थारु राष्ट्रिय दैनिक
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[ 02 Jul 2025, Wednesday ]

घोरीघोरा लवाङ्गी महोत्सव सुरु

पहुरा | १० मंसिर २०७९, शनिबार
घोरीघोरा लवाङ्गी महोत्सव सुरु

पहुरा समाचारदात
सुखड, १० अगहन ।
कैलाली घोडाघोडीमे घोरीघोरा लवाङगी पूजा तथा थारु सांस्कृतिक महोत्सव २०७९ सुरु हुइल बा ।

घोडाघोडी तथा संस्कृति संरक्षण समाजके आयोजनामे ‘थारु भाषा कला धर्म संस्कृतिके करी सम्मान, घोरीघोरा धार्मिक पर्यटकीय क्षेत्रहे चिनाई ना हमार अभियान’ कना मूल नाराके साथ घोडाघोडी मन्दिर परिसरमे महोत्सव सुरु हुइल हो ।

शनिच्चरके कैलाली निर्वाचन क्षेत्र नम्बर ३ के नव निर्वाचित प्रतिनिधि सभा सदस्य गंगाराम चौधरी एक कार्यक्रमके विच घोरीघोरा लवाङगी पूजा तथा सांस्कृतिक महोत्सव उदघाटन करल रहिट । उदघाटन कार्यक्रममे कैलाली निर्वाचन क्षेत्र नम्बर ३ प्रदेश सभा ‘ख’ के नव निर्वाचित सदस्य खुसीराम डगौँरा, नगर प्रमुख खडकबहादुर रावत, उप प्रमुख गुलिया कुमारी चौधरी, जनप्रतिनिधि, राजनीतिक दलके नेता लगायत टमान व्यक्तिके सहभागिता रहे । उ महोत्सव अगहन १० गते से १२ गते सम संचालन हुइना आयोजक जनैले बा ।

महोत्सवमे तालके पर्यटकीय क्षेत्रमे उन्नति, थारु परम्परा, कला, संस्कृति प्रवर्धन, सास्कृतीक जगेर्ना ओ धार्मिक क्षेत्रमे टेवा पुग्न उद्देश्यके साथ महोत्सव सुरु हुइल हो । कार्यक्रममे लवाङी पूजा तथा घोरीघोरा महोत्सवमे विशेष करके थारु समुदायके पुरान गुरुवासे नाँच्ना बडका नाच, महिलासे सामूहिक नाँच्ना सखिया नाच, लाठी नाच, झुम्रा नाच, दिन नचुवा नाच, धमार, मांगरके साथे थारु समुदायके स्थानीय प्रतिभाके संरक्षण संम्वर्द्धनके साथे राष्ट्रिय तथा अन्तर्राष्ट्रियस्तरमे अपन समुदायके पहिचानहे चिन्हाइक लाग टमान प्रस्तुती प्रस्तुत करल रहे ।

महोत्सवमे थारु संस्कृतिके व्यावसायिक सामाग्रीके प्रदर्शनी, स्थानीय गाउँ गाउँके झाँकी प्रदर्शनी, राष्ट्रिय तथा स्थानीय कलाकारके प्रस्तुती, थारु जनजाति तथा आदिवासी समुदायके रहन सहन भेसभुसाके साथे टमान थारु नाचके प्रस्तुती रहना आयोजक संस्था घोडाघोडी तथा संस्कृति संरक्षण समाज जनैले बा ।

थारु समुदायसे घोडाघोडीमे लवाङी पूजा परापूर्वककालसे करटी आइल बटाजाइठ । अन्नबाली घर भित्रायासेकलपाछे उ अन्नबाली देउताहे चढाई पर्ना मान्यता सहित यहाँ लवाङगी पूजा मनैना करजाइठ ।

पछिल्का एक दशकसे यहाँ महोत्सवके आयोजना करके लवाङी पूजा मनैना करजाइठ । लवाङी पूजाके अन्तिम दिन जीवनरक्षाके लाग थारु रित्तीअनुसार सामूहिक रुपमे घोडाघोडी मन्दिरमे बलि चढाके केल नयाँ अन्न खैना प्रचलन थारु समुदायमे अभिनसम चल्टी आइल बा । थारु समुदायसे घोडाघोडी मन्दिरहे घोरीघोरा (घोडाघोडी) मन्दिर कहठै । ८२ गाउँसहित यहाँ कैलाली कञ्चनपुर, दाङसे फे भारी सख््यामे भक्तजन अइना बटाइल बा ।

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