थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत १४ बैशाख २६४८, शुक्कर ]
[ वि.सं १४ बैशाख २०८१, शुक्रबार ]
[ 26 Apr 2024, Friday ]

पँचवा राष्ट्रिय थारू साहित्य सम्मेलनके एक अनुभव

पहुरा | ३१ बैशाख २०७८, शुक्रबार
पँचवा राष्ट्रिय थारू साहित्य सम्मेलनके एक अनुभव

गोरी डराई

मानव सभ्यताके विकासक सँगसँग हरेक जाति समुदायके भाषा, कला साहित्य, परम्परा, रहनसहन,संस्कृति, सभ्यताके विकास हुइ पुगल । भाषा, साहित्य, कला, संस्कृति कलक त मनैन जोर्ना बलगर करी हो । नेपालफे एकठो भाषिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, भौगोलिक रुपम विविधता रलक अनुपम सुन्दर देश हो । देशके जनसङ्ख्याम चौठा हिस्सा अग्वाटल थारूफे सांस्कृतिक रुपम धनी बाट । हमार आपन भाषा, साहित्य, संस्कृति रलक कारण मौलिक पहिचान छुट्ट मेरिक रलक सबजन स्वीकर्ल बाट ।

एक ठाउँक मनैनसे दुसर ठाउँक मनैन जोर्ना सबसे बलगर मूल आधार कलक भाषा हो । ओहमार थारु भाषा, साहित्य, कला, संस्कृतिके विकास, संरक्षण, संवर्धन, प्रवद्र्धन कर्ना महान उद्देश्यले विगत २०७२ ठेसे २०७७ सालसम थारु साहित्यिक अगुवा, अभियन्ता, अग्रज साहित्यकार, कलाकार, बुद्धिजीवि हुक्र थारु साहित्यिक म्यालाके नाउँसे सुरु कर्लक अभियान आब्बक अवस्थामा राष्ट्रिय सम्मेलनके रुपम अघारी बहर्टी बा । यह क्रमम वि.स.२०७३ बैशाख ३ ओ ४ गते दाङके घोराहीम, ओह बरस चैतके १९ ओ २० गते कैलालीके धनगढीम, २०७४ माघ ४,५ ओ ६ गते बर्दियाके बढैयातालम ओसहख २०७५ चैत २२ ओ २३ गते रुपन्देहीके मुर्गियाम सम्पन्न हुइल । कोभिड–१९ के कारण २०७६ मोरङके विराटनगरम तय हुइल कार्यक्रम स्थगनले सम्मेलनके आयोजना हुइ निस्याकल रह । तर २०७७ सालम जसिक फे यी सम्मेलन र्वाकक् निहुइट कैक थारु लेखक संघ नेपालके अध्यक्ष कृष्णराज सर्वहारीके समन्वयम अग्रज अभियन्ता एवम् साहित्यकार शुशिल चौधरी, सोम डेमनडौरा लगायतके विभिन्न जिल्लक साहित्य अनुरागी हुकहनके प्रयासम २०७७ चैत २१ ओ २२ गते कर्णाली प्रदेशके राजधानी वीरेन्द्रनगर–१० नयाँगाउँ थारु होमस्टेम पँचवा राष्ट्रिय थारु साहित्य सम्मेलन सम्पन्न कैगिल ।

सम्मेलनके तयारी ओ छलफल

कौनोफे कार्यक्रम करक लाग योजना, व्यवस्थापन परिचालन महत्वपूर्ण रहठ । कार्यक्रमके उद्देश्य पूरा करक लाग स्थानीय जिल्लास्तरसे लेक केन्द्रसम समन्वय, सम्पर्क ओ खटनपटन आवश्यक रहठ । यी सम्मेलनके बारेम सबसे पैल्ह कृष्णराज सर्वहारीके सरसल्लाहम सोम डेमनडौराके संयोजनम २०७७ फागुन २४ गते राट्ख जुम मिटिङ कैगिल । कार्यक्रम काहाँ कर्ना कना विषय केन्द्रित रह । धेर जहनके सरसल्लाह अनुसार सुर्खेत प्रस्ताव कर्ल, सागर कुश्मी कञ्चनपुर करी कल, अन्त सम्भव नैहो कलसे काठमाठौँ तयार बा, तर सम्मेलन कौनोफे हालतम नैरोक्ना अडान ढर्ल । यी साल सुन्य अवस्था नैढर्ना हो कल । खास कैक अत्रा भारी राष्ट्रिय स्तरके कार्यक्रम सुर्खेतम कर सेक्जाइ कि नाइ कना प्रश्न रह । असिन कार्यक्रम कब्भुफे नैकैगिलक कारण मानसिक रुपम तयार ह्वाए नैसेक्ल रहु । ओहमार सुर्खेत कार्यक्रम कर्नाम अन्कनाइटनहु । दुई चार दिनके समय मङ्नु ।

