थारु राष्ट्रिय दैनिक
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[ थारु सम्बत १९ भादौ २६४९, बिफे ]
[ वि.सं १९ भाद्र २०८२, बिहीबार ]
[ 04 Sep 2025, Thursday ]

थारु समुदायके महिलाहुक्रे हस्तकला सीपहे व्यावसायमे परिनट

पहुरा | १९ भाद्र २०८२, बिहीबार
थारु समुदायके महिलाहुक्रे हस्तकला सीपहे व्यावसायमे परिनट

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १९ भदौ ।
खेतवारीमे मिल्ना पुँजा, कसुंगासे आर्कषक हस्तकला सामाग्री निर्माण कैके थारु समुदायके महिलाहुक्रे आत्मनिर्भर बन्टी गैल बटै ।

कैलाली जिल्लाके कैलारी गाउँपालिका वडा नम्बर ५ सुर्मीनालामे सप्तरङगी लद्यु उद्यमी ढकिया, बास्केट ओ डालो उत्पादन व्यवसाय संचालन करके उ समुहमे जोरल महिलाहुक्रे आत्मनिर्भर बन्टी गैल हुइट ।

अपनही हस्तकला निर्माण करके विक्री कैना कहटी गैल सावन ६ गते व्यवसाय सुरुवाट करल उहाँहुकनहे अब्बे माग अनुसार सामाग्री पुगैना भ्याई न भ्याई हुइल बा ।

सप्तरङगी लद्यु उद्यमी समुहमे ६ जानेक समुहसे पुँजा, कसुंगासे आर्कषक घरयासी हस्तकला सामाग्री निर्माण करके विक्री करटी आइल उ समुहमे रहल कैलारी गाउँपालिका वडा नम्बर ३ उत्तरभडरीके संजीता चौधरी बटैठी ।

उहाँ कहली, ‘व्यवसाय सुरुवाट करल अभिन दुई महिना पुगल नैहो । माग अनुसार सामान पुगाई नैसेकल हो । निर्माण हुइल हस्तकला पसलसे फाँटफुट विक्री हुइठ कलेसे थोकमे माग ढेर हुइटी आइल बा ।’

सप्तरङगी लद्यु उद्यमी ढकिया, बास्केट, डालो उत्पादन, संकलन तथा विक्री केन्द्रमे उत्पादन हुइल सामाग्री दुई चो काठमाण्ठौ पठासेकल चौधरी बटैली ।

सप्तरङगी लद्यु उद्यमी समुहसे ढकिया, पान बास्केट डबल बिनल, डालो, फुलदानी डबल बिनल, चटाई, टिम्याट, डबल बिनल राउण्ड बास्केट, सिङगल बिनल राउण्ड बास्केट, पेनदानी, हटकेस हयान्डल, पानस कलश, डबल बिनल हटकेश, जोइलरी बाकस डबलमे, अण्डाकार बास्केट डोरीमे डबल, अण्डाकार बास्केट डोरीमे सिंगल, सुपारी ढरना, डस्टबिन, टोपी, कलस चटाईमे डबल, कलस चटाईमे सिङगल, खुटक्रे, ट्रेय, रंङगीन फुलदानी, डिलियालगायतमे हस्तकला सामाग्री निर्माण करटी आइल लद्यु उद्यमी संजीता बटैली ।

उहाँ कहली, ‘यी व्यवसाय हमार लाग आर्थिक स्रोतके माध्यम बनल बा, थारु समुदायके पहिचानसे जोरल ढकिया, डिलियासंगे आवश्यकता ओ माग अनुसार बहुट हस्तकला सामाग्री बनैठी । यी सामाग्री निर्माण करेक लाग दिनके पसल ओ साँझ सकारे, रातके फुर्सद हुइलबेला घरेफे बनैटी आइल बटी ।’

उ समुहमे जोरल कैलारी गाउँपालिका–१ रानामुडाके फुलकुमारी चौधरी मेहनत अनुसारके मजा कमाई हुइल बटैठी । उहाँ कहली, ‘जे जटरा हस्तकला सामाग्री बनाई सेकठ उ ओटरे ढेर आम्दानी करेसेकठ । पुँजा कंसुगासे बनाजैना यी सामाग्रीमे पुँजा १०० रुप्या मुठा मिल्जैना ओ कंसुगा खेतवारीमे निशुल्क रुपमे कटके ल्याने सेकजाइठ । पुँजाहे रंङगी विरङगी बनाइक लाग खासे खर्च नैलागठ ।’

उद्यमी फुलकुमारी कहली, ‘सप्तरङगी लद्यु उद्यमी ढकिया, बास्केट, डालो उत्पादन, संकलन तथा विक्री केन्द्र संचालनमे आइलपाछे और महिलाहुकनहेफे फाइदा पुगल बा । हमार समुहसे जोरल चार जाने पसलमे आके ओ दुई घरसे हस्तकला निर्माण करके यिहिसे विक्री करटी रहल बटै । कलेसे समुहबाहेक और महिलनसे बनाइल हस्तकला सामाग्री विक्री कराडेटी रहल बटी ।’

उ समुहमे जोरल कैलारी–१ विसनपुरके सुनिता चौधरीफे आपन सीपहे व्यवसायसंग जोरे पाइलमे खुशी व्यक्त करली । उहाँ कहली, ‘हमार पुर्खनमे जन्नी मनै विशेष कैके खेतीपाती सेक्के हरचालीमे ढकिया, ढक्ली, पैनस टोपी, डेलुवा, भौका बिन्ना प्रचलन रहे । थारु मनै सुप्पा, डिलिया, बन्ठी, ढढिया, खैचालगायत विन्ना चलन रहे । अब्बे हेराई लागल बा । प्लाष्टिक सामाग्री आइलपाछे हस्तकला लोप हुइटी गैल बा ।’

सुनिता कहली, ‘अपनठेन पुर्खनके सिखाइल कुछ–कुछ सीप रहे, कैलारी गाउँपालिका गरिबी निवारणका लागि लघु उद्यम विकास कार्यक्रम मेड्पा अन्तर्गत ८ दिने उद्यमशीलता विकास तालिम पासेकल मेरमेराइक सामाग्री बनाई सिख्ना अवसर मिलल । ओ अब्बे व्यवसायिक रुपमे आघे बह्रना मौका मिलल बा ।’

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