पहुरा
१९ मंसिर २०७७, शुक्रबार
सबके अलग पहिचान रहठ । हमार थारु जातिनकेफे अपन अलग्गे पहिचान बा । अलग टरटिहुवार बा । बिल्कुले फरक नाचगान बा । अलग रितिरिवाज, चालचलन, पहिरन बा । फरक भाषा, फरक रहनसहन बा । हमार छुट्टे पहिचान बा । मने आब ओहे पहिचान हेराइ लागल बा । हमार पहिचान