थाकसके अध्यक्ष बेचुलाल चौधरीसे नैतिक समर्थन आइल, केन्द्रीय सदस्य मानबहादुर चौधरीफे ठिक बा स्याकटि कलसे करी कना बट्वोइल । सनिसरा महतम चाहिँ जसिकफे यी कार्यक्रम सुर्खेतम धरही परठ कना बात आघ सर्ल । सुर्खेतम कार्यक्रम कर्ना विषयम कोइ ठिक हो कल कोइ अगुन न छगुन बात बटोइल ।

ओसहख फागुनके २६ गतेक जुम मिटिङम फे स्थान निर्धारणके विषय ओ काका विषय, प्यानलिष्टके सवालके बारेम छलफल कर ब्याला सुशिल चौधरी, बालिका चौधरी, सोम डेमनडौरा, दिलबहादुर चौधरी लगायतके संघरेन सुर्खेतम नै ढर्लसे मजा हुइ कना सुझाव आइल । यी विषयम फाइनल निर्णय करक लाग २९ गतेक मिटिङम निश्चित कर्ना रह ओह अनुसार मै सुर्खेतके थाकसके पदाधिकारिनसे फोन मार्फत समन्वय कर लग्नु । के खोज्छस कानो आँखो कहसक २९ गते थारु महिला सभाके प्रथम अधिवेशन रह । ठिक्क ओह अधिवेशनम मै राष्ट्रिय थारु साहित्य सम्मेलनके विषयम बात ढर्नु । थाकसके अध्यक्ष बेचुलाल चौधरीसे नैतिक समर्थन आइल, केन्द्रीय सदस्य मानबहादुर चौधरीफे ठिक बा स्याकटि कलसे करी कना बट्वोइल । सनिसरा महतम चाहिँ जसिकफे यी कार्यक्रम सुर्खेतम धरही परठ कना बात आघ सर्ल । सुर्खेतम कार्यक्रम कर्ना विषयम कोइ ठिक हो कल कोइ अगुन न छगुन बात बटोइल । महिला सभा गठन कैक हम्र पातलगंगक सामुदायिक थारु होमस्टेके संचालक अध्यक्ष दिलबहादुर चौधरी, रामकृष्ण चौधरीसे भेटघाटके क्रमम गैली । उहाँ हुक्रफे सकारात्मक बात देल । ओसहख कर्णाली प्रदेश थारु होमस्टे नयाँगाउँके संचालक जेबि डेमनडौराकठे गैली उहाँफे सहयोग कर सेक्जिना बटोइल । करिब १५० जहन मेसम खानाके व्यवस्थापन कर सेक्जिना कल । असिक अन्य बुद्धिजीवि, थारु अगुवा, महिला हुकहनसेफे छलफल कैगिल सबजनके आश्वासन सर सल्लाहअनुसार फागुनके २९ गते रातिक ८ बजेक जुम मिटिङम सुर्खेतम सम्मेलन ढर्ना टुङगो लगागिल ।

सम्मेलन तयारी ओ खटनपटन

वास्तवम मनैनके च्वाला पैबो त कौनो न कौनो पक्षसे जीवन जोर्गिल रहठ । मै फेन व्यक्तिगत रुपम एकठो पेशागत हिसाबसे शिक्षक हुँ । तब्बोपर फेन आफन पेशाबाहेक सामाजिक, सांस्कृतिक साहित्यिक क्रियाकलापम रुचि ढर्ठु । सायद ओहमार अग्रज दाजु डा.कृष्णराज सर्वहारी, सुशिल चौधरी, सोम डेमनडौरा, बालिका चौधरी लगायतके धेर संघरेनके अर्जीह नाइ कह नैसेक्नु । हरेक कार्यक्रमह सफल बनाइक लाग सबसे भारी बात टिम बनाक कामके बाँडफाँड कैक कर्लसे सहज हुइठ । यकर लाग व्यवस्थापन, परिचालन ओ सञ्चालन कर्ना कमिटि बनाइ पर्ना जरुरी रहठ । ओहअनुसार कामके जिम्मेवारी भूमिका निभैलसे सजिलो कामके लोडफे कम परठ । कार्यक्रम सुर्खेत हुइना निश्चित हुइटी कि मै स्थानीय सरकारके जनप्रतिनिधि, प्रदेश सरकार अन्तर्गत विभिन्न मन्त्रालयसे आर्थिक सहयोग जुटाइक लाग व्यक्तिगत प्रयास सुरु कर्नु । केन्द्रसे कार्यक्रमके सेडुल, प्रपोजलके ड्राफ्ट कृष्णराज सर्वहारीसे मगैनु । प्राप्त प्रपोजलह काँटछाँट कैक तयार बनैनु ।

