ब्रह्मदेवमे एसएसबीसे व्यापार कैना रोक
पहुरा समाचारदाता
कञ्चनपुर, ११ चैत । कञ्चनपुरके नेपाली भू–भागमे भारतीय सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) से व्यापारमे अवरोध सृजना करले बा । भीमदत्त नगरपालिका–९ ब्रह्मदेव बजार लग्गे स्थानीयसे व्यापारके लाग छपरा धारे खोजलपाछे एसएसबीसे शुकके अवरोध करल हो ।
ब्रह्मदेव बजार लग्गे नेपाली भूमिमे एसएसबीसे व्यापारके लाग पसल धारे नइडेहल हो । स्थानीय हरिश पन्तके अनुसार पूर्णागिरी मेलाहे मध्यनजर करटी त्रिपाल ठापके पसल ढारे खोजल रहे । मने एसएसबीसे अपने भूमि कहटी पसल ढारे नइडेहल हो । ‘विगतमे मेलाके अवसरमे पसल रख्ना करजाए । यी बार एसएसबीसे अवरोध करल,’ उहाँ कहलै ।
भीमदत्त नगरपालिका–९ के वडाअध्यक्ष राम नाथ भारतीय पक्षसे उ क्षेत्रमे सीमा स्तम्भ हेराइल कहटी कुछ काम करे नइडेहल बटैलै । ‘स्तम्भ एकिन नइहुइल ओरसे हम्रे फे कुछ काम नइकरठी । अपनेहुक्रे अब्बे कुछ काम नइकरो कहले बटै,’ उहाँ कहलै ।
वडाध्यक्ष नाथके अनुसार उहे कारण भारतीय पक्षसे उ क्षेत्रमे सडक कालोपत्रे कैनामेफे अवरोध सृजना करटी आइल बा । ‘नगरपालिकासे दुई वर्ष आघे सडक कालोपत्रे कैना टेन्डर खोलके काम कैना तयारी करल रहे,’ उहाँ कहलै, ‘मने भारतीय पक्षके अवरोधसे सडक कालोपत्रे हुई नइसेकल ।’
ब्रह्मदेव लग्गे भारतीय पक्षसे स्थानीयहे व्यापार कैनामे अवरोध करलपाछे शुकके सहायक प्रमुख जिल्ला अधिकारी अशोक कुमार भण्डारी तथा सुरक्षा निकायके प्रमुख वहाँ पुगल रहिट । मने भण्डारी ब्रह्मदेवमे कुछ विवाद नइरहल जिकिर करलै ।
प्याराताल सरसफाईमे रोक
पुनर्वास नगरपालिका–९, बीचफाँटास्थित नेपाली भूमिमे परठ प्याराताल । ४ हजार वर्ग मिटर क्षेत्रफलमे फैलल यी ताल पैरा जस्टे नम्मा हुइल ओरसे प्याराताल नामकरण करल स्थानीय बटैठै टलुवामे बाह्र्रे महिना पानी रहठ । यहाँ मच्छरी, खेच्ही, घडियाल, गोहुवा लगायतके जलचर पैठै ।
प्याराताल कञ्चनपुरके दक्षिणी क्षेत्रके प्रमुख पर्यटकीय गन्तव्यके रुपमे चिन्हजाइठ । महत्वपूर्ण जलचर ओ पानीके प्रयाप्त स्रोत रहल यी टलुवामे पछिल्का समय छिमेकी भारत आँखी गरले बा । उ प्यारातालहे अपन रहल दाबी करटी सीमा सुरक्षा बल एसएसबी लगाके वहाँ कैना पर्यटकीय गतिविधिहेफे रोके खोज्ले बा ।
प्यारातालके विषयहे लेके नेपाली नागरिक ओ एसएसबीबीच समय–समयमे हात हालाहालके अवस्था आई लागल बा । विफेक रोजफे एसएसबीसे नेपाली पक्षहे प्यारातालमे सरसफाई करे नइडेहल । भारतीय पक्षसे हुलाकी सडकके काममे समेत अवरोध करटी आइल स्थानीय बटैलै ।
विसं २०२२ से तत्कालिन जिल्ला विकास समितिसे टलुवामे मच्छरी मर्ना ठेक्का डेटी आइल रहे । २०३५ सालयहोर भारतीय पक्षसेफे प्याराताल अपन रहल दाबी करे लागल । प्याराताल भारतके दुधुवा नेशनल पार्कके जंगली जनावरके लाग पानीके मूख्य मुहान हो । टबमारे भारतसे नेशनल पार्कके जनावरहे पानी आपूर्तिके लाग प्यारातालमे आँखी गारल स्थानीयके बुझाई बा ।
सीमा विवाद यहाँ केल नाही देशभर बा । टबमारे २०३८ सालमे सीमा विवाद सामाधानके लाग दुई देशके संयुक्त सीमा सर्भे टोली बनागिल । मने, सर्भेके काम नइकरल । उ पाछे देशभर ०४४/४५ सालमे तटीय क्षेत्रके नापजाँच तथा विवाद समाधानके लाग टोली खटागिल । उ टोली २०५६ सालमे भारतसंग जोरल सक्कु क्षेत्रके नापजाँच करके नक्सा बनागिल ।
कञ्चनपुरके दक्षिणी क्षेत्रके नापजाँच भर नइहुइल । यहाँ ०५९ सालमे केल नापी हुइल । उ सर्भे टोलीसे स्ट्रीप नक्सा जारी करल । २०६१/६२ सालमे आइल नेपाल–भारत संयुक्त सीमा सर्भे टोलीसे स्ट्रीप नक्साके आधारमे प्याराताल भारतओर पर्ना करके सीमा स्तम्भ गारल रहे ।
पुर्नवास नगरपालिकामे पर्ना प्याराताल लग्गे साविकके पिलर संख्या १९४९ हालके ७६२० से झण्डे ६ किलोमिटर पश्चिमसम भारतसे ६ सय मिटर नेपालओर सीमा पिलर गारल रहे ।
हजारौं हेक्टर नेपाली भूमिमे भारतसे कब्जा जमाइल । नेपाली भूमि कब्जा कैना आधार बनल स्ट्रीप नक्सा । स्ट्रीप नक्सामे प्याराताल लगायतके भूभागहे भारतमे डेखाइल ओरसे विवाद बह्रल अन्तर्राष्ट्रिय सीमा सरोकार समूहके संयोजक पल्लवराज भट्ट बटैलै ।


