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रेशमहे माफीके लाग प्रक्रिया सुरु

पहुरा | ३१ चैत्र २०७७, मंगलवार
रेशमहे माफीके लाग प्रक्रिया सुरु

काठमाडौं, ३१ चैत । ज्यान मुद्दामे अदालतसे जन्मकैद ठहर हुइल रेशमलाल चौधरीके सजाय माफीके लाग सरकारसे प्रक्रिया आघे बह्रैले बा । जनता समाजवादी पार्टीसे निवेदन डेहलपाछे चौधरीहे सरकारसे कैद सजाय माफी डेना प्रक्रिया आघे बह्राइल हो ।

कर्तव्य ज्यान मुद्दामे चौधरीलगायतहे जिल्ला अदालत कैलालीसे जन्मकैद ठहर करल रहे । उच्च अदालत दिपायलसे समेत जिल्ला अदालतके फैसला सदर करल रहे । चौधरी २०७४ फागुन १४ से अनुसन्धानके लाग थुनामे बाटै । अदालतके फैसलाअनुसार चौधरी २०९४ फागुन १३ सम थुनामे रहे पर्ना बा ।
जिल्ला अदालतके आदेशविरुद्ध चौधरीले उच्च अदालत दिपायलमे अपने छुटे पाइ पर्र्ना दाबीसहित निवेदन दर्ता करल रहिट । उच्च अदालतसे जिल्ला अदालत कैलालीके निर्णय सदर कैटी उहाँहे थुनामुक्त करे नैमिल्ना आदेश करल रहे । उच्च अदालतसे २०७४ चैत २२ मे जिल्ला अदालतके आदेश सदर कैटी थुनामे रख्ना कहल रहे ।

जिल्ला ओ उच्च अदालतके निर्णयविरुद्ध चौधरी सर्वोच्च अदालतमे निवेदन डेहल रहिट । ‘जिल्ला ओ उच्च अदालतके आदेश नै मिलल् ओ बाहर बैठके मुद्दा लरे पाइ पर्र्ना’ दाबीसहित चौधरी गत असार ५ मे सर्वोच्चमे पुनरावेदन निवदेन दर्ता करल हुइट । मुद्दा सर्वोच्चमे विचाराधीन बा ।

फौजदारी कार्यविधि संहिताअनुसार प्रक्रिया पुगाके राष्ट्रपतिसे माफी मिनाहा डेहे सेक्ना व्यवस्था बा । अदालतमे विचाराधीन फौजदारी मुद्दामे भर माफी मिनाहा कैना कानुनसे नैमिलठ् । मने सरकारसे फौजदारी कार्यविधिमे हुइल कानुनी व्यवस्थामे टेकके माफी मिनाहा करैना प्रक्रिया सुरु करल हो । चौधरी तत्कालीन राष्ट्रिय जनता पार्टीके ओरसे कैलाली १ से प्रतिनिधिसभा सदस्यमे निर्वाचित हुइल रहिट ।

चौधरीहे सजाय माफीके लाग जसपासे डेहल निवेदन गृह मन्त्रालयमे पुगल बा । गृहसे माफी डेना योग्य हो–नैहो कना विषयमे छानबिन करटी रहल बा । गृह मन्त्रालयसे प्रतिवेदन डेहलपाछे राष्ट्रपतिसमक्ष माफी मिनाहाके लाग सिफारिस करे पर्र्ना कानुनी व्यवस्था बा । जसपाके निवेदन गृहमे प्राप्त हुइल ओ कार्यविधि संहिताबमोजिम प्रक्रियामे रहल मन्त्रालयके प्रवक्ता चक्रबहादुर बुढा बटैलै । ‘माफी मिनाहाके लाग मापदण्ड पुगल बा कि नैहो कना हेरटी बाटी,’ उहाँ कहलै ।

२०७५ पुस १९ मे चौधरी पुर्पक्षके लाग थुनामे रहल बेला उहाँहे सांसदके पद तथा गोपनीयताके सपथ खुवाइल रहे । ज्यानमुद्दाके आरोपमे थुनामे रहल व्यक्तिहे सांसदके पद तथा गोपनीयताके सपथ खवाइहे एकथरि कानुनविज्ञ (बाँकी ५ पेजमे) ‘कानुनके बर्खिलाप’ रहल टिप्पणी करल रहिट । २०७६ माघ २ मे तत्कालीन नेपाल कम्युनिस्ट पार्टीके कार्यकारी अध्यक्ष पुष्पकमल दाहाल संविधान ओ अदालतहे चुनौती डेटी ज्यानमुद्दामे जन्मकैद ठहरल चौधरीहे छुटैना ठोकुवा करल रहिट ।

फौजदारी कार्यविधि संहिता ऐनअनुसार सरकारसे माफी डेहे सेक्ना व्यवस्था रहल महान्यायाधिवक्ता कार्यालयके प्रवक्ता सञ्जीवराज रेग्मी बटैलै । ‘फौजदारी कार्यविधि संहिताके दफा १५९ बमोजिम माफी डेहे सेक्ना व्यवस्था बा,’ उहाँ कहलै, ‘माफीके लाग कार्यविधिमे उल्लेख करल बा । उ अन्तर्गत माफी हुइ सेक्ना व्यवस्था डेखजाइठ् ।’

कार्यविधि संहिताके दफा १५९ मे सजाय माफी डेहे सेकजैना व्यवस्था रहल बा । ‘अदालतके फैसलाबमोजिम टोकल सजाय पाइल व्यक्ति सजाय माफी पैना, उहीहे मुलतबी राख्न, परिवर्तन कैना वा कम कैना गृह मन्त्रालयमार्पmत राष्ट्रपतिसमक्ष निवेदन डेहे सेकजैना बा,’ ऐनमे कहल बा ।

कसुरके प्रकृति ओ कसुर करेबरके अवस्था, कसुरदारके उमेर तथा शारीरिक अवस्था, कसुरदारहे तोकल सजाय हद, सजाय पैनासे आघेक कसुर कैसिक कैदके सजाय पाइल वा नैपाइल विषयमे हेरे पर्ना बा । मने भ्रष्टाचार, यातना, जबरजस्ती करणी, क्रुर तथा अमानवीय तरिकासे वा नियन्त्रणमे लेके ज्यान मारल, जाति हत्या, विस्फोटक पदार्थ, अपहरण, शरीर बन्धक वा व्यक्ति बेपत्ता, मानव बेचविखन तथा ओसारपसार, सम्पत्ति शुद्धीकरण, तीन बरससे ढिउर कैद सजाय हुइना लागूऔषधके ओसारपसार वा कारोबार मुद्दामे रहलहे माफी मिनाहा करे नैसेक्ना व्यवस्था रहल बा ।

राष्ट्रपतिसे कौनो व्यक्तिहे टोकल सजाय माफी रहल, सजाय परिवर्तन, कम हुइल कारण सम्बन्धित अदालतके पैmसला बदर नैहुइना हो । माफी डेलेसे फेन भोगसेकल सजाय, भुक्तान करसेकल जरिवाना, बिगोहे कौनो असर नैपर्ना हो ।

माफी हुइल कारणसे योग्यता सिर्जना भर नैकरी । ओस्टके संविधानके धारा ८७ बमोजिम नैतिक पतन डेखजैना फौजदारी कसुरमे सजाय पाइल व्यक्ति सांसद सदस्य हुइ नैपैना व्यवस्था रहल बा । ओस्टके संविधानके धारा ८९ के खण्ड (ख) मे धारा ८७ बमोजिम योग्यता नै पुगल फेन सांसद सदस्यके स्थान रिक्त रहना उल्लेख बा ।

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