सुर्खेतके स्थानीय बुद्धिजीवि, थाकसके पदाधिकारिनसे समन्वय कर्टिकि मै सम्मेलनह सफल रुपम सम्पन्न करक लाग मूल व्यवस्थापन समिति बनाइक लाग केन्द्रक संघरेनसे समन्वय कर्टि चैत ८ गते बिहान्ख ७ बजे थारु कल्याणकारिणी सभा, थारु महिला सभा, थारु युवा सभा,कर्मचारी, विद्यार्थी लगायत बुद्धिजीवि समाजसेवी आदि सक्कुजहन निउँटा कैक संयुक्त बैठक ढैगिल । म्वार संयोजकत्वम पँचवा राष्ट्रिय थारु साहित्य सम्मेलन मूल व्यवस्थापन समिति गठन हुइल । ऊ बैठकम सबजहनके विचार एकदम उत्साहित ओ सकारात्मक रलहिन् । सबजन यी कार्यक्रमह सुर्खेतके पहिचानसे जोर्ख बटोइल रलह ।

मूल व्यवस्थापन समितिके रोहबरम कामके बाँडफाँड कर्ना उद्देश्यले महिला सभाके अध्यक्ष राज कुमारी चौधरीक संयोजकत्वम आर्थिक व्यवस्थापन उपसमिति, पार्वती चौधरीक संयोजकत्वम भोजन व्यवस्थापन उपसमिति, युवा सभाके अध्यक्ष दिलबहादुर चौधरीक संयोजकत्वम बास व्यवस्थापन उपसमिति, थाकसके सचिव जित बहादुर चौधरीक संयोजकत्वम प्रचार प्रसार उपसमिति, सन्तोष चौधरीक संयोजकत्वम स्वयम्सेवक उपसमिति मूल व्यवस्थापन समितिह सरसल्लाह देना सनिसरा महतम, नोद नारायण चौधरी,पवनकुमार थारु, बेचुलाल चौधरी, जागुराम थारु सहित पाँच सदस्यीय सल्लाहारकार समिति गठन कैगिल ।

स्वयम् पंक्तिकार ओ सनिसरा महतम गाउँ गाउँम जैना प्रचार प्रसार कर्ना बास व्यवस्थापनके लाग बट्वोइना करी । यह क्रम नयाँगाउँक थारु अगुवा बाँधुराम थारु, कल बहादुर थारु, बालकृष्ण थारु ओ जित बहादुर चौधरीसे बास व्यवस्थापनके विषयम घनिभूत रुपम छलफल कर्लि ।

कार्यक्रमके प्रचार प्रसार थारु मिडिया लगायत स्थानीय पत्रपत्रिका व्यापकता पाइल । विभिन्न समिति उपसमिति गठन हुइटी कि चैत ९ गते महिला टोली, सल्लाहकार सहित तयार पारल प्रस्तावना पत्र उद्योग पर्यटन वन तथा वातावरण मन्त्रालयम पेश कर गैली । मन्त्री ओ सचिव दुनुजहनसे भ्याट नै हुइल । दुसर दिन सचिवसे तोक लगाक दर्ता करैली । विना योजनाके बिचम आसिक पैसा निपाजाइठ कैक फाँटके कर्मचारी आफन विवस्था बट्वाइल तर फेन दान दान कौनो शीर्षकम मिलाक प्रयास कर्ना आश्वासन केल मिलल् । पाछ सोधपुछ करट घरिम असिन कामले फाँटम नाअइहो कना खबर आफन जातिक थारु कर्मचारीमार्फत आइल । ओसहख सामाजिक मन्त्रालयम फेन मन्त्रीसे तोक लगाक पेश कर्लि । पैसै छैन यस्तो प्रपोजलको कामै छैन कैक फाँट महिला अधिकृत बर कर्रसे बर्बराइल पेश कर गैलक हम्र चक्वा गैली । स्थानीय निकाय वीरेन्द्रनगर नगरपालिकाके मेयरसे फोनमसे बात हुइटी रह । मेयर भेटम्ला कह समय नैमिल ।

