थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत १४ सावन २६४९, मंगर ]
[ वि.सं १३ श्रावण २०८२, मंगलवार ]
[ 29 Jul 2025, Tuesday ]

विचार

रोजगारीके अस्रामे मुक्त कमैया

रोजगारीके अस्रामे मुक्त कमैया

कमैया मुक्ति घोषणा हुइल २५ वर्ष पुगल बा । २०५७ सावन २ गते सरकारसे कमैया मुक्तिके घोषणा करले रहे । मुक्ति घोषणा हुइल वर्ष जन्मल मुक्त कमैयाके छावाछाइ लक्का जवान हुइल बटैं, जिहिनहे ओइनके अभिभावक कैसिक जमिन्दारके सास्ती खेपल पटा नैहो
कमैयामुक्तिः विगतके संघर्ष, वर्तमानके चुनौती ओ भविष्यके स्पष्ट योजना

कमैयामुक्तिः विगतके संघर्ष, वर्तमानके चुनौती ओ भविष्यके स्पष्ट योजना

कमैया प्रणाली नेपालके सुदूरपश्चिम ओ लुम्बिनी प्रदेश तराईके पाँच जिल्ला—दाङ, बाँके, बर्दिया, कैलाली ओ कञ्चनपुरमे थारुसमुदायसंग गहिर रूपमे गाँसल ऋणमे आधारित बन्धुवा श्रम प्रणाली हो । नेपालके इतिहासमे श्रमशोषणके सबसे अमानवीय रूप
खेटुवामे गुन्जे छोरल सजना

खेटुवामे गुन्जे छोरल सजना

थारू कृषि लोकगीतमे द्वापर युगके श्रीकृष्ण ओ महाभारतकालीन गाथा समाहित हुइनाले थारू समुदायमे प्राचीन कृषि प्रणालीके झझल्को विल्गाइठ । रोपाइँके बेला घामपानीसे जोग्न छटरी (डन्डी नैरहल परम्परागत छटरी) टरे बैके धानके बेर्ना उखर्ना
सुकौराकोट दरवार

सुकौराकोट दरवार

परिचय सुकौराकोट दरवार साविक उरहरी गाँउ विकास समिति वडा नं. ९ हाल तुलसीपुर उपमहानगरपालिका वडा नं. ११ सुकौरा गाँउमे परठ । महाभारत श्रंखलासे बहल पातुखोलाके पूर्वी तट शिवालिक श्रृंखलाके फेदसे बहल बबई नदीके उत्तरी तटमे रहल यी स्थल थारु
चुनौतीके चक्रव्यूहमे नेपाली अर्थतन्त्र

चुनौतीके चक्रव्यूहमे नेपाली अर्थतन्त्र

नेपालके अर्थतन्त्र अब्बे टमान घरेलु ओ बाह्य चुनौतीके दोहोरो चक्रव्यूहमे फसल बा । महामारीपाछेक पुनरुत्थान, वित्तीय अनुशासनके कमी, कर्जा वितरणके विकृति, ओ संस्थागत कमजोरीके कारण आर्थिक प्रणाली अस्तव्यस्त बनल बा । आउर नियमनकारी
रानाथारु वैशाष कि चराई काहे मनात

रानाथारु वैशाष कि चराई काहे मनात

द्वापर युग से कलियुगमें खकडेहरा पर्व के बाद चैत कि चराई मानत आए है पर चैत कि–चराई मनायक अगले वैशाष कि चराई काहे मनात है ? परापूर्व काल घेन कि बात है जगत भुईंहार एक नामी सिद्धी प्राप्त भर्रा रहय (भुईंहार–भर्रा) एकय बात है आजकल हम जाधा
विष्णुप्रति समर्पित कृष्ण एकादशी

विष्णुप्रति समर्पित कृष्ण एकादशी

यी वर्ष चैत्र १२ गते मंगरके रोज पापमोचनी एकादशी परल रहे । चैत्र कृष्ण एकादशी तिथिहे पापमोचनी एकादशीके नामसे चिन्हजाइठ । हिन्दू पञ्चांग अनुसार प्रत्येक महिनाके ११औं तिथिहे एकादशी कहिजाइठ । एकादशीहे भगवान विष्णुप्रति समर्पित
“सबै सुविधा दिएकै छु, तर किन अझै खुसी छैन?”

“सबै सुविधा दिएकै छु, तर किन अझै खुसी छैन?”

आजको समाजमा, हामी सबैलाई प्रगति र सफलता प्राप्त गर्नका लागि भौतिक सुविधा र बाह्य पहिचानहरूको महत्त्व धेरै बढेको छ। महंगा विद्यालय, विदेशका सपना, र सामाजिक संजालका प्रभावका कारण हामी आफ्ना बच्चाहरूलाई सबै सुविधा दिन्छौं – उत्कृष्ट
नेपालका कामकाजी महिलाहरू: मानसिक स्वास्थ्य र सामाजिक जिम्मेवारी

नेपालका कामकाजी महिलाहरू: मानसिक स्वास्थ्य र सामाजिक जिम्मेवारी

नेपालमा महिलाहरूको जीवनमा मानसिक स्वास्थ्यको महत्व दिनानुदिन बढिरहेको छ। कामकाजी महिलाहरूलाई कति चुनौतीपूर्ण र दबाबपूर्ण जीवनयापन गर्नुपर्दछ भन्ने कुरा हामी सबैलाई थाहा छ। यिनीहरूका दैनिक जिम्मेवारीहरू—घर, परिवार, र कार्य—तीव्र
जन्डिस रोग नैहो, एक लक्षण हो !

जन्डिस रोग नैहो, एक लक्षण हो !

जन्डिस कहलक का हो ? जन्डिसमे शरीर काहे हरडयार हुइठ ? जन्डिस का कारणसे हुइठ ? जन्डिस मुख्य कारणहे तीन भागमे वर्गीकृत करे सेकठः १. कलेजो से आघेक कारण (प्रि–हेपाटिक): मलेरिया, सिकलसेल एनेमिया जैसिन रोगले लाल रक्तकोशिका तीव्र रूपम टुटेबेर ।