थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत १७ असार २६४९, मंगर ]
[ वि.सं १७ असार २०८२, मंगलवार ]
[ 01 Jul 2025, Tuesday ]
‘ सातौं संविधान दिवस सन्दर्भ ’

मोर्चा जराइल संविधानके धारा २७४ ओ अनुसूची ४

पहुरा | ३ आश्विन २०७८, आईतवार
मोर्चा जराइल संविधानके धारा २७४ ओ अनुसूची ४

संशोधन नैहुइटसम आन्दोलन

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ३ कुवाँर ।
थरुहट/थारुवान संयूक्त राष्ट्रिय मोर्चा संविधानके धारा २७४ ओ अनुसूची ४ जरैले बा ।

देशभर हर्षोलासके साथ संविधान दिवस बनैटी रहल बेला संविधानसे मधेशी, आदिवासी जनजाति, थारु, दलित/शिल्पी, महिला, खस, मुश्लिम, अल्पसंख्यक समुदायके साथे उत्पीडित जात/जाति एवम समुदायसे उठैटी आइल राष्ट्रिय मुद्दाहे सम्बोधन करे नइसेकल कहटी विरोध जनैटी अँटवारके रोज जोशीपुरमे आयोजित विरोध कार्यक्रममे संविधानके धारा २७४ ओ अनुसूची ४ जराइल हो । विरोध सभामे बोल्टी टमान राजनितिक दलके अगुवाहुक्रे संविधान संशोधन ओ टीकापुर घटना राजनितिक मुद्दाके रुपमे सम्बोधनके लाग सहकार्य समन्वय करके आघे बह्रे पर्नामे जोड डेहल रहिट ।

जनता समाजबादी पार्टी प्रदेश नम्बर ७ के प्रदेश संयोजक होरीलाल चौधरी टीकापुर घटना हुइल बेला, घटैना बेला ८ सय प्रहरीके उपस्थिति रहे, प्रहरी पहिले गोली चलाइल ओकरपाछे घटना घटल बटैलै । टीकापुर घटना अकल्पनिक हो, ओम्ने सहदात प्राप्त करुइयाके पोष्टमार्टम अइना जरुरी रहे, दुधे बालकके ज्यान गैल, गोली लागके मुलै की कैसिक मुलै खै टे पोष्टमार्टम उहाँ कहलै ।

संघीयता आइल थारु का पैलै, हिसाव कैना हो कलेसे प्रधानमन्त्री, मन्त्री, राज्य मन्त्रीके लिष्ट हेरबो टे सब पहाडके नेता बटै संयोजक चौधरी कहलै । पहाडमे अन्याय हुइल बा, उहाँ कहलै, पहाडके विकास चहना हो कलेसे पहाडके ७ प्रदेश मिलाके खसन प्रदेश बनाके विकास करी । थारु समुदाय अपन हक अधिकारके लाग अभिनसम लरटा संविधान संशोसनके लाग हम्रे आन्दोलन करटी, हम्रे नइसेकटम छावासे नातीसम करटी उहाँ कहलै ।

थारु नेता तथा पूर्व स्थानीय विकास राज्यमन्त्री जनकराज चौधरी सहअस्तित्वके खोजीमे रहल बटैलै । संविधान थारुनहे अन्याय करले बा उहाँ कहलै, बर्तमान सविधान थारुनके पहिचान मेटैले बा, थारुनके मान मर्दन करले बा, अब्बेक संविधान थारुनके हक अधिकार अछिन्ना काम करले बा, अधुरो संविधान पुरा नइहुइटसम हमार आन्दोलन जारी रही ।

टिकापुर घटना राजनितिक हक खोजेबेर हुइल ओरसे यी राजनितिक मुद्दा हो, राजनितिक तवरसे सम्बोधन करे परल, राजनितिक अधिकार हम्रे संविधानमे खोजटिही, ओकर कारण माननीय समेट जेल भिटर रहल बटै मने दुःखत बाट हो ।

जनता समाजबादी पार्टीके केन्द्रीय सदस्य राजेन्द्र देवकोटा कहलै, संविधान आधा गिलास भरल, आधा गिलास खाली हो, संविधान टुरटीपूर्ण रहल ओरसे सक्कु जे मिलके संशोधन करी । ‘यम्ने कुछ उपलब्धी रहल बा, कुछ बुँदा खारेज करी, कुछ संशोधन करी कहले बाटी, उहाँ कहलै, काल्हके दिनमे उत्कृष्ट कना हो कलेसे राजनितिक स्वार्थमे लिप्ट हुके सत्ता टिकैना काम हुइटा, हमार जनमतके कदर नइहो । संविधान विभेदकारी यिहीहे संशोधन कैना बाहेक विकल्प नइहो, टिकापुर घटना राजनितिक मुद्दा रहल ओरसे माननीय रेशम चौधरी लगायत और बन्दीके निशर्त रिहा करे पर्ना केन्द्रीय सदस्य देवकोटा बटैलै ।