दिनपात बित लागल ओहर केन्द्रसे झन नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठानसे जम्म पचहत्तर हजारकेल मिलता भाइ कैक कृष्णराज सर्वहारी दाजु जानकारी करैल । दिनभर स्कुल पह्राउ खाली घण्टी हुइटी कि घनी मन्त्रालय घनी नगरपालिका ढैटी रनु । उपाय निलग्नासक लागल थारु लेखक संघके व्यार्नरम सहयोग रसिद छपैनु । सहयोग रसिदह बिस बिस सङ्ख्याम विभाजन कर्ना सल्लाह थारु लेखक संघके सल्लाहकार दिलबहादुर चौधरी देल । ओहअनुसार पवन कुमार थारुके पसलम बिहान्नी भेट कैक पाँचठो ठेली २५ ठो सङ्ख्याम बट्ली । पैसा उठाइक लाग गाउँ गाउँम जिम्मेवार समितिक सदस्यन देनु कहुसे पैसा निउठठो कना खबर आए । बैस्ना व्यवस्थापनके लाग बास व्यवस्थापनके संयोजक दिलबहादुर चौधरी बैठकके दिनसे गायब होगिल । कुछ संघरेन यी पन्नक भाइटो हुइटिस् कना मेरके मानसिकताके कारण पैल्ह सहयोग कर्ना बचन दिहल मनैफे भट्क लग्ल । स्कुलसे छुट्टी हुइटी कि सल्लाहकार सनिसरा महतमह ढिरढिर्याम बैठाख गाउँ गाउँम छलफल कर्टि सहयोग माग लैजाउ । जिम्मा लिहल समितिक संघरेन फोन करु म्वार फुर्सद नैहो कना उत्तर आए । हरेक दिन सहयोग जुटैना कामम भैँभैँ दौरटी रनु । दिनम दुईचार तालसम सर्वहारी दाजुसे फोन ह्वाए । यिहीसे आघ सम्मेलन रुपन्देहीम हुइल रह । अन्त कार्यक्रम करल ठाउँक का कसिन अनुभव बा कैक कैयो ताल रुपन्देहीक बम बहादुर थारुसे फोनम बात कर्नु । उहाँ हुक्र प्रदेश सरकारके सामाजिक मन्त्रालयसे साँढे दुईलाख पैलक बटोइल । तर कर्णाली प्रदेश सरकार हमार बात सुन्ना प्रयास नैकर । घनु घनु महिला सभाके टिम राजकुमारी चौधरी, निर्मला चौधरी, सनिसरा महतम, जागुराम थारुसे भेट करु । थाकसके सभापति बेचुलाल चौधरी संस्थाके छाप देक चुट्टर झराक काठमाडौँम रेशम चौधरी रिहा करैना बा कैक केन्द्रीय कार्यक्रमम फसक देल । यहर संघरेनके साथ सहयोग घनिभूत रुपम निपागिल ।

स्वयम् पंक्तिकार ओ सनिसरा महतम गाउँ गाउँम जैना प्रचार प्रसार कर्ना बास व्यवस्थापनके लाग बट्वोइना करी । यह क्रम नयाँगाउँक थारु अगुवा बाँधुराम थारु, कल बहादुर थारु, बालकृष्ण थारु ओ जित बहादुर चौधरीसे बास व्यवस्थापनके विषयम घनिभूत रुपम छलफल कर्लि । उहाँ हुक्र बडाभारी जिम्मेवारी बहन कैदेल कम्तिम ४५ जहनसम नयाँगाउँम पहुनन सुताइ सेक्जिना व्यवस्था हुइल । लग्घक कोनैठी गाउँम करिब १० जहनसम सुताइ सेक्जिना बात सन्तोष चौधरी ओ बुद्धिराम चौधरी जिम्मा लेल, भानपुरम १० जहनसम सेक्जिना बात आइल । ओसहख तिलपुरम होमस्टेमफे १२ जहन बास व्यवस्थापन हुइना बात सामुदायिक होमस्टेके अध्यक्ष मोतिराम चौधरी जानकारी देल, बाँकि पातलगंगा होमस्टेम आर्थिक व्यर्होना गरी बास व्यवस्थापन कर्ना सर सल्लाह हुइल ।

महीसे भुस्यायसक करठ मै चामचिम कामक लाग स्वयम् सेवक टिमह फोेनमसे बलाउ नैआदेल । बिहान्ख नयाँगाउँक इन्द्र चौधरी ओ और एकजन एघचिक काम कैदेल । भतअ भतअ दिर्ग चौधरीसे नयाँगाउँम पाल टाङक लाग बाँस माग गैली । इन्द्र चौधरी बाँसके व्यवस्था कैदेल हम्र बाँस गार्ख पाल टङ्ली ।

निकास टोल विकास संस्था लौवस्ताके साधारण सभा कार्यक्रमम वीरेन्द्रनगर नगरपालिकाके वडा नं २ के सदस्य सरिता चौधरीसे भ्याट हुइल । उहाँ ओह ब्याला प्रपोजल लेक अइहो कुछ रुप्याके व्यवस्था मै करम कैक बट्वोइल रलही । ओह अनुसार तत्काल मै थाकसके सदस्य रमेश चौधरीसे प्रपोजल पठैनु । दोसर दिन तुरुन्त वडा कार्यालयम फोन कैक बोलावा पठैल । उहाँ नगरपालिकाके कार्यपालिकाके सदस्य हुइलक कारण आफन कोषमसे करिब तिन लाख खर्च कर पैना अधिकार रहठ । उहाँ ५० हजार रकम देना कैख वडाके सिफरिस सहित नगरपालिकाके कार्यालयम पेश कर पठैल । उहाँसे पचास हजार पैना निश्चित हुइल । उ दिन ठनिक राहत महशुस कर्नु । नगरपालिकाके सदस्यसे पचास हजार प्राप्त हुइलक कारण नगरप्रमुख देवकुमार सुवेदी एक लाख देना तोक आदेश कर्ल । वीरेन्द्रनगर नगरपालिकासे जम्माजम्मी एक लाख पचास हजारके सम्झौता हुइल ।

