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सरकारके बजेट १८ खर्ब ६० अर्ब

पहुरा | १६ जेष्ठ २०८१, बुधबार
सरकारके बजेट १८ खर्ब ६० अर्ब

अइना आर्थिक वर्षके लाग कौन मन्त्रालयहे कटरा बजेट

पहुरा समाचारदाता
काठमाडौँ, १६ जेठ ।
सरकार अइना वर्षके लाग १८ खर्ब ६० अर्ब ३० करोड रुप्या विनियोजन करले बा ।

कूल विनियोजनमध्ये सरकारसे चालूओर ११ खर्ब ४० अर्ब ६६ करोड रुप्या विनियोजन करले बा । यी कूल बजेटके ६१.३१ प्रतिशत हो । विनियोजन कूल बजेटमध्ये पुँजीगतओर ३ खर्ब ५२ अर्ब ३५ करोड विनियोजन करले बा । यी कूल बजेटके १८.९४ प्रतिशत बा ।

ओस्टे वित्तीय व्यवस्थाओर ३ खर्ब ६७ अर्ब १८ करोड रुप्या विनियोजन करले बा । यी १९.७४ प्रतिशत हो । यी खर्च अनुमान चालू वर्षके तुलनामे ६.२ प्रतिशतसे ढेर हो । ओ, संशोधित अनुमानके तुलनामे २१.५६ प्रतिशत ढेर हो ।

स्वास्थ्य पाइल ८६ अर्ब २४ करोड बजेट

सरकारसे आर्थिक वर्ष २०८१÷८२ के वार्षिक बजेट प्रस्तुत करटी स्वास्थ्य तथा जनसंख्या मन्त्रालयके लाग ८६ अर्ब २४ करोड बजेट विनियोजन करले बा । अर्थमन्त्री वर्षमान पुनसे बैठकमे अइना आर्थिक वर्षके बजेट मार्फत उ रकम विनियोजन करल हुइट ।

सबसे ढेर बजेट पाइल शिक्षा मन्त्रालय

सरकारसे अइना आर्थिक वर्ष २०८१/०८२ के बजेट प्रस्तुत करले बा । अर्थमन्त्री वर्षमान पुन संसद्के दुनु सदनमे बजेट प्रस्तुत करटी शिक्षा, विज्ञान तथा प्रविधि मन्त्रालयके लाग २ खर्ब ३ अर्ब ६६ करोड २० लाख बजेट विनियोजन करले बटै ।

चालु आर्थिक वर्षके तुलनामे ६ अर्ब रुपैयाँ बजेट बह्रल हो । मने, कुल बजेटके तुलनामे भर प्रतिशतमे घटल बा । शिक्षा मन्त्रालयमे टमान नयाँ कार्यक्रम थपल बा । कलेसे कुछ पुराने कार्यक्रमहे निरन्तरता डेहल बा । ‘समृद्धिके आधार ः शिक्षामे गुणात्मक सुधार’ नारासहित शिक्षा क्षेत्रमे टमान कार्यक्रम आघे सारल हो ।

सरकारसे दिवा खाजा कार्यक्रमके लाग ८ अर्ब ३९ करोड बजेट विनियोजन करले बा । प्रारम्भिक कक्षासे कक्षा ५ समके ३० लाख बालबालिकाके लाग दिवा खाजा कार्यक्रमके बजेट विनियोजित करल हो । चालु आर्थिक वर्षमे उ कार्यक्रमके लाग ८ अर्ब ४५ करोड विनियोजित करल रहे । जिहीसे करिब ३२ लाख बालबालिका लाभान्वित हुइना कहल रहे ।

छात्रवृत्तिके लाग ६० करोड बजेट विनियोजित करल बा । विद्यालय तहमे प्रदान कैना सक्कु मेरिक छात्रवृत्तिके लाग ६० करोड विनियोजन करल हुइट ।

अतिविपिन्न ओ सीमान्तकृत वर्गके बालबालिकाके शिक्षामे सहज पहुँचके लाग कक्षा ६ से कक्षा १२ सम छात्रवृत्ति प्रदान कैना बा । हाल कक्षा ९ से १२ समके विद्यार्थीहे प्रदान करटी आइल रहे ।

कृषिमे १ अर्ब बजेट घटल, ५७ अर्ब २९ करोड विनियोजन

अइना बरसके लाग कृषि क्षेत्रके बजेट घटल बा । सरकार पछिल्का चालु आर्थिक वर्षके तुलनामे अइना आर्थिक वर्षके लाग एक अर्ब बजेट घटाके नानल हो ।

अर्थमन्त्री वर्षमान पुन अइना आर्थिक वर्ष २०८१÷०८२ के बजेटमार्फत कृषि क्षेत्रके लाग ५७ अर्ब २९ करोड विनियोजन करल जानकारी डेलै । चालु आव २०८०÷८१ के बजेट ५८ अर्ब ९८ करोड रहल बा ।

