सावनसे मुख्यमन्त्रीके तलब ७१ हजार !
लखन चौधरी
धनगढी, ३ असार । कोरोना भाइरस (कोभिड १९) के कहर मचल बेला सुदूरपश्चिम प्रदेशके प्रदेश सांसदसे लेके मुख्यमन्त्रीके तलब बह्रल तथ्य बाहेर आइल बा ।
फागुन २९ गते बैठल मन्त्रीपरिषद्के बैठकसे तलब बृद्धि कैना निर्णय कर्लेसे फेन उ निर्णय गुपचुपमे राखगिल रहे । मने पहिलेक् तलबमे १६ से १८ प्रतिशतसम पारिश्रमिक बह्राइल तथ्य हाले बाहेर आइल हो ।
मन्त्रीपरिषदके उ बैठकसे मुख्यमन्त्री ओ मन्त्रीके पारिश्रमिक तथा सुविधा सम्बन्धी ऐन २०७५ के अनुसूची १ संशोधन करके सेवा सुविधा बह्रागिल बा । ऐनके अनुसुची संशोधन करटी मुख्यमन्त्री, मन्त्री, राज्यमन्त्री सहायक मन्त्रीके पहिलेक् मासिक पारिश्रमिकमे १६.४५ प्रतिशत बह्रागिल बा । अनुसुची संशोधनपाछे आब मुख्यमन्त्रीके ७१ हजार, मन्त्रीहुकनके ६३ हजार, राज्यमन्त्रीके ६० हजार ओ सहायक मन्त्रीके मासिक पारिश्रमिक ५८ हजार रुपैया पुगल बा । बह्रल तलब साउन महिनासे भोग करे पैना हुइल हुइट ।
यहिलेसे आघे मुख्यमन्त्री ओ मन्त्रीहुकनके पारिश्रमिक तथा सुविधा सम्बन्धी ऐन २०७५ अनुसार मुख्यमन्त्रीके ६० हजार ९७०, मन्त्रीहुकनके ५४ हजार, राज्यमन्त्रीके ५१ हजार ओ सहायक मन्त्रीके मासिक पारिश्रमिक ४९ हजार रहल रहे ।
मन्त्रीपरिषद् बैठकसे प्रदेश सभाके पदाधिकारी तथा प्रदेश सभा सदस्यहुकनके पारिश्रमिक सम्बन्धी ऐन २०७५ के अनुसुची फेन संशोधन करल तथ्य खुलल बा । प्रदेश सभासे संशोधन नैकरके सोझे मन्त्रीपरिषदसे संशोधन करके प्रदेश सभा सदस्यहुकनके तलब १८ प्रतिशत बह्रागिल बा ।
संशोधित अनुसुची अनुसार सभामुखके ६४ हजार, विपक्षी दलके नेता ओ उपसभामुखके ५९ हजार ५ सय, सत्ता पक्षके प्रमुख सचेतक तथा सभापतिके ५७ हजार ५ सय, सत्ता पक्षके सचेतक तथा विपक्षी दलके प्रमुख सचेतकके ५७ हजार ओ प्रदेश सभा सदस्यहुकनके ५६ हजार ५ सय रुपैया मासिक पारिश्रमिक पुगल बा ।
यहिसे आघे प्रदेश सभाके पदाधिकारी तथा प्रदेश सभा सदस्यहुकनके पारिश्रमिक सम्बन्धी ऐन २०७५ अनुसार सभामुखके ५५ हजार, विपक्षी दलके नेता ओ उपसभामुखके ५१ हजार, सत्ता पक्षके प्रमुख सचेतक तथा सभापतिके ४९ हजार ५ सय, सत्ता पक्षके सचेतक तथा विपक्षी दलके प्रमुख सचेतकके ४९ हजार ओ प्रदेश सभा सदस्यहुकनके ४८ हजार मासिक पारिश्रमिक तोकगिल रहे ।
यकर संगे मुख्यमन्त्री मासिक २५ हजार ओ मन्त्रीहुक्रे २० हजार रुपैया आवास सुविधा पैटी आइल बाटै । कलेसे प्रदेश सभा सदस्यसे सभामुखसम मासिक १७ हजारसे २२ हजार रुपैया भोग करटी आइल हुइट ।
साथे फर्निचर, सवारी, मोबिल, सञ्चार, धारा, बिजुली, दैनिक तथा भ्रमण भत्ता ओ विदेश (डलर) ओ अतिथि सत्कार करके ११ मेरके विलासी सेवा सुविधा भोग करटी आइल बाटै ।
प्रदेश सरकारके मुख्यन्यायधिवक्ता कुलानन्द उपाध्याय ऐन संशोधनके लाग प्रदेश सभामे पेश हुइक पर्ना बटैठै । मने ऐनभिट्रके अनुसुची भर क्याबिनेटसे संशोधन करे सेकजिना व्यवस्था रहल उहाँ जिकिर कर्लै ।
यहेबीच सुदूरपश्चिम प्रदेश सभासे स्थानीय तहके पदाधिकारीहुकनके सेवा सुविधा डेहक लाग ऐन संशोधन कर्ले बा । सर्वोच्चके फैसालापाछे रुकल तलब फेरसे उपलब्ध कराइक लाग तलबके ठाउँमे सेवा सुविधा उल्लेख करके पारिश्रमिक डेहे लागल हो ।
यि फेन पह्रे सेक्बी स्थानीय तहका पदाधिकारीलाई ‘मासिक पारिश्रमिक’ को सट्टा १० थरीका ‘सुविधा’