लगभग कार्यक्रमके लाग रसिदमसे फेन आर्थिक संकलन जोर जम्मा कैसेक्ल रलही । हमार व्यवस्थापन समितिक संघरेन ठेली कट्ना कर्रा बा पैसा नैदेठ कना उत्तर मिल । ओहफेन महिला टोलीसे ज्यादा भरोसा मिलल । उठैना कामम बहुत आर्थिक संकलनम सबसे धेर श्री कृष्ण संस्कृत तथा साधारण मा.वि. इत्रामसे लगभग १५ हजारसे ध्यार उठैनु, बौद्ध ग्रामीण सहकारीसे अशोक चौधरी ओ निशु चौधरी १० हजारसे ज्यादा उठादेल । खोलीगाउसे लोक बहादुर चौधरी, ठौरीसे हरि चौधरी, लौवस्तासे रमेश चौधरी, बुदबुदीसे राज कुमारी, निर्मला, तातापानीसे पार्वती,संगिता, सुरज पटेनीसे अगुवा लालबहादुर आदि व्यक्ति हुकहनके सहयोगम दानदान सहयोग उठल बा । लगभग जम्माजम्मी ४८ हजार रसिदसे उठैली ।

कार्यक्रम लचपचे लग्घु आगिल । डा. कृष्णराज सर्वहारी, सुशिल चौधरी कार्यक्रमके सेडुल फे तयार बनासेक्ल रलह । ओह अनुसार कार्यक्रम सञ्चालनके लागफे छलफल कर्ली । रामकृष्ण चौधरीह अनुरोध कर्नु उहाँ अन्कनैल,कुछ तयारी निहो कल । पाछ सन्तोष चौधरी ओ मान कुमारी चौधरीह विकल्प खोजगिल । यहर मूल व्यवस्थापन समितिक सदस्य सचिव बल्गर भरोसा रलक संघर्या जित बहादुर चौधरी बेराम होख देउती नर्सिङम भर्ना हुइल सुन्नु त कन्पट्टिम मारलसक लागल कार्यमक्रम हुइना जग्मा दुई दिनकेल बाँकि रह । सम्पूर्ण कार्यक्रम उहाँक होमस्टेम कर पर्ना रह । उहाँ बिमार रलक थाहा पैटी कि तुरुन्त अस्पतालम सनिसरा महतमसे भ्याट गैली । उहाँसे बैठ्ख सामान्य बातचित हुइल । उहाँ गोसिन्या चिन्ता नाकरो मामा हम्र व्यवस्था कर्बी कली । भात भन्साम लग्ना सरसमानके सूचीफे सक्कु जनाडेली । मनमन भगवानसे पुकारा कर्नु झट्टहे चुम्मर करादेहो हमार जित बहादुर चौधरीहे ।

प्रचार प्रसार, चिठी बट्ना, व्यार्नर, व्याच, प्रमाण पत्र छपैना बाँकि रह । दिनभर स्कुल पह्राए जाउ सन्झ्या बिन्ह्या कार्यक्रमके तयारीक लाग गाउँगाउँ खुब दौरु । रात्ख चिठीपत्र, हरहिसाव बाँकि काम कसिक कर्ना ? किही किहीसे भेट्ना सेडुल बनाउ । घर परिवारसे बात कर्ना फे फुर्सद निह्वाए । जन्नी कभुकाल अस्त कर्बो त लर्कन्हक भविष्य बिग्री बाहारकेल ध्यान देठो । सामाजिक कामम केल लग्ठो कह । जन्नीक बात फे स्वभाविक लाग चामचिम रहु । बिहान्निक निक्रल सन्झाख बसेरा लिह केल घर पुगु । कयौ दिन त बिहानिक कल्वा होटलम खैनु । व्याच, व्यार्नर तयारी कर्ना कोहलपुरम रलक दीर्ग चौधरीके जिम्मा रलहिन लेकिन समय नामिल्ख सुर्खेतम छपैना कैख चैत १८ गते अइल । उहाँ हुकिहिन चिठी बट्ना जिम्मा देनु । उहाँक घर निर्माण हुइटी रलक कारण १९ गते दिनभर आफन कामम व्यस्त होगिल । जिम्मेवार संघरेन कामक जिम्मा देनु तर उपस्थित होख कामम नैजुट्देल । मै ओ सनिसरा महतम बिहानिक १० बजेसे रातिक ८ बजेसम व्यार्नर, व्याच, प्रमाणपत्र ओ अन्य सामग्री तयार पर्ली ।

कार्यक्रमके आघक दिन सन्झाख कहाँ कहाँसे कठ्याक सङ्ख्याम आइल बाट कैक टिपोट कैगिल । विभिन्न जिल्लासे आइल पहुनन कर्णाली प्रदेश थारु होमस्टे नयाँगाउँके अङ्गनाम गोलबद्ध होख परिचयात्मक कार्यक्रम धर्ली ।

