थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत १३ बैशाख २६४८, बिफे ]
[ वि.सं १३ बैशाख २०८१, बिहीबार ]
[ 25 Apr 2024, Thursday ]

स्थानीय लोकतन्त्रके सवलताः मतदातासँग उम्मेदवार

पहुरा | २७ बैशाख २०७९, मंगलवार
स्थानीय लोकतन्त्रके सवलताः मतदातासँग उम्मेदवार

स्थानीयतहके निर्वाचन घरदैलोमे आसेकल । गाउँगाउँ, टोलटोलमे प्रचारप्रसार व्यापक बा । बर्दिया जिल्लामे रहल रेडियो गुर्बाबा एफएम उम्मेदवारसँग मतदाता रेडियो बहस कार्यक्रम सञ्चालन करटि बा । भर्खर जिल्लाके आठु पालिकामे सम्पन्न करलेसेकल बा । कार्यक्रममे मतदाताके उपस्थितिमे मेयर÷प्रमुखके उम्मेदवारसँग छलफल करजाइठ । लिखित प्रतिवद्धता कराजाइठ हस्ताक्षरसहित । ओ उ प्रतिवद्धतापत्र उम्मेदवार ओ सहभागी मतदाताहे उपलब्ध करजाइठ । अइसिक करल प्रतिवद्धता जोनपार्टीके उम्मेदवार जिटके जाब उहिनहे अर्धवार्षिक वा वार्षिक रुपमे पुनः ओहे प्रतिवद्धताके आधारमे अइसिन कार्यक्रम कैके मतदातासँग अन्तरक्रिया करैना यी कार्यक्रमके ढाँचा हो । यी सब केकर लाग टे ? काहे आवश्यक परल ?

लोकतन्त्रमे वाक् स्वतन्त्रता हुइ । मतदाताहुक्रे अपन उमेद्वारसँग बिना हिच्किचहाट प्रत्यक्ष सवालजवाफ करे पाइपरठ । अपन समस्या ढरे पाइपरठ । लोकतन्त्रके सुन्दरता कलेक यिहे हो । लोकतान्त्रिक व्यवस्थासे दोहोरो संवादके मान्यता ढैना, माग करठ । चाहे उम्मेदवार ओ मतदाताबीच, चाहे सरकार ओ जनता बीच, चाहे सेवाग्राही ओ सेवा प्रदायक बीच दोहोरो संवाद हुइपरठ । दोहोरो संवाद बिना दिगो विकास सम्भव नैहो । ना टे जनप्रतिनिधिहुक्रे जनताप्रति जवाफदेही हुइपरठ । घरेम गोसियागोसिनियाके बाटचिट÷संवाद बिना एक घर टे चल्न कर्रा रहठ कलेसे यी समग्र पालिका विकासके बाट बा । समुन्नत समाज बनैना बाट बा ।

औरे बा, जवाफदेही संस्कारके निर्माणमे यि भारी भूमिका खेलठ । विगतमे उम्मेदवार मौखिक रुपमे करल प्रतिवद्धतासे मतदाताउप्पर विश्वासघात हुइटि आइल बा । यी बाट सबजे भोटि आइल बाट हो । अनिगिन्ती वाचा कैके भोट लेके जिटके गैलपाछे जनप्रतिनिधिहुक्रे जवाफदेही हुइ नैपरना संस्कार बैठल बा । जनतासे चुनके पठासेकलपाछे अपन करल, करे नैसेकल कामबारे जनताहे जवाफ डेहेपरना रहठ । यहाँ टे जनप्रतिनिधिहुक्रे जनताप्रति नैहो, नेताप्रति जवाफदेही बनल डेखाइठ । सम्पन्न हुइल विकास आयोजनाके सार्वजनिक सुनुवाई नैकर जाइठ । सामाजिक परीक्षण करना चलन नैहो । खबरदारीके लाग फेन यी कार्यक्रम महत्वपूर्ण भूमिका खेलठ । स्थानीय लोकतन्त्र अस्टेक बलगर हुइना हो । स्थानीय लोकतन्त्र बलगर बनैनामे यी भारी भूमिका खेलठ ।

