थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत ११ बैशाख २६४८, मंगर ]
[ वि.सं ११ बैशाख २०८१, मंगलवार ]
[ 23 Apr 2024, Tuesday ]
‘ साहित्य/अनुसन्धान ’

कठरिया थारु भासा साहित्यः एक चर्चा

पहुरा | १३ जेष्ठ २०७९, शुक्रबार
कठरिया थारु भासा साहित्यः एक चर्चा

ओंरी डराइ

कैलाली कंचनपुर जिल्लामा मात्र बसोबास भएको एक मात्र समुदाय हो कठरिया थारु समुदाय । इ समुदायके अपन छुट्टे संस्कृति, भेसभुसा, खानपान, रीतिरिवाज, चालचलन बा । अपन परम्परा, गीतबाँस, चाडपर्व बा । यहाँ इ अभिलेखमे कैलालीमे रहल कठरिया थारु भासा साहित्यके पत्रपत्रिका ओ कृति बारे चर्चा कैल बा ।

पत्रपत्रिका प्रकाशन

अन्य समुदायके पत्रपत्रिका ढेर प्रकाशन हुइलेसे फेन यहाँ कठरिया समुदायके भासा साहित्य अभिन अंगरीमे गने सेक्ना सिमित रुपमे कृति ओ पत्रपत्रिका प्रकाशन हुइल बिल्गाइठ ।

रहिबार अर्ध वार्षिक पत्रिका

कठरिया थारु भासाके फेन कुछ पत्रपत्रिका प्रकाशन हुइल बिल्गाइठ । राजकुमार बडायक ओ सुरेन्द्र कठरियाके सम्पादनमे रहिबार अर्ध वार्षिक पत्रिका २०६२ सालमे प्रकाशन हुइल बिल्गाइठ । इ पत्रिका कठरिया भासाके पहिल पत्रिका हो । ३ अंक सम प्रकाशन होके इ पत्रिका फेन बन्द होके डुबारा प्रकाशन हुइ नैसेकल ।

रोसनी साहित्यिक त्रैमासिक पत्रिका

ओस्टेके सुरेन्द्र कठरियाके प्रकाशन ओ सन्पादनमे रोसनी त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका २०६४ सालमे प्रकाशन हुइल । इ पत्रिका फें २ अंकसे जेडा निकरे नैसेकल । इ पत्रिका कठरिया थारु भासाके डुसरा पत्रिका हो ।

कठरिया सन्देश त्रैमासिक पत्रिका

कठरिया भासाके पत्रिका प्रकाशन हुइक लाग १३ बरस असरा लागे परल । घोडाघोडी–१०, पहलमानपुर कैलालीके राजेन्द्र कठरियाके प्रकाशन ओ सम्पादनमे कठरिया सन्देश साहित्यिक त्रैमासिक पत्रिका २०७७ सालमे प्रकाशन हुइल बा । इ पत्रिका जिल्ला प्रशासन कार्यालय कैलालीमे विधिवत रुपमे दर्ता होके प्रकाशन हुइटी बा । मने इहो पत्रिकाफें नियमित प्रकाशन हुइ नैसेक्ठो । इ पत्रिका कठरिया थारु भासाके टिसरा पत्रिका हो ।

अनलाइन मिडिया

इ समय आधुनिक प्रविधिके हो । अझ्कल सारा चिज इन्टरनेट से खोजे भेटाइ सेक्जाइठ । प्रविधिके विकास संगे अझ्कल अनलाइन पत्रिका फेन ढमाढम संचालनमे अइटी बा । ओस्टेके कठरिया थारु भासाके दुइठो अनलाइनफें संचालनमे आइल डेख्जाइठ । कठरिया पोष्ट डटकम अनलाइन फें अपन गतिविधि हे आघे बर्हैटी गैल बा । एकर सम्पादक सुरेन्द्र कठरिया, जनक कठरिया, सुबेश कठरिया लगायतके समूह बा ।

ओस्टेके कठरिया पोष्ट डटकम फें संचालन हुइल बा । जेम्ने राजेन्द्र कठरिया प्रकाशक÷सम्पादक बटैं कलेसे प्रधान सम्पादकके जिम्मा टिआर कठरिया निभैटी बटैं ।

राजकुमार बडायक

जानकी गाउँपालिका २ मुनुवाँ कैलालीके राजकुमार बडायक “निर्मल“ के निरास यी जीवन उपन्यास २०६६ सालमे प्रकाशन हुइल बा । इ उपन्यास कठरिया भासाके पहिल उपन्यास हो । अब्बेसम कठरिया थारु समुदायसे प्रकाशित हुइल इहे किल पोस्टा बा । हुँकार टुटल दिल गजल संग्रह प्रकाशकके अभावमे प्रकाशन हुइल नैहुइल उहाँके कहाइ बा ।

टिआर कठरिया

घोडाघोडी–११, सिसैया कैलालीके टिआर कठरिया मुक्तक बिधामे कलम चलाइल बिगाइठ । हुँकार निसानी मुक्तक संग्रह प्रकाशनके तयारीमे रहल जानकारी डेले बटैं । प्रकाशकके अभाव हुइल ओर्से इ मुक्तक संग्रह फेन डायरीके पन्नामे सिमित हुइल बा ।

गीति एल्बम

थारु समुदाय मन्से कठरिया थारु समुदाय फेन एक हो । कठरिया थारुनके फेन अपन छुट्टे पहिचान, गीतबाँस, रहनसहन, टरटिहुवार, चालचलन बा । कठरिया समुदायके फेन अपन अलग मेरके बोली, भासा, साहित्य ओ गीत बा । यहाँ कठरिया भासामे प्रकाशन हुइल गीति एल्बमके बारेमे चर्चा कैल बा । टुम्हँर बिना गीति एल्बम राजकुमार बडायक ओ सुरेन्द्र कठरियाके संयुक्त प्रकाशनमे टुम्हँर बिना गीति एल्बम २०६३ सालमे प्रकाशन हुइल बिल्गाइठ । इ एल्बम कठरिया भासाके पहिल एल्बम हो । एम्ने ६ ठो कठरिया भासाके आधुनिक गीत संग्रहित हुइल बा । जेम्ने स्वर डेले बटैं, रामकुमार कठरिया, कविता चौधरी, दिल कुमार कठरिया, सरिता कठरिया लगायत युवनके मिठास स्वर बा ।

सजल सपना गीति एल्बम

ओस्टेके कठरिया भासाके डुसरा गीति एल्बम फे बजारमे आइल बिल्गाइठ । सजल सपना २०६४ सालमे सुरेन्द्र कठरियाके गायनमे प्रकाशन हुइल बिल्गाइठ । इ कठरिया भासाके डुसरा गीति एल्बम हो । एम्ने फे ६ ठो आधुनिक गीत संग्रहित हुइल बा ।

गायनमे समुदायके युवा

थारु डंगौरा भासा गीत संगीतमे गायक रामकुमार कठरियाके नाउँ आघे आइठ । आधुनिक गीतमे हुँकार गाइल गीत बजारमे ढेर आइल बिल्गाइठ । एक समयमे गायन क्षेत्रमे अपन मजा छवि बनाइल रामकुमार कठरिया अझ्कल गायनमे ओट्रा सक्रिय नैबिल्गैठैं ।

ओस्टेके आधुनिक गीत लेखनमे सुबेश कठरियाके नाउँ फें आघे आइठ । हुँकार लिखल गीत मन्से, मन लागेना आब बिन टोहाँर, सोलहा सिँगार अइहो चुरिया गुरिया हो, लगायत गीत एक समयमे गज्जप रंगमंच ढिकैले रहे । सुबेश कठरिया अब्बेसम ३ दर्जनसे ढेर गीत रचना कैसेक्ले बटैं ।

कठरिया समुदायके बस्ती

नेपाल देश पुरुब मेचीसे लेके पस्छिउँ महाकाली सम थारुन के बस्ती रहल देश हो । ओस्टेके कैलाली जिल्ला फेन पुरुब कर्णाली से लेके पस्छिउँ सेती सम थारुनके गाउँ बरा गझिनके बा । कठरिया समुदायफेन कैलालीके बहुत गाउँमे बैठल भेटाजाइठ ।

कैलारी गाउँपालिका

कैलाली जिल्लाके कैलारी गाउँपालिका भिट्टरफे कठरिया समुदायके बस्ती बा । मनाउँ, मंझरा, पबेरा, लौसा गाउँमे कठरिया समुदायके बस्ती भेटाजाइठ ।