२० गते बिहान्नी डा. कृष्णराज सर्वहारी ८ बजेक चिलगारीम काठमाडौँसे सुर्खेत आपुग्ल । पहुनन स्वागत कर हम्र एयरपोर्टम पुग्ली । भाइ गाडीक व्यवस्था करी कल कहु नैमिलल । अटो रिजर्ब कैक नयाँगाउँक होमस्टेम आनखन खानपिन खुवैली । पुस्तक पर्दशनी स्टल, भान्साक मेस स्टल बनैना बाँकि रह । कार्यक्रम स्थल ओहर जैना मूल हाइवेठे स्वागत व्यार्नर टङ्ना, गेटम टङ्ना काम, सन्झेक लाग पहुनन खुवैना खाद्य, तरकारी, हलम सुताइक लाग डसना कम्बल साउण्ड सिस्टम हरेक चास कार्यक्रम स्थलम पुगैना, भन्सरेनके व्यवस्था यावत काम कर्ना क्रमम दिनभर भेड्डी बजारसे होमस्टेम ओहर दोहर सायद १० तालसे धेउर हुइल हुई । काठमाडौँसे सुर्खेत आइल डा. कृष्णराज सर्वहारी, वरिष्ठ साहित्यकार नयनराज पाण्डे, महेश विक्रम शाह ओ नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठानके मातृभाषा विभागके प्रमुख लक्ष्मी माली सुर्खेतके पर्यटकीय क्षेत्र बुलबुले, काक्रेबिहार मन्दिर, देउती बजै मन्दिर लगायतके ठाउँ घुमक लाग गाडिक व्यवस्था कैदेउ कल । ओहर आफन काम धेर बा का करु कसिक करु कना छटपटी लागटह । होमस्टे सञ्चालक जित बहादुर चौधरी गाडिक व्यवस्था कर्ल । गाडीक व्यवस्था त हुइल भि.आइ.पी. गेष्ट हुइलक कारण सुतक लाग होटल खोज्ना महा कर्रा परल । उहाँ हुक्र थ्रिस्टार सिद्धार्थ होटल, शुभ होटल बाहेक अन्त राम्रो सुविधा छैन कैख कह लग्ल । सारा सुर्खेतके होटल प्याक रह । मनकामना गेष्ट हाउसम व्यवस्था हुइल लेकिन गेष्ट नैमान्देल । पाछ अप्नेहे कन्ट्याक्ट कैक निर्वाणा होटलम बास व्यवस्थापन हुइलिन् ।

विभिन्न जिल्ला जिल्लासे पहुनन् नेङ्लक खबर अइटी रह । यहर बजारसे खाद्य, तरकारी तथा और सरसमान जुटैना कामम कर्टि गैनु । दिन्ख विद्यार्थीन् बलाख काम कर लगैनु, आधा काम कैक भाग्देल । बिचरा बेमार मनै जित बहादुर चौधरी चित नैबुझिन् काहु । महीसे भुस्यायसक करठ मै चामचिम कामक लाग स्वयम् सेवक टिमह फोेनमसे बलाउ नैआदेल । बिहान्ख नयाँगाउँक इन्द्र चौधरी ओ और एकजन एघचिक काम कैदेल । etc etc दिर्ग चौधरीसे नयाँगाउँम पाल टाङक लाग बाँस माग गैली । इन्द्र चौधरी बाँसके व्यवस्था कैदेल हम्र बाँस गार्ख पाल टङ्ली ।

लगभग दिन्ख भात भन्सक सर सामग्री सब जुट्या सेक्ल रलही । सन्झेक पहुनन बेरी खवाइक लाग भन्सरेन ३ बजे बलैल रनहु, तर ४ बजे जुट्ल । भोजन व्यवस्थापनके संयोजक पार्वती चौधरी रलही । उहाँ एकदमै कडा अनुशासनम रैख कार्यान्वयन कर्ना स्वभाव बाटिन् । ओहमार भान्सक कामम सहज हुइल । भान्साम भन्सरेनसँग बालिका चौधरी फे अत्यन्तै मजा भूमिका निभैली । खानपिन व्यवस्थापनम लगभग मजसे करसक लागल ।