वन तथा वातावरण मन्त्रालयहे १५ अर्ब ७० करोड बजेट

सरकारसे अइना आर्थिक वर्ष २०८१/८२ मे वन तथा वातावरण मन्त्रालयके लाग १५ अर्ब ७० करोड बजेट विनियोजन करले बा ।

अइना वर्ष वन डढेलो नियन्त्रण कैना उपकरण किन्न घोषणा अर्थमन्त्री वर्षमान पुन बटैलै । अइना वर्ष कार्वन उत्सर्जन नयूनीकरणमे जोड डेना, यिहीहे आम्दानीके स्रोतमे उपयोग कैना समेत उहाँ बटैलै ।

कोशी ओ कर्णालीमे रेड कार्यक्रम कार्यान्वयन कैना, हरियाली बह्रैना जलाधार क्षेत्रमे जलभरण कार्यक्रम सञ्चालन कैना उहाँक कहाई बा ।

खानेपानी मन्त्रालयके लाग २६ अर्ब ६३ करोड रुपैयाँ बजेट

सरकारसे अइना आर्थिक वर्ष २०८१÷८२ के लाग खानेपानी मन्त्रालयके लाग २६ अर्ब ६३ करोड रुपैयाँ बजेट छुटयाइले बा । अर्थमन्त्री वर्षमान पुन बजेट पेस करटी उ घोषणा करल हुइट ।

प्रदेश ओ स्थानीय तहहे राजश्व बाँडफाँड, अनुदानबापत ५ खर्ब ६७ अर्ब विनियोजन

सरकारसे प्रदेशके लाग ६० अर्ब ओ स्थानीय तहके लाग ८८ अर्ब विनियोजन करले बा । अइना आर्थिक वर्ष २०८१÷८२ के बजेटमार्फत सरकारसे उ वित्तीय समानीकरण अनुदान विनियोजन करल हो ।

सर्सत अनुदानओर प्रदेशके लाग २५ अर्ब ८४ करोड ओ स्थानीय तहके लाग २ खर्ब ८ अर्ब ८८ करोड करके जम्मा करके २ खर्ब ३४ अर्ब ७३ करोड विनियोजन हुइल बा ।

प्रदेश ओ स्थानीय तहहे पूर्वाधारके आयोजना कार्यान्वयन कैना प्रदेशहे ६ अर्ब २० करोड ओ स्थानीय तहहे ७ अर्ब विनियोजन हुइल बा । ओस्टे विशेष अनुदानओर प्रदेशहे ४ अर्ब ४० करोड ओ स्थानीय तहहे ८ अर्ब ५० करोड विनियोजन हुइल बा ।

सर्सत अनुदान, विशेष अनुदान लगायतके अनुदान केन्द्रीय सरकारसे स्थानीय ओ प्रदेशके कार्यसम्पादनके आधारमे विनियोजन करी । राजश्व बाँडफाँडसे प्रदेश ओ स्थानीय तहमे १ खर्ब ५९ अर्ब रुपैयाँ हस्तान्तरण हुइना अनुमान अर्थमन्त्रीके बा । राजश्व बाँडफाँड ओ अनुदान करके अइना आर्थिक वर्षमे स्थानीय तह ओ प्रदेशमे ५ खर्ब ६७ अर्ब हस्तान्तरण हुइना अनुमान सरकारसे करले बा ।

शहिद दशरथ चन्द स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय सञ्चालनमे नन्ना

सुदूरपश्चिम प्रदेशके बहुप्रतिष्ठित शहीद दशरथ चन्द स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय सञ्चालनमे नन्ना हुइल बा ।
अर्थमन्त्री वर्षामान पुन सरकारके अइना आर्थिक वर्षके बजेट वक्तव्य व्यक्त करटी अइना आर्थिक वर्षमे उ विश्वविद्यालय सञ्चालनके व्यवस्था मिलैना बटाइल हुइट ।

कौन क्षेत्र छुट पैही, कौन क्षेत्रमे बह्रल कर

सरकारसे अइना आर्थिक वषमे स्वदेशी उद्योगहे प्राथमिकता रख्ले बा । स्वदेशी उद्योगहे प्राथमिकता रख्टी औद्योगिक कच्चा पदार्थके आयातमे लग्टी आइल करहे घटाइल अर्थमन्त्री वर्षमान पुन बटैलै ।

यकर लाग औषधी, इन्डक्सन, धागा, अगरबत्ती, स्यानिटरी प्याड, काजु ओ बदाम प्रशोधन तथा स्प्रिङपत्ता बनैना उद्योग लगायतके उद्योगमे लग्ना कच्चा पदार्थके पैठारी महसुल ओ अन्तःशुल्क घटल बा । स्वदेशी उद्योगके संरक्षण कैना कुछ तयारी वस्तुके भन्सार महसुल ओ अन्तःशुल्कमे वृद्धि हुइल बा । उद्योगके कच्चा पदार्थके पैठारीके सहुलियत लेना टमान निकायके सिफारिस आवश्यक पर्ना व्यवस्थामे उद्योगीहे जिम्मेवारी बनैना नीति सरकार लेले बा ।