पालिका कलेक स्थानीय तहके सिंहदरबार हो । गाउँके लाग नीति निर्माण बनैना, योजना बन्ना, विकासके कार्यान्वय हुइना यिहे हो । टबेमारे सबसे पहिले पालिकाके भिजन (दुरदृष्टि) हुइपरठ । दुरदृष्टिके आधारमे योजना बन्ना हो । योजनाके आधारमे गतिविधि, कार्यक्रम तयार हुइना हो । पालिकाके दुरदृष्टि नेतृत्वकर्तामे भर परठ । नेतृत्वकर्ता कलेक पालिका प्रमुख हो । स्थानीय तहके प्रधानमन्त्री हो । नेतृत्वकर्ता कत्रा दुरदृष्टिके बा कना बाट ओकर नानाल योजना, ओकर कार्यान्वयन तथा व्यवस्थापनसे निर्धारण करठ । अब्बे सब राजनीतिक दल अपनअपन घोषणापत्र÷प्रतिवद्धतापत्र तयार करले बा । मतदाता अपनओर आकर्षित करेक लाग योजना सुनैटि, प्रतिवद्धता जनैटि नेंगटैं, मौखिक रुपमे । वैशाख ३० मे ओहे प्रतिबद्धता/योजनाके आधारमे स्थानीय प्रतिनिधिके छिनोफानो हुइठ ।

पालिके प्रमुख जोन पार्टीके रलेसे फेन सरकार चलैना भारी बाट हो । सरकार कैसिक चलैना, जनमुखी योजना का नन्ना ओ कैसिक कार्यान्वयन करना करना बाट महत्वपूर्ण हो । यहाँ द्वन्द्व के बाट बा । विभेदके बाट बा । सामाजिक अन्यायके आवाज बा । संस्कृति संरक्षणके आवाज उठल बा । भौतिक पूर्वाधारके विकास करना बा । यी सब बाटके सम्बोधन करना पालिका प्रमुखके जिम्मेवारी भित्रे परठ । उँचनिँच, टरेउप्पर, आइसिन समाजहे सम्यइना÷बराबर (समता) बनैना पालिका अंगीकार करल नीतिसे रहठ । टबेमारे टे जनमुखी नीति चाहल हो, प्रभावकारी योजना चाहल हो । अइसिन बाट समग्रमे राजनीतिसे तय हुइठ । टबेमारे टे राजनीतिहे नीतिके राजा कहल हो । हरेक नागरिकके आधारभूत आवश्यकता (गास, बास, कपास) सँग जोरल राजनीतिमे नेताहुक्रे खेलवाड करडेठैं । ओहे चिजहे भँजाइ लागल ओ दुषित राजनीति सुरु हुइठ । जेकर कारण, जत्रा चुनाव हुइलेसे फेन जनताके जीवनस्तर ओस्टेक ओस्टे रहठ ।

गाउँक नागरिक सचेत नैहुइल कारण स्थानीय जनप्रतिनिधिहुक्रे जवाफदेही नैबनल हो । आब कुछलोग सचेत हुइटैं । गाउँके नागरिकहे सचेत बनैना काम यी रेडियो बहस करठ । जागरुक बनाइटा । मतदाताहुक्रे अपन उम्मेदवारहे निर्धक्क जिज्ञासा, सवाल करल सुन्के आनन्द आइठ । यी कार्यक्रम हरेक पालिकामे स्थानीय गाउँ बरघर सञ्जालके समन्वय तथा आयोजनामे कार्यक्रम करटिरहल बा । सहभागिताहे जोड डेटि आइल बा । नागरिकहे सचेत बनैना फेन विकास हो । यहोर अर्थशास्त्रके सिद्धान्त माग ओ आपूर्तिके परिभाषा काम करठ । गाउँके जनता अपन आवश्यकता, विकास निर्माणके माग हुइलबाद स्थानीय तह उ सेवा प्रवाह करना हो । यहाँ सम्झे परना बाट, पहिले जनता जागरुक हुइपरल, इच्छुक हुइपरल । तत्परता जनाइपरल ओ टब मागके अर्थ रहठ । यी वातावरण निर्माण करना काम रेडियो बहस करटि आइल बा ।

अन्त्यमे, देशमे संघीय लोकतान्त्रिक व्यवस्था बा । ओहे व्यवस्थाअनुसार गाउँगाउँमे स्थानीय सरकार बा । स्थानीय सरकारके अवधारणा अइना कलेक अपन गाउँक विकास, समुदायके विकास अप्नही करना हो । टबेमारे यी सबके लाग भारी अवसर हो । सबजे असल जनप्रतिनिधि छानि । अपन पालिकाके सक्षम प्रमुख छानि । असल अभिभावक छानि । अभिभावकके जिम्मेवारी वहन करे नैसेकल अवस्थामे खबरदारी करि । सबमे अग्रिम शुभकामना बा । जय गुर्बाबा ।

tula2004@gmail.com
बर्दिया

जनाअवजको टिप्पणीहरू