थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत २५ कुँवार २६४९, शनिच्चर ]
[ वि.सं २५ आश्विन २०८२, शनिबार ]
[ 11 Oct 2025, Saturday ]
‘ विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस ’

अनुभूति, अनुभव ओ सन्देश

पहुरा | २४ आश्विन २०८२, शुक्रबार
अनुभूति, अनुभव ओ सन्देश

एक महिना आगे एकजाने १७ वर्षके किशोरीहे आफन्त मनोविमर्शके लाग लेके अइलैं । किशोरी एकडम निराश ओ कमजोर आत्मविश्वासके अवस्थामे रहि । मै एकान्तमे सुरक्षित वातावरण निर्माण कैके बाट करे लग्नु, उहाँक बाटमे अनुभूतिपुर्वक सुन्नु ओ कौनो गोपनियता करेपरना बाट रलेसे गोपनियताके सम्मान करना बाट करनु । ढिरेसे उ किशोरी अपन बाट खोल्लि ओ अपन जीवनमे भोगल हिंसा दुव्र्यवहारके बारेमे बटैलि । मै उ सब बाटहे सहज रुपमे व्यक्त हुइक लाग सुरक्षित वातावरण निर्माण करनाु । उहाँक भावनाके सम्मान करनु ओ उ परिस्थितिहे बुझ्न कोसिस करनु । हम्रे हरेक हप्ता मिल्लि ओ कुछ समयपाछे उहाँ सहज ओ आत्मविश्वासी बन्लि उहाँ दैनिक करना काममे फेन लागे लग्लि ।

यी एक प्रतिनिधि घटना हो । मै मोर मनोविमर्शकर्ताके रुपमे बिताइल डेढ दशकमे टमान उमेर समूहके टमान मेरिक भावनात्मक कठिनाई हुइल सयौ केशहे मनोविमर्श प्रदान करना तथा थप सहयोग आवश्यकता रहलहे मनोचिकित्सक तथा अन्य निकायमे सिफारिस करले बटु । द्वन्द्व प्रभावित व्यक्तिके आघातपूर्ण समस्यामे मल्हम लगैनासे, मानव बेचबिखनके जोखिममे रहल व्यक्ति, बाढ पहिरो प्रभावित व्यक्ति, कोभिड १९ के महामारीसे लैंगिक हिंसाके घटनासे पीडित तथा प्रभावितमे निरन्तर काम करटि बटु । हरेक वर्ष अक्टोवर १० मे विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस विश्वभरी टमान सचेतनामूलक कार्यक्रम कैके मनैना करल सन्दर्भमे अपन अनुभवके शेयर करना मनसायसे मानसिक स्वास्थ्यके बारेमे कुछ लिखटु ।

मनै जीवनके टमान घडीमे टमान मेरिक घटना बेहोरटि रहठ । अइसिन कुछ घटनासे मनैन्के मन मस्तिष्कमे भारी आघात परल रहठ । यी अइसिन जीवनमे घटल घटनासे जब व्यक्ति सामान्य मनैन्से ढेर भावनात्मक रुपमे उथलपुथल होके ओकरमे टमान लक्षण देखा परठ ओ यिहिनसे ओकर दैनिक कृयाकलापमे लम्मा समयसम प्रभाव परल, ओकर सम्बन्धमे असर परठ कलेसे उहिनहे मनोसामाजिक तथा मानसिक स्वस्थ्य समस्या हुइ सेकठ । मनोसामाजिक तथा मानसिक स्वस्थ्य समस्यासे व्यक्तिहे शारीरिक रुपमे कपरा पिरैना, छाती पिरैना, पेट गडबडी हुइना, ढाड पिरैना, रक्तचाप बह्रना वा घट्ना, घुम्रि लग्ना, निन्मे समस्या, हातगोर पिरैना, शिथिल वा कमजोर महशुस हुइना, निन्द नैपरना, खानाके रुचि घट्न वा बह्रना, श्वास फेर्न कर्रा हुइना, जिउभरी सिउसे घोचल जस्टे महशुस हुइना, शरीर पिरैना तथा झम्झमाइ सेकठ कलेसे भावनात्मक रुपमे नैमजा लग्ना वा दुःखी हुइना, डर लग्ना, रिस लग्ना, झिँजो लग्ना कौनो बाटमे खुशी हुइना वा रमाइ नैसेक्ना, आत्मग्लानी हुइना, आत्मबल ओ आत्मसम्मानके कमी महशुस वा वृद्धि हुइना, रोइना मन लग्ना जैसिन समस्या देखा परे लागठ ।

अस्टेक ओकर विचारमे फेन परिवर्तन आके निराशापन, मूल्यहीनता, असहायपन, निर्णय लेहे नैसेक्न, ध्यान केन्द्रित करे नैसेक्ना, भविष्यप्रति नकारात्मक दृष्टिकोण, आत्महानