थारु राष्ट्रिय दैनिक
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थारु आयोगसे आरक्षण कोटा बृद्धिके माग

पहुरा | १९ आश्विन २०७८, मंगलवार
थारु आयोगसे आरक्षण कोटा बृद्धिके माग

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १९ कुवाँर ।
थारु आयोगसे नेपाल सरकारहे सिफारिस करटी संघीय संसदमे पेश हुइल प्रस्तावित संघीय निजामती सेवा सम्बन्धी विधेयकमे थारु समुदायके आरक्षण प्रतिशत न्यून रहे गैल ओरसे उ विधेयकमे थारु समूहके पदपूर्ति प्रतिशत थारु समुदायके जनसंख्या ओ प्रतिनिधि सभा निर्वाचन ऐन बमोजिम कायम करे पर्ना कहिके सिफारिस करल बा ।

आयोगसे आर्थिक बर्ष २०७७।७८ के बार्षिक प्रतिवेदन (टिसरा) राष्ट्रपति विद्यादेवी भण्डारी समक्ष पेश करले बा । आयोगसे थारु बाहुल्य क्षेत्रमे स्थानीय मातृभाषामे कोरोना रोकथाम सम्बन्धी चेतनामूलक सूचना सम्प्रेषण कैना ग्रामीण तहसम पहुँच हुइल रेडियो ओ टेलिभिजनमार्फत थारू मातृभाषामे फे लोककल्याणकारी सूचना प्रशारण कैना व्यवस्था हुइना सिफारिस करल बा ।

स्थानीय भल्मन्सा, बरघर, महताँवा, गुरौ, गहदार मार्फत जनचेतनामूलक कार्य करेबेर प्रभावकारी हुई जैना देखैना जिल्ला कोभिड व्यवस्थापन समितिके निर्णय प्रकृयामे थारू प्रतिनिधीहुकनके सहभागिता कराके कार्यान्वयन कैना व्यवस्थाके लाग सिफारिस करल बा ।

दीर्घ रोगी एवं थारू समुदायमे रहल सिकल सेल एनेमिया रोगके उपचारके लाग अस्पतालमे सहजता हुई नइसेकल ओरसे उपचारमे विशेष व्यवस्था कैना कहल बा ।

ओस्टेक समग्र थारु समुदायके हितमे कार्य हुन वार्षिक प्रतिवेदन मार्फत थप सुझाव तथा सिफारिस करटी तीनु तहके सरकारके नीति, योजना, कार्यक्रम तथा बजेट थारु समुदाय लक्षित हुइना आवश्यक रहल कहले बा ।

तीनु तहके सरकारके सरकारी सेवा सञ्चालन सम्बन्धी ऐनमे थारु समुदायके जनसंख्याके आधारमे अलगे समूहमे धारके समानुपातिक समावेशीके सिद्धान्त अनुसार आरक्षणके प्रतिशत निर्धारण हुई पर्ना, सिकलसेल एनेमिया रोग पहिचान, रोकथाम तथा उपचारके सम्बन्धमे एकिकृत कार्यविधि कार्यान्वयन कैनाफे सिफारिस करल बा ।

थारु समुदायके अधिकार उल्लंघन कैना व्यक्ति वा संस्थाके विरुद्ध उजुरी संकलन करके उ उपर छानविन कैना अधिकार आयोगहे डेना उपयुक्त रहल कहले बा । रोजगारी सिर्जना, गरिबी न्यूनीकरण ओ मानव विकास सुधारके कार्यक्रम थारु लक्षित हुई पर्ना, राष्ट्रिय जनगणना, २०७८ मे राज्यके अंगमे थारू समुदायके समावेशीताके अवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, रोजगारी, खाद्य सुरक्षा, गरिबीके स्थिति ओ समग्र मानव विकास सूचकाङ्कके अवस्था विल्गैना करके खण्डिकृत तथ्यांक संकलनमे जोड डेना आवश्यक रहल कहल बा ।

थारु समुदायमे रहल बरघर, भल्मन्सा, महतावाँ जैसिन प्रथाजनित परम्पराहे कानूनी मान्यता प्रदान कैना विद्यमान कानूनमे आवश्यक सुधार हुई पर्ना, थारू बाहुल्य क्षेत्रमे आयोगके सम्पर्क कार्यालय नइहुके समुदाय ओ जनताके लग्गेक सरकारसंग निकट सम्पर्कमे रहिके थारू समुदायके यथार्थ समस्या बुझके समस्या समाधान कैना कठिनाई हुइल ओरसे हालहे प्रदेश नं १, लुम्बिनी प्रदेश ओ सुदुरपश्चिम प्रदेशमे सम्पर्क कार्यालय स्थापना कैना आवश्यक रहल कहल बा ।

थारु आयोग ऐन, २०७४ मे संशोधन करके आयोगके नेपाल सरकारसंगके सम्पर्क मन्त्रालय प्रधानमन्त्री तथा मन्त्रीपरिषद्के कार्यालय तोक्न उपयुक्त रहल कहल बा । बजेट विनियोजन करेबेर थारू समुदायके विविध पक्षके अध्ययन, अनुसन्धानके लाग पर्याप्त बजेट विनियोजन करे पर्ना, संघ प्रदेश स्थानीय तहसे थारू मैत्री बजेटके अवधारणाहे शुरुवात करे पर्ना थारू समुदायके हकहितके संरक्षण, सम्वर्धन तथा सशक्तीकरणके सम्बन्धमे तीनु तहके सरकार, सरकार बाहेकके सक्कु पक्ष वीच समन्वयात्मक ओ सहकार्यात्मक तवरमे कार्य संचालन करे पर्ना कहल बा ।

थारू मातृभाषामे आधारभूत तहसमके अध्ययन, अध्यापनके लाग पाठ्यक्रम निर्माण कैना, थारु भाषाहे प्रदेश ओ स्थानीय तहके सरकारी कामकाजके भाषा कायम कैना ओ पठनपाठनमे सहजता नन्ना मानक भाषा तयार कैना जरुरी रहल आयोग जनैले बा ।

नेपालके संविधान निर्माणके क्रममे कैलाली जिल्लाके टिकापुरमे वि.सं २०७२ मे हुइल घटना राजनितिक प्रकृतिके हुइल ओरसे नेपाल सरकारसे राजनितिक रुपमे समाधान खोजे पर्ना, टमान समयमे हुइल थरुहट/थारुवान संयुक्त आन्दोलन ओ और थारु सम्बद्ध आन्दोलनमे सरकारसंग हुइल सम्झौताके कार्यान्वयनमे जोड डेना आवश्यक रहल आयोग कहले बा ।

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