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विकाससंगे वातावरणीय प्रभावबारे ध्यान डेना आग्रह

पहुरा | ११ बैशाख २०८२, बिहीबार
विकाससंगे वातावरणीय प्रभावबारे ध्यान डेना आग्रह

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ११ बैशाख ।
विकास कैना नाउँमे वातावरणीय प्रभाववारे ध्यान डेना आग्रह कैगिल बा । इन्सेक सुदूरपश्चिम प्रदेश कार्यालयके आयोजनामे विफेक रोज धनगढीमे हुइल ‘प्रदेश स्तरीय वातावरणीय मानव अधिकारके क्षमता अभिवृद्धि कार्यक्रममे उ आग्रह कैगिल हो ।

कर्यक्रममे सहजीकरण करटी इन्सेक प्रदेश संयोजक खडकराज जोशी कञ्चनपुर दुई ठो सुगर मिलसे निकरल रासायनके कारण वातावरणमे गम्भीर असर पारके कृषि बालीमे समेट नष्ट हुइल बटैलै । उहाँ कहलै, उ सुगर मिलसे निकरल रासायनके कारण असर पारलपाछे कैगिल अनुगमनमे भागेश्वर सुगर मिलसे सुधार कैना कहलेसेफे महाकाली सुगर मिल कौनो प्रतिक्रिया नैडेहल हो । उ सुगर मिल बन्द करे कोईफे कहल नैहो मने ओम्नेसे निकरल रासायन वातावरणहे प्रभाव नैपर्ना मेरके व्यवस्था कैना आग्रह करल हो उहाँ कहलै ।

गोदावरी नगरपालिका वडा १०, ११ ओ १२ मे दैनिक सयौं ट्रली गिट्टी, बालु निकरटी रहल मने स्थानीय तह वेखबर भेटल उहाँ जनैलै । पहाडमे विकासके नाउँमे डोजर प्रयोगसे पहाडमे पहिरो ओ तराईमे बाढ अइटी रहल ओरसे ओहोरओर ध्यान जैना आवश्यक रहल उहाँ जनैलै ।

वातावरण, प्रदूषण, संरक्षण ओ वातावरणीय अध्ययन, परिक्षण तथा प्रभाव मुल्याङ्कनके अन्तरसम्बन्ध स्वच्छ वातावरणके महत्वपुर्ण विषयवस्तु रहल उहाँ जनैलै ।

कार्यक्रममे उहाँ वातावरणीय विकास ओ मानव अधिकार विचके अन्तरसम्वन्धमे वातावरण सरक्षणके सम्बन्धमे दिगो विकासके सिद्धान्त, पूर्व सावधानीके सिद्धान्त, भावी सन्तती समेतके समन्यायके सिद्धान्त, सार्वजनिक न्यायके सिद्धान्त, क्षतिपूर्तिके सिद्धान्त, विकासके सिद्धान्तलगायतके सिद्धान्त विकास हुइल बटैलै । यी सिद्धान्त विकास ओ वातावरणहे सन्तुलन करके लैजाइक लाग मार्गनिर्देशक रुपमे रहल जनैलै ।

भौतिक विकास एक ठो आवश्यक चक्र हो कलेसे वातावरण संरक्षण आजके आवश्यकता हो । वातावरण संरक्षण ओ विकास विचके अन्योन्याधीत सम्बन्धसे राष्ट्रके दिगो विकास मौलैना हो ।

मानवअधिकार आयोग लगायत टमान संघ संस्थासे वातावरणीय अधिकारके लाग उठाइल सवालमे मानव अधिकार, वातावरण ओ विकासके समूचित सन्तुलन कायम करके विकास निर्माणके योजना कार्यान्वयन करेपर्ना, शहरी प्रदूषणके रोकथाम ओ ग्रामीण क्षेत्रहे स्वच्छ सफा बनैना अभियानमे स्थानीय सहभागीता जुटैना अभिप्रेरित करेपर्ना जरुरी रहल उहाँ बटैलै । वातावरण ओ विकास निर्माण सम्वन्धमे हुइटी रहल राष्ट्रिय कानूनके प्रभावकारी कार्यान्वयन कैना पहल कैना, स्वच्छ वातावरणके विषयमे सर्वोच्च अदालतसे प्रतिपादित निर्णयके प्रभावकारी कार्यान्वयनके लाग पहल करे पर्ना सवल उठाइल बा ।

लडियासे ढुगा, गिट्टी ओ वालुवा निकारेबेर वातावरणहे केन्द्र विन्दुमे धारके निकारे पर्ना, सुदूरपश्चिम क्षेत्रमे वन्यजन्तु आरक्षण क्षेत्र समेत हुइल ओ राजमार्गमे दुर्घटना हुइटी रना ओरसे उ क्षेत्रमे ट्रमा सेन्टरके व्यवस्था उपलब्ध कराई पर्ना सवाल उठाइल बटैलै ।

कार्यक्रममे इन्सेक प्रदेश कार्यालयके प्रलेख अधिकृत कृष्णबहादुर विश्वकर्मा वातावरणीय अधिकार अनुगमन तथा अभिलेखीकरणबारे प्रस्तुुतीकरण करल रहिट । वातावरणीय प्रभावसे विश्वमे प्रत्येक वर्ष ४२ लाख मनैके मृत्यु वायु प्रदूषणके कारण हुइना करल ओ नेपालमे प्रत्येक वर्ष ३५ हजार नेपाली वायु प्रदूषणके कारण ज्यान गुमैटी रहल विश्व स्वास्थ्य सङ्गठनके तथ्याङ्कमे रहल उहाँ जनैलै । तथ्याङ्क अनुसार प्रति १० जाने नेपालीमे १ जाने वायुप्रदूषणके कारण स्वास्थ्य समस्या भोग्टी रहल जनागिल बा ।

युनिसेफके अनुसार नेपालके ग्रामीण क्षेत्रमे प्रति १० जाने नागरिकमे ८ जाने नागरिकके स्वच्छ खानेपानी पहुँचमे नैरहल ओ २५ प्रतिशत नागरिक केल स्वच्छ तथा स्वस्थ खानेपानीके पहुँचमे रहल जनैलै ।

ओस्टेक करके इन्सेक नेपालगञ्जके टेकनाथ आचार्य ओ सहजकर्ता सचितानन्द जोशीफे सहजीकरण करल रहिट । नेपालके गाउँमे जनसंख्या घटल ओ शहरी क्षेत्रमे बह्रल अवस्था रहल उहाँ जनैलै । गाउँमे २०११ मे ८२. ९३ प्रतिशतसे २०२१ मे आके ३३.८३ प्रतिशतमे झरल ओ शहरमे २०११ मे १७. ०७ प्रतिशत रहलमे २०२१ मे आके ६६. १७ प्रतिशत पुगल जोशी बटैलै ।
प्रदेश स्तरीय वातावरणीय मानव अधिकारके क्षमता अभिवृद्धि कार्यक्रममे कैलाली कञ्चनपुरके मानव अधिकार रक्षक सञ्जाल, मानव अधिकारके क्षेत्रमे कार्यरत संघसंस्थाके प्रतिनिधिह्ुकनके सहभागिता रहे ।

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