परम्परागत ओ जैविक खेती मानव स्वास्थ्यके लाग मजा
जीवन चौधरी
सुखड, १२ कुवाँर । परम्परागत ओ जैविक खेती मानव स्वास्थ्यके लाग मजा रहल एक कार्यक्रममे बटागिल बा ।
यूएनडिपीके सहयोग तथा घोडाघोडी नगरपालिकाके समन्वयमे याक नेपालके आयोजनामे दिगो जिविकोपार्जनका लागि समावेशी विकास परियोजना अन्र्तगत सुखडमे हुइल ‘वातावरणमैत्री परम्परागत अभ्यास ओ प्रविधिके पहिचान, प्रवद्र्धन ओ जैविक विविधता संरक्षण विषयक अन्तरक्रियाके शनिच्चरके रोज हुइल समापन कार्यक्रममे उ बाट बटवागिल रहे ।
कार्यक्रममे याक नेपालके अध्यक्ष बलबहादुर रोकायके अध्यक्षतामे हुइल समापन कार्यक्रममे सहजीकरण करटी सहजीकरण करटी परियोजनाके फोकल पर्सन तथा याक नेपालके कार्यकारी निर्देशक डबल बहादुर बम परम्परागत जैविक मल प्रयोग करके उत्पादन हुइल खाद्यन्नवाली मानव स्वास्थ्यके लाग मजा रहल बटैले बटै ।
खेतीपातीमे राशायनिक मल प्रयाके उत्पादन हुइना जमिन विगरटी बा,’ उहाँ कहलै, ‘हम्रे उत्पादन ढेर होए कहटी राशायनिक मल, विषादीके प्रयोग करठी । मने ओकर असर कटरा परटा कना पत्ता लगाई नैसेक्के टमान मेरिक रोग डेखा परटी बा ।’
कार्यक्रममे संचालन तथा सहजीकरण करटी याक नेपालके सर्जु प्रसाद चौधरी परम्परागत खेती प्रणाली छोरलपाछे विउ विजनफे हेराई लागल बटैलै ।
रैथाने अन्नवाली ओ तरकारीके विया हेरैटी गैल ओरसे ओकरफे खोजी कैना अवस्था आइल उहाँ बटैलै । यी परियोजनासे घोडाघोडी नगरपालिका–४ मे दलित समुदायहे कृषिके रुपमे परम्परागत रुपसे लगैटी आइल ओ अब्बे हेराइल विउके खोजी कैना बटैलै ।
संस्थासे वडा नम्बर ८ के राजी समुदाय, दलित समुदाय, मगर समुदाय ओ वडा नम्बर १० मे मुक्तकमैया, दलित समुदायहे लक्षित करके तालिम कैगिल बटैलै ।
यी परियोजनासे खास करके विपन्न वर्ग, मुक्तकमैया, कमलरी, मुक्त हलिया, एकल महिला, अपाङता रहल बालबालिकाहुकन लक्षित करके ज्ञान सीप, जिविकोपार्जनमे टमान मेरिक गतिविधि संचालन करटी रहल उहाँ बटैलै । कार्यक्रममे संस्थाके एलओ लजिस्टार अफिसर सुरज बहादुर कुवँरफे सहजीकरण करल रहिट ।