थरुहट/थारुवान राष्ट्रिय मोर्चाके केन्द्रीय सदस्य महिला नेतृ प्रेमवती रानाथारु कहली एकदम दुःख लागठ, हमारफे रहल बा संविधान दिवस हर्षोलसके साथ मनाई, मने का कैना टे, संविधान हमारे विपक्षमे रहलपाछे करिया दिनके रुपमे मनैना बाध्यता बाटी । देश संघीयतामे जासेकलपाछे थारु का पैली, हम्रे केकर का विगरले बटी, हमार नेताहुकन काहे जेलमे कोच्ना काम हुइल बा ।

संविधान संशोसन नइहुइटसम हमार आन्दोलन जारी रही, केन्द्रीय सदस्य प्रेमवती कहली, औरजे डिपावली करके मनैही कलेसे हम्रे करिया, रातके बत्ती बुटाके मनाब । सरकार नइसुबी कलेसे टिकापुर राजबन्दीहुकन निशर्त रिहा नइकरी कलेसे सिंह दरबार घेरना चेतावनी डेली । हमार भोट पाके जिटनाके जैना हमार माग सम्बोधन नइकैना, चुनाव आइटा खबरदार नेता ¤ फेरसे थारुनके गाउँमे कैसिक छिरठै, हमार थारुन भोट लेके जिटना फेर हम्रहिनहे हेप्ना, माननीय रेशम चौधरीहे जेलमे कोच्ना, कौन नेताहे पत्ता नइहो, कैलाली कञ्चनपुरके इहिहास । माननीय रेशम चौधरी छोर या फेरसे चुनाव करा उहाँ कहली ।

नेपाल आदिबासी जनजाती महासंघ प्रदेश संयोजक दलबहादुर घर्तीमगर संविधान संशोधन नइहुइटसम आन्दोलन जारी रहना बटैलै । ‘यी सविधान उत्पीडित समुदायके पक्षमे बनल नइहो, कोई खुशीके साथ डिपावली करके मनाइटे उहाँ कहलै, ‘मने हम्रे भर पाछे पारल जातजातिके पक्षमे नइरहल ओरसे करिया पट्टी बाँधके, नारा लगैटी विरोध कैना अवस्था बा ।’

संविधानमे प्रस्तावामे का कले बा कलेसे नेपाल बहुभाषा, बहुधर्म, प्राकृतिक विविधता रहल देश हो कहल बा, ओकर विचमे कहल यी देशमे टमान खाले विभेद हुइल बा, ओकर मुक्तीके लाग आब देशमे पूर्ण सामानुपतिक समावेशी व्यवस्था कैजाई कहल मने कार्यान्वयन नइहुइल उहाँ कहलै ।

हम्रे बहुट हार सेक्ली हमारथेन भाषा नइरहल, संस्कृति नइरहल, हमार इतिहास भेटैना काम करल बा, आब एकठो केल विकल्प बा, कि लरना बा, कि भिरना बा, कि मरना बा । रेशम चौधरी कहे नइछुटलै उहाँ प्रश्न करलै, मने उहे झापा काण्ड, दश बर्षे जनयूद्ध बटाइटा मने थारुके आन्दोलनहे केल कहे गलट विल्ला लगाजाइटा ।

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थारु कल्याण कारिणीसभा कैलालीके सचिव देशराज चौधरी कहलै हम्रेफे यी देशके नागरिक हुई मने संविधान हमार पक्षमे नइहो, हमार असमति रहटी रहटीफे बलजफटी अधुरो अपुरो संविधान नानल हो । थारुनके इतिहास हेरबो कलेसे तिलौराकोटके शुद्धोधनके दरबारमे बा, उ डेउटा घोडीघोडामे बटै जौन हम्रे थारुनके मरुवामेफे बटै, गैल बरस संविधानके १८, धारा ४२ जरैटी लगायत २७४ के अनुसुची ४ फे जरैली मने हमार करल आन्दोलनके उपलब्धीसे संशोधन हुइल बा । यी बरस संविधानके धारा २७४ के अनुसुची ४ के जरैना उहाँ कहलै । टीकापुर आन्दोलन शान्तिपूर्ण रहे, अपनही घुमपैठके घटना घटाके थरुहट आन्दोलन कम्जोर बनाइल बटैलै ।

थारु विद्यार्थी समाजके जिल्ला अध्यक्ष आशिष चौधरी संविधान संशोधनके माग मधेशी, आदिवासी जनजाति, थारु, दलित÷शिल्पी, महिला, खस, मुश्लिम, अल्पसंख्यक समुदायके रहल बटै । उहाँ कहलै–‘हम्रहिन न्याय चाहठ, समानता चाहठ, अधिकार चाहठ, पहिचान चाहठ । थारु समुदाय अभिन शोषणमे परल ओरसे ओकर विरुद्धमे आन्दोलन करटी रहल उहाँ कहलै ।

कार्यक्रम आयोजक समितिके संयोजक चन्द्रप्रकाश चौधरीके अध्यक्षतामे हुइल रहे । कलेसे थरुहट÷थारुवान संयूक्त राष्ट्रिय मोर्चा, थारु कल्याणकारिणी सभा कैलाली, थारु विद्यार्थी समाज कैलालीके संयूक्त आयोजामे हुइल खबरवारी कार्यक्रम जोशीपुर बजार परिक्रमा करके कोणसभामे परिणत हुइल मोर्चाके जिल्ला संयोजक माधव चौधरी बटैलै ।

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