विदेशी पुँजी आकर्षित कैना विदेशी बैंक तथा वित्तीय संस्थासे लेहल ऋण भुक्तानी करेबेर लग्ना आयकर घटल बा । ओस्टे लगानी सम्भाव्य मुलुकसे लगानी नन्ना दोहोरो कर मुक्ति सम्झौताके मोडल विकास हुई ।

अन्तर्राष्ट्रिय तथा क्षेत्रीयस्तरमे करल प्रतिबद्धता तथा सम्झौता बमोजिम लगानी प्रवर्द्धन ओ व्यापार प्रवर्द्धनके लाग नयाँ भन्सार ऐन तर्जुमा कैना बा । सूचना प्रविधि उद्योगसे अपन नाफा पुँजीकरण करलेसे लग्ना लाभांश करमे छुट हुइना बा ।

सरकारसे व्यवसायके क्षमता विस्तारके लाग पुँजी वृद्धि करल अवस्थामे नियन्त्रणमे परिवर्तनके कारण लग्ना करमे सहुलियत डेहक लाग बा । यिहीसे खास करके स्टार्ट अप ओ भेन्चर क्यापिटल, प्राइभेट इक्विटि फन्ड लाभान्वित हुइना सरकारके आंकलन बा ।

दैनिक एक हजार लिटरसे ढेर दूध उत्पादन कैना पशुपालन फर्म तथा उद्योगसे पैठारी कैना स्टिल मिल्क क्यानमे लग्टी आइल १५ प्रतिशत भन्सार महसुल घटाके १ प्रतिशतमे नानल बा ।

निकासी कर्तासे विदेशी मुद्रा प्राप्तिके कागजात तत्काल पेस करे नइसेक्ना अवस्था हुइलेसे ओसिन कागजात पाछे पेस कैना शर्तमे निकासी करे सेक्ना निकासी मूल्यके सीमा साबिकके अमेरिकी डलर १० हजारसे वृद्धि करके अमेरिकी डलर २५ हजार पुगल बा ।

यिहीसे खास करके साना तथा मझौला निकासी कर्ता उद्योग लाभान्वित हुइही । वनमारा, पात पतिङगर लगायत खेर जैना सामग्रीसे बन्ना पिलेटके निकासीमे लग्ना महसुल हटल बा ।

कर विवादके कारण भोगे परल समस्या एवं मर्काके सम्बन्धमे करदातासे गुनासो अइटी रहल सन्दर्भमे कर निर्धारण लगायतके विषयमे अध्ययन करके समस्या समाधान कैना सरकारके घोषणा बा ।

अपाङता रहल व्यक्तिसे पैठारी कैना स्कुटरमे मूल्य अभिवृद्धि कर फिर्ता डेना व्यवस्थाके सट्टा भन्सार विन्दुमे छुट डेना व्यवस्था सरकारसे करले बा ।

ओस्टे मूल्य अभिवृद्धि कर छुट डेहल वस्तु ओ सेवाके सूची घटैटी स्वच्छ कर प्रणाली विकास कैना ओ कराधार विस्तार कैना कुछ वस्तुमे मूल्य अभिवृद्धि कर छुट डेना व्यवस्था खारेज हुइल बा ।

आलु, प्याज, स्याउ लगायतके टिना एवं फलफूलमे लागल मूल्य अभिवृद्धि कर समेत खारेज हुइल बा । यिहीसे स्वदेशी उत्पादन संरक्षणमे टेवा पुग्न सरकारके विश्वास बा ।

मदिरा, बियर, सुर्ती ओ चुरोटमे लगाइल अन्तः शुल्क दर वृद्धि हुइल बा मूल्य अभिवृद्धि करमे दर्ताके लाग वस्तु ओ सेवाके मिश्रित कारोबारमे हाल रहल थ्रेसहोल्डमे वृद्धि करके तीस लाख पुगल बा ।

आयकर प्रयोजनके लाग भौतिक उपस्थिति नइरहल मने आर्थिक उपस्थितिहे समेट्न करके बासिन्दाके परिभाषामे परिमार्जन हुइल बा । यिहीसे अन्तर्राष्ट्रिय डिजिटल प्लेटफर्मके बह्रटी प्रयोगसे हुई सेक्ना कराधारके क्षयीकरण रोक्न आधार तयार हुइना बटाइल बा ।

कार्बन उत्सर्जन घटैना अन्तर्राष्ट्रिय प्रतिबद्धताअनुरूप पेट्रोलियम पदार्थ ओ कोइलाके पैठारीमे हरित कर लग्ना हुइल बा । गैरकरके दरमे समयसापेक्ष वृद्धि कैना घोषणा हुइल बा कलेसे गैरकर राजस्वहे लागत प्रभावी बनैना अर्थमन्त्री बटैले बटै ।

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