब्द बनल बा । हरितालिका तीजके सन्दर्भमे ‘हरित’ शब्दके अर्थ हरण करल ओ ‘आलिका’ शब्दके अर्थ संघरिया हुइठ ।
सत्ययुगमे आजके दिन निराहार व्रत बैठ्के पार्वती महादेव स्वामी पाइल ओरसे आजके दिनमे व्रत बैठलेसे मनोकामना पूरा हुइना विश्वासमे नारीहुक्रे व्रत बैठ्ठैं