कार्यक्रमके आघक दिन सन्झाख कहाँ कहाँसे कठ्याक सङ्ख्याम आइल बाट कैक टिपोट कैगिल । विभिन्न जिल्लासे आइल पहुनन कर्णाली प्रदेश थारु होमस्टे नयाँगाउँके अङ्गनाम गोलबद्ध होख परिचयात्मक कार्यक्रम धर्ली । बर्दियाके दाजु सुशिल चौधरी भूमिका सहितके परिचय देना, लेना कार्यक्रम आघ बह्रादेल । परिचयात्मक कार्यक्रम पाछ बेरी खैली । बेरी खाख सुट्ना व्यवस्थाके कैगिल । होमस्टेम महिला टोली बाँकि नयाँगाउँ ओ पातलगंगाम सुत पठैली । छविलाल कोपिला पातलगंगासे नयाँगाउँम रात्ख दुई तात ओहरदोहर कर्ल । करिब रात्ख १० बजे ओहर दाङक टोली अइना खबर मिलल । उहाँ हुक्र बिहान्नी पुग्ना खबर मिलल रह तर अचानक रात्खन पुग ब्याला सुतैना व्यवस्थाम ठनिक असहज हुइल । खुला हलम डसना ओ कम्बलम सुतैना बिस्तारा लगैली । पाछ नयाँगाउँक बालकृष्ण थारु दुईजहन आफन घर सुताए लैगिल । उहाँ घर पैलेहे ५ जन गिल रहल । असिक जेनतेन ऊ दिन व्यवस्था करट करट रातिक १२ः३० होसेक्ल रह मै रात्ख १ बजे घर पुग्नु ।

कार्यक्रम सञ्चालन प्यानलिष्ट छलफल

दोसर दिन बिहान्नीसे कार्यक्रमके सेडुल रह । ७ः३० बजे नास्ता खुवाक ८ बजेसे अफ समयम कथा, कविता, निबन्ध, उपन्यास लेखन कसिख कर्ना कना विषयम अन्तरक्रिया हुइल रह । मै व्यस्तताके कारण मजासे समय दिह नैसेक्नु । पाछ बिहानिक कल्वा खाक ११ः०० बजेसे औपचारिक कार्यक्रम रह । नगरपालिकाके मेयर बर्का पहुना देब कुमार सुबेदी ढिल उपस्थित हुइलसे फे कार्यक्रमह सरासर आघ बह्रागिल । बर्का पहुना करिब १२ः३० बजे ओहर अइल । कार्यक्रमम स्थानीय समाजसेवी, स्रष्टा हुकहन लगायत विभिन्न जिल्लक स्रष्टा हुकहन सम्मान ओ पुरस्कार प्रदान कैगिल । विभिन्न जिल्लासे प्रकाशन हुइलक दर्जनौ पुस्तक संयुक्त रुपम विमोचन हुइल । असिक हमार उद्घाटन सत्र करिब ३ बजे ओहर ओराइल पाछ नास्ता पाछ प्यानलिष्ट छलफल कैगिल ।

थारु लोक संस्कृति ओ दस्तावेजीकरण कना विषयम मोडर्रेटर उर्मिला गम्वा थारु प्यानलिष्टम थाकस दाङके सभापति भुवन चौधरी, गोचाली पत्रिकाके संस्थापक भगवती प्रसाद चौधरी रलह ।

प्यानलिष्ट छलफलके विषय अनुसार मोडरेर्टर विज्ञ हुकनक बिचम घनिभूत रुपम बहस पैरवी हुइल । असिन छलफलले मै लौव अनुभूति कर्नु । सक्कु ओहर मै दौर पर्ना हुइलक कारण बहस मजासे सुन निपाउ । पैल्हक दिन आख्यानको ओज विषयम मोडरेर्टर शेखर दहित, वरिष्ठ साहित्यकार महेश बिक्रम शाह ओ नयनराज पाण्डेसे प्यानलिष्ट छलफल करैल । यी बहसले एक मेरिक लिख्ति रलक मनैन ऊर्जा देहल हुइ कनासक लागठ । थारु लोक संस्कृति ओ दस्तावेजीकरण कना विषयम मोडर्रेटर उर्मिला गम्वा थारु प्यानलिष्टम थाकस दाङके सभापति भुवन चौधरी, गोचाली पत्रिकाके संस्थापक भगवती प्रसाद चौधरी रलह । ओसहख थारु गीतको बाटो कता ? कना विषयम अनिल कुश्मीको मोडरेर्टरमा प्यानलिष्ट संस्कृतिविद रंगकर्मी सुशिल चौधरी, गायक तथा नायक राज कुश्मी ओ लेखिका सानु चौधरी रलही ।

दोसर दिन बिहान्ख नास्ता खाख कवितावाचन सेसन रह । विभिन्न जिल्लक स्रष्टा हुक्र आफन आफन कविता, गजल, सुनैल । खाना खाक फेनसे प्यानलिष्ट छलफल कैगिल । थारु मानक भाषा लेखनशैली कना विषयम मोडरेर्टर सोम डेमनडौरा प्यानलिष्ट विज्ञम डा. कृष्णराज सर्वहारी ओ थारु आयोगके माननीय सदस्य भोलाराम चौधरी रलह । ओसहख सुर्खेतमा थारु पहिचान गतिविधि विषयम बहस कैगिल रह मोडरेर्टर सोम डेमनडौरा प्यानलिष्टम साहित्यकार मानबहादुर पन्ना, थाकस सभापति बेचुलाल चौधरी, केन्द्रीय सदस्य कृष्ण बहादुर थारु रलह । असिक विविध विषयम बहस छलफल पैरवी कैगिल । समग्रम १० बुँदे घोषणा पत्र फे जारी कैक पँचवा राष्ट्रिय थारु साहित्य सम्मेलन कैगिल ।

