आधुनिक कृषि औजारके प्रयोगसे कृषि कार्यमे सहजता

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २४ कुवाँर । पहिले पहिले किसानहुकनहे धान कटनासे लेके डैनामे करिब दुई–तीन महिना लग्ना करे मने पछिल्का समय कृषि क्षेत्रमे टमान मेरिक आधुनिक कृषि मेसिनरी उपकरण भिटरलपाछे काम कैना सहज हुइटी गैल बा ।
विगतके दिनमे किसानहुक्रे हातले धान कटना, काटल धान तीन–चार दिन सुखुवाके पुली बँध्ना, पुलि बाँँधके सेकलपाछे खेटुवामे सइको लगैना करिट ।
खेटुवामे लगाइल सक्कु धान काटके सेकलपाछे अन्तिममे बाँचल खेटुवामे थारु समुदायसे रिति संस्कृति अनुसार औलि उटरना करजाए । गोहुँ बोइना छेक आइलपाछे सइकोक धान बोक्के खेन्हवामे लाइनसे खरही लगैना करजाए । फेरसे एक ओर धान डैना सुरु होए, दुसर ओर गोँहु बोइना ।
धान डौनीफे पुस–माघसम जाए । रातके तीन चार बजेसे भैस गोरुनके माली जोरके डौँरी डैना करजाए जिहीसे सकारेक शारिरीक कसरत (मोनिङ वक) अपनही होजाए । एक ओर रातके चार–पाँच बजेसे भैस–गोरुनले हर जोटना करजाए ।
पछिल्का समय कृषि क्षेत्रमे टमान मेरिक आधुनिक कृषि मेसिनरी उपकरण भिटरलपाछे काम कैना सहज हुइटी गैल किसानहुक्रे बटैठैे बटै । नेपालके अब्बे मेसिनके धान लगैना, गोँह बोइनालगायत अन्नवाली कटना, थ्रेसिङ कैना ओ जोटना प्रविधिके विकाससे कृषि कार्यमे सहजता ओ विकास हुइल बा ।
कैलारी गाउँपालिका वडा नम्बर ५ के किसान सिताराम चौधरी पहिले धान कटनासे लेके डैना तीन चार महिना लग्ना करल बटैठै । उहाँ कहलै, पछिल्का समय कृषि क्षेत्रमे टमान मेरिक आधुनिक कृषि मेसिनरी उपकरण भिटरलपाछे उ काम हप्ता दिनमे करेसेक्ना अवस्था बा ।
धान लगैना, कटना महिना दिन लागे किसान चौधरी कहलै, अब्बे धान, गोँह्ु काटेक लाग कम्पेन, रिप्फर, हाते मेसिनके विकास होसेकल बा । हाते मेसिन ओ रिप्फरले कटलेसे पुली बाँधेपर्ना, थ्रेसिङ करे पर्ना मने कम्पेनले कटाईबेर सिधे डाना निकर्ना करल बा ।
उहाँ कहलै, ‘पहिले किसानहुँक्रे हातले धान कटना, काटल धान तीन–चार दिन सुखुवा सेकलपाछे पुली बँध्ना, पुलि बाँँधके सेकलपाछे खेटुवामे सइको लगैना, बोक्के खरही लगैना, थारु मनै आधा रातसे डैना, जन्नी मनै ओसेना करिट, अब्बे कम्पेनसे कटना ओ हातले काटन धान गोँहुहे थ्रेसिङके व्यवस्था हुइलपाछे न काटे, न डाँई पर्ना नाटे ओसाई पर्ना, एक–दुई दिन सुख्वाके सिधे डेकरीमे जकाई सेक्ना सुविधा हुईल बा ।
आपन विगतके अनुभव सुनैटी उहाँ पहिलेक बैठौनी लगाईबेर गुरही, अष्टिमकीसम पुग्जैना, धान कटना, डैना माघसम पुग्जैना करल बटैठै । अब्बे भर बैठौनी (धान लगैना) असारमे ओराजैना, धान कटनी, डँवैना अगहन पुगे नैपैटीकी ओरैना करल बटैठै ।
विफेक रोज उहाँ रिप्फरके प्रयोगकसे अक्के दिनमे एक विघा धान काटल बटैलै । उहाँ कहलै, ‘यिहे धान ४/५ जाने मजदुर मिल्के हातसे कटलसे एक हप्ता लागट । मेसिनरी (कृषि औजार) से किसानहे ढेर फाइदा पुगैले बा । मेसिनके प्रयोगसे धान काटलपाछे समयके बचत, खेतीके काम हाली ओ सजहल हुइल बा ।’
ओस्टेक करके कैलारी–५ किसान राजेन्द्र चौधरीफे मेसिनके प्रयोग करके खेतीबारी करेबेर मेहनत कम लग्न, हातले कैना काम मेसिनसे करलपाछे शारीरिक मेहनत घटल बटैलै ।
उहाँ कहलै, ‘खेटुवा जोत्न, बिउ छिटना, मल डर्ना ओ कट्ना मेसिनसे काम मजा रहठ ओ उत्पादनफे बह्रठ । मेसिनके प्रयोगसे खेती करेबेर लागत कम लग्ना, काम हाली हुइना, प्रभावकारी हुके मजदुरमे खर्च कम परठ ।’
किसान चौधरी मेसिनरीसे किसानहे आधुनिक ओ वैज्ञानिक खेती कैना सजहुल बनाइल बटैठै ।
यी बरस ढिला बर्खा भागल मने खेटुवामे किसानके धानवाली पाकके तयार हुइल ओरसे किसानहुँक्रे विघाके ८/९ हजार रुप्या टिरके कम्पेनले धान कटैनाओर ढेर आकर्षिक हु्इल बटै । कम्पेनसे धान गोँहुँ कटाईबेर मेहनत अक्को नैलग्ना मने पैँरा ओ बुसा खेटुवामे रहिजैना समस्या डेखापरठ ।
