रेशम चौधरी कहलै: क्षमा नैचाही, न्याय देऊ

काठमाण्डौं, ११ सावन । सनाखतके लाग डिल्लीबजार कारागारसे निर्वाचन आयोग पुगल रेशम चौधरी जनता समाजवादी पार्टी (जसपा) के विवादमे तटस्थ बैठल बाटै । मने आपन रिहाइबारे राजनीतिक वक्तव्य डेले बाटै ।
महन्थ ठाकुर ओ उपेन्द्र यादवमध्ये कौन पक्षहे आधिकारिकता डेना कहिके सुनुवाइ करटी रहल आयोगसे सोम्मारके कार्यकारिणी सदस्यहुक्रनहे सनाखतके लाग बोलाइल रहे । ५१ सदस्यीय कार्यकारिणी समितिके सदस्य रेशम भर टीकापुर घटनामे दोषी ठहर होके जन्मकैदके सजाय कट्टी रहल बाटै ।
निर्वाचन आयोगसे डिल्लीबजार कारागारमे कर्मचारी पठाके सनाखत करे चाहल रहे । मने रेशम नैमन्लै ओ निर्वाचन आयोगमे उपस्थित हुइना बटैलै । आयोगके आग्रहमे कारागार प्रशासनसे उहाँहे सोम्मारके दिनके उपस्थित कराइल रहे ।
अध्यक्षद्वय महन्थ ठाकुर ओ उपेन्द्र यादवसंग छुट्टाछुट्टे छलफल करल उहाँ कौनो पक्षमे सनाखत नैकरलै । मने बाहर निकरटी रहल बेला आपन मुद्दामे बोलल् रहिट । राजनीतिक मुद्दाके कारण अपने जेलमे बैठे परल कहटी उहाँ कहलै, ‘मोर मुद्दामे मोर पार्टी कत्राके लरटी रहल बा, उ उहाँहुक्रनके दृष्टिकोण हुइ ।’
कठघरामे उठके जत्रा सत्य बोल्लेसे फेन दोषी ठहर करल कहटी उहाँ कहलै, ‘श्रीमान ! न्याय देउ हम्रहीनहे, क्षमा नैचाही । दोषीहे दण्ड देऊ, निर्दोषीहे थुने नैमिली ।’ आघे कहलै, ‘एक न्याय, दुई न्याय, तीन न्याय ।’
जसपाके महन्थ ठाकुर पक्षसे तत्कालीन प्रधानमन्त्री केपी शर्मा ओली पक्षहे साथ डेहेबर चौधरीके रिहाइहे मुद्दा बनाइल रहे । उहाँ रिहा नैहुइटसम सरकारमे नैजैना इ समूहके अडान रहे । मने ओहकान मुद्दा सर्वोच्च अदालतमे विचाराधीन रहल ओरसे उहाँहे रिहाई नेताहुक्रे चाहल जस्टे सहज नैरहे ।
सत्तारुढ दलके नेताहुक्रे रिहा कैना सम्भव नैहुइल ओरसे आममाफी डेहे सेक्ना बटाइल रहिट । इ बारे कौनो टुंगो नैहुइल जसपाके ठाकुर पक्ष सरकारमे गैल रहे । मने १९ दिनमे सरकारसे हटे परल रहे । आब उपेन्द्र यादव पक्ष प्रधानमन्त्री शेरबहादुर देउवा नेतृत्वके सरकारमे जैना तयारीमे रहल बा ।
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निर्वाचन आयोगसे जसपाके आधिकारिकता उपेन्द्र यादव पक्षहे
