महिन भोट डेके संसद् बचाउँ : प्रधानमन्त्री ओली

काठमाडौं, २७ वैशाख । प्रधानमन्त्री केपी शर्मा ओली अपनहे विश्वासके मत डेलेसे प्रतिनिधिसभा फेर विघटन नैहुइना बटैले बाटैं । प्रतिनिधिसभामे विश्वासके प्रस्तावउप्पर उठल प्रश्नके जवाफ डेना क्रममे ओली अपनहे भोट नैडेलेसे संसद् विघटनओर धकेलना बटैलैं ।
‘महिन मत डिइ कैसिक संसद् विघटन हुइ ? अप्नही मत नैडेना, विघटनओर धकेल्ना ओ दोष औरेहे डेना,’ ओली कलैं । उहाँ प्रतिपक्षी दलहुकनहे कलैं, ‘अप्नही भीरओर जैना ओ गुरुत्वाकर्षणहे दोष डेना ?’ ’विश्वासके मत डेके स्थिरताके पक्षमे काम करी,’ ओली कलैं ।
पुस ५ गते प्रतिनिधिसभा विघटन करके सर्वोच्चसे पुनःस्थापना करल प्रतिनिधिसभासँग ओली जोर डेके विश्वासके मत मागटैं । उहाँ प्रतिपक्षी दलहुकनहे कलैं, ’संसद्के स्थायित्वके लाग मुद्दा लरके नानल संसद् बचाउँ, भोट डेउ ।’
एक प्रधानमन्त्री रहे ओ स्थायित्व रहे कहिके संविधानमे दुई वर्षसम अविश्वासके प्रस्ताव नाने नैपैना व्यवस्था रहल फेन ओलीके कहाइ रहे ।
