मानसिक स्वास्थ्य समस्या रहल व्यक्तिनहे परिचयत्र पैना कर्रा

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ६ कुवाँर । मानसिक स्वास्थ्य समस्या रहल व्यक्तिनहे परिचयत्र पैना कर्रा रहल जनागिल बा ।
कोसिस नेपालके आयोजनामे नीतिगत संलग्नता सामाजिक समावेशीकरण तथा स्वपैरबी मार्फत मानसिक स्वास्थ्यको मुलप्रवाहीकरण (समाहित) परियोजना अन्र्तगत संचारकर्मीन तथा मानसिक स्वास्थ्य समस्या रहल व्यक्तिविच कैगिल अन्तरक्रिया कार्यक्रममे उ बाट जनागिल हो ।
कोशिस नेपालके सिनियर प्रोजेक्ट अधिकृत बसन्ती शाही मानसिक स्वास्थ्य समस्या रहल व्यक्तीहुकनहे परिचयपत्र पैना समस्या रहल बटैली ।
धनगढी उपमहानगरपालिकाभिटर खुल्के आइल केल्ह करिब २ सय मानसिक स्वास्थ्य समस्या रहल व्यक्ती रहलमे ओम्ने करिब ४२ जाने केल्ह परिचयपत्र पाइल उहाँ बटैली । मानसिक स्वास्थ्य समस्याफे १० मेरिक अपाङता रहल व्यक्तिभिटर पर्ना मने परिचयपत्र नैपाके उपचार ओ पाईपर्ना सेवासे बञ्चित रहल उहाँ बटैली ।
उहाँ कहली, मानसिक स्वास्थ्य समस्या रहल व्यक्ती नेपाल सरकारके परिचयपत्र पाइक लाग मनोसामाजिक चिकित्सक डाक्टरसे चेकजाँच कैलक प्रमाण पेश करलेसे परिचय पत्र डेना पैना समस्या रहल बा । धनगढी उपमहानगरपालिकामे उपचार खर्च पैना करके जम्मा एक जाने रातो परिचयपत्र पाइल कोशिस नेपालके सिनियर प्रोजेक्ट अधिकृत शाही बटैली ।
धनगढी उपमहानगरपालिका–१० जुगेडाके रामेश्वरी राना अपनहे पहिले मानसिक स्वास्थ्य रहल करिब १२/१३ बर्षसे समस्याके सामना करेपरल बटैली । उहाँ कहली, महिहे मानसिक स्वास्थ्य समस्या हुई वेहोस हुइना, कुछ पत्ता नैपैना समस्या हुए । औषधी उपचार ओ मनोसामाजिक परामर्श लेहलपाछे अब्बे ठिक हुइल बा ।
एक चो समस्या हुईलपाछे सदाके लाग औषधी खाई पर्ना ओरसे सरकारसे परिचयपत्रके व्यवस्था कैडेसे उपचारमे सहजता हुइना उहाँ बटैली । उहाँ कहली –पहिले पहिले मै महिनक १० हजार रुप्यक औषधी खाउ अब्बे भर कम हुइल बा । छोरलेसे फेर ओस्टे समस्या हुइना ओरसे कबु औषधी छोरे नैहुइना बटैली ।
मानसिक स्वास्थ्य समस्यासंगे ढेर मनैनके जमघटमे बोले नैसेक्ना, आपन समस्या बटाई नैसेक्ना अवस्था रहे, कोसिस नेपालमे संलग्न हुइलपाछे अब्बे सक्कु जानेन थेन निर्धक्क हुके बोले सेक्ना अवस्थामे पुगल बटैली । नेपालमे कुल नैसर्नारोगके समस्या मध्ये १८ प्रतिशत मानसिक रोगसे ओगटले बा । अपाङ्गता करैना प्रमुख १० कारक मध्ये ४ ठो मानसिक स्वास्थ्य समस्या परठ ।
राष्ट्रिय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण नेपाल, २०७७ के नतिजा अनुसार नेपालमे १३ से १७ वर्षके ५.२ प्रतिशत किशोरकिशोरीमे मानसिक स्वास्थ्य समास्या डेखल बा । जेम्ने २.८ प्रतिशतमे चिन्ताजन्य समस्या, ०.६ प्रतिशतमे डिप्रेसनके समस्या पाइल बा ओ ३.९ प्रतिशतमे आत्महत्यासम्बन्धी सोच पाइल बा । १८ वर्षउप्परके व्यक्तिमे १० प्रतिशतमे मानसिक स्वास्थ्य समस्या डेखल बा । जेम्ने ३ प्रतिशतमे चिन्ताजन्य समस्या, २.९ प्रतिशतमे डिप्रेसन, ०.२ प्रतिशतमे साइकोसिस ओ ७.२ प्रतिशतमे आत्महत्यासम्बन्धी सोचके अवस्था डेखल बा ।
विश्वभरमे लगभग २० प्रतिशत बालबालिका तथा किशोरकिशोरीमे भावनात्मक, व्यवहारिक तथा अन्य खालके मानसिक स्वास्थ्य समस्या हुइल अध्ययनसे डेखाइल बा ।
वि. सं. २०६५ मे प्रजनन उमेर समूहके महिलामे करल अध्ययन प्रतिवेदन अनुसार यी समूहके महिलाके मृत्युके पहिल कारण आत्महत्या पाइल बा । वि. सं. २०७२ के महाभूकम्पपाछे अपन परिवारके सदस्य ओ धनसम्पत्ति गुमैलक पीडा साथसाथै भूकम्पके प्रत्यक्ष अनुभव करलमध्ये ३४.२ प्रतिशतमे डिप्रेशन, ३३.८ प्रतिशतमे चिन्ताजन्य समस्या, २०.४ प्रतिशतमे मादक पदार्थके दुव्र्यसन ओ ५.२ प्रतिशतमे आघातजन्य समस्या पाइल रहे ।
गरिबीके अवस्थामे रहल ब्यक्ति, उपचार सेवा पैनासे बन्चित तथा बेवारिसे व्यक्ति तथा बालबालिका, महिला (एकल, गर्भवती, सुत्केरी, घरेलुतथा लैगिक हिंसाबाट प्रभावित), द्वद्व प्रभावित तथा पूर्व लडाकु, शारीरिक, मानसिक वा यौनिक हिँसा ओ दुव्र्यवहारमे परल व्यक्ति, जेष्ठ नागरिक, लागुऔषधी (मादक पदार्थसहित) दुव्र्यसनमे परल व्यक्ति अल्पसङ्ख्यक समूहमे रहल व्यक्ति, मानव अधिकार उल्लङ्घन तथा विभेदमे परल व्यक्ति, यौनिक तथा लैङिक अल्पसंख्यक व्यक्ति, कारागारमे सजाय भोग्टी रहल व्यक्ति, प्राकृतिक विपदमे परल व्यक्तिमे मानसिक स्वास्थ्य समस्याके जोखिम रहल पाइल बा ।