पुस्तक प्रदर्शनी ओ उपलब्धि

हरेक कार्यक्रमसे विभिन्न पाटो जोरगिल रहठ । भाषा साहित्यके जोरगिल यी सम्मेलनम फेन विभिन्न जिल्लामसे प्रकाशित साहित्यिक पुस्तक, पत्रपत्रिका, खोजमूलक पुस्तक, लोक साहित्य आदि विविध पुस्तक प्रर्दशनीले लौव लौव किताब खरिद कैक अध्ययन कर्ना बडाभारी अवसर रह । विशेष छुटम किनबेच हुइलक पुस्तक पत्रपत्रिका हमार लाग लौव अनुभुति रह । आफन घर अङगनाम धेर मेरिक पुस्तक खरिद कर पैना सुनौलो अवसर सायद कम मिलठुई । यी अवसर पँचवा राष्ट्रिय थारु साहित्य सम्मेलन जरुर जुराइलसक लागठ । यी प्रदशनीपसे सुर्खेतके सनिसरा महतम करिब ७ हजारके किताब खरिद कर्लक बात बटोइल । असहख धेर मनै आफन रुचिअनुसारके पुस्तक खरिद अवश्य कर्ल । यी फे कार्यक्रमके बडाभारी उपलब्धिके रुपम लेह सेक्जाइट ।

निष्कर्ष

वास्तवम वेदव्यास कल बाट–“ काम करक लाग उत्साह,आँट ओ लगन (लगनशीलता) चाहत भीडके आवश्यकता निचाहट ।” कहसक जुनसुकै काम कर ब्याला सकारात्मक सोच ओ मन लगाक कर्लसे सफलता प्राप्ति अवश्य हुइट । पँचवा राष्ट्रिय थारु साहित्य सम्मेलन सुर्खेतम करैना जुन जमर्को कैगिल यी बात ऐतिहासिक ओ गर्वके विषय फे रह । आजसम सुर्खेत जिल्लाम राष्ट्रिय स्तरके कार्यक्रम, सम्मेलन, सभा समारोह नैकैगिल रह । यी सम्मेलन कार्यक्रमह हम्र एकठो बडाभारी अवसरके रुपम लेल रलही । सम्मेलनके उद्देश्य कत्रा पूरा हुइल कि निहुइल यी बात समीक्षाके विषय रहल तर विविध चुनौतीबिचमफे सम्मेलनह सफलतापूर्वक अवतरण कैगिलक बातम दुई मत निहो ।

थारु भाषा, साहित्य कला संस्कृति संरक्षण संवर्द्धन प्रवर्द्धन कर्ना कैख १० बुँदे घोषणा पत्र जारी हुइल बा ।

हरेक कार्यक्रमके उद्देश्य रहठ । यी सम्मेलनके फेन थारु भाषा, कला, साहित्यके बारेम अन्तरसंवाद कर्ना, थारु ओ गैर थारु स्रष्टाबिच अनुभव आदान प्रदान कर्ना, पुस्तक प्रर्दशनी, पुस्तक विमोचन लगायतके विविध प्यानलिष्ट बहसले युवा पुस्ता हुकहन लौव ऊर्जा दिहल । लिख्ति रलक मनैन गाइडलाइन प्रदान करल । एकआपसके चिनापरिचयले आत्मीयता हार्दिकताके सँगसँग एक दुसर जिल्लक अनुभव आदानप्रदान हुइल । स्थानीय बुद्धिजीवि कला साहित्यम योगदान करुइया एवम् थारु साहित्य निरन्तर कलम चलुइया स्रष्टा हुकहन सम्मान पुरस्कारले अवश्यफे लौवलौव स्रष्टा हुकहन गुडगुडाइल । थारु स्रष्टा हुकहन हौसला बह्राइक लाग थारु महिला लेखिका बालिका चौधरी ओ संस्कृतिविद सुशिल चौधरी आफन डाइबाबन नाउसे व्यक्तिगत रुपम एक/एक लाखके पुरस्कार घोषणा कर्ल यी फेन बराभारी उपलब्धिक रुपम लिह सेक्जाइट । थारु भाषा, साहित्य कला संस्कृति संरक्षण संवर्द्धन प्रवर्द्धन कर्ना कैख १० बुँदे घोषणा पत्र जारी हुइल बा ।

चाहे जुनसुकै कार्यक्रम या सम्मेलन ह्वाए उहीह सफल रुप सम्पन्न कैक उपलब्धिमूलक बनाइक लाग मन, बचन, कर्मले काम कर्लसे अवश्य पूरा हुइठ कना सन्देश देल बा पँचवा राष्ट्रिय थारु सम्मेलन ।

लेखक सम्मेलनके मूल व्यवस्थापन समितिके संयोजक रहिंट ।

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