गौरीगंगा नगरपालिका

ओस्टेके गौरीगंगा नगरपालिकाके उदासीपुर ओ ऐंठा गाउँमे फेन कुछ घर कठरिया समुदायके बसोबास हुइल बिल्गाइठ ।
भजनी नगरपालिकाके चररा गाउँमे फेन कुछ घर कठरिया समुदायके बसोबास हुइल पाजाइठ ।

टीकापुर नगरपालिका

टीकापुर नगरपालिकाके टीकापुर बजारमे फेन कठरिया समुदायके बस्ती भेटाइ सेक्जाइठ ।

लम्कीचुहा नगरपालिका

लम्कीचुहा नगरपालिकाके लम्कीचुहा, बाँरी, ओ टोरीपुर गाउँ फेन कठरिया समुदायके बस्ती बा ।

जानकी गाउँपालिका

जानकी गाउँपालिकाके मुनुवाँ, कंचनपुर ओ पुछरी गाउँमे फेन कठरिया समुदायके बस्ती पाजाइठ ।

भजनी नगरपालिका

भजनी नगरपालिनगरपालिकाका फेन गझिनके थारु बस्ती रहल गाउँ हो । इ नगरपालिकामे फेन कठरिया थारु बस्ती रहल पाजाइठ ।

घोडाघोडी नगरपालिका

घोडाघोडी नगरपालिका फे थारु गाउँ गाउँसे भरल नगरपालिका हो । यहाँ विश्व सिमसार क्षेत्र घोडाघोडी टलुवा फेन इहैं परठ । टलुवाके नाउँसे नगरपालिकाके नाउँ ढारल हो । यहाँ इ नगरपालिकाके पहलमानपुर, लठैया, सिसैया, टप्पा, जबलपुर, बनबर्सा, कोँटा गाउँमे फेन कठरिया समुदायके बस्ती बा ।

बर्दगोरिया गाउँपालिका

बर्दगोरिया नगरपालिका फे थारु गाउँ गाउँसे भरल नगरपालिका हो । यहाँ फेन थारुनके बस्ती ढेर पाजाइठ । इ नगरपालिकाके कोइलीभुरुवा, सुवरखाल, कोँटातुल्सीपुर, सुन्दरपुर, मुडा, डुइघरा गाउँ कठरिया समुदायके बस्ती पाजाइठ ।

जोशीपुर गाउँपालिका

जोशीपुर गाउँपालिका नगरपालिका फे थारु गाउँ गाउँसे भरल नगरपालिका हो । यहाँ फेन थारुनके बस्ती ढेर पाजाइठ । इ नगरपालिकामे सिमरी, लक्कर, राजिपुर, डहरबिरिया, घुसरी, मुद्धी, फाँरिया, मनकापुर, कटानपुर, जोशीपुर, कमलपुर, भिटरहिया, बन्जरिया लगायत गाउँमे कठरिया समुदायके बस्ती बा र

निष्कर्ष

कठरिया थारु समुदायके फेन अपन भासा, साहित्य, संस्कृति, चालचलन, गीतबाँस संरक्षण ओ सम्वद्र्धन करक आब पुरे समुदायके जागे पर्ना बेला आइल बा । लोककथा, लोकगीत, पुरान पुरान चिजहे खोज अनुसन्धान कैके पोस्टा प्रकाशन कैना जरुरी बा । एकर लाग स्वयम् कठरिया समुदायके अब्बेक लावा पुस्टा एकदम लागे पर्ना आवस्यक बा । कठरिया भासाके पाठ्य पुस्तक प्रकाशन कैके स्थानीय स्तरके विद्यालयमे पाठ्यक्रम लागू करैना जरुरी बा ।

लिखित दस्तावेज कैलेसे किल काल्हिल दिनमे इतिहास बचाइ सेक्जाइ ओहेमारे कठरिया समुदायके संघ संस्था, सम्बन्धित निकाय, जनसमुदाय सक्कु जे अपन अपन ठाउँसे एक होके एकताके सन्देश जगाइ । कठरिया समुदायके विकास करि ओ आघे बर्हाइ । धन्यवाद । कैलाली

जनाअवजको टिप्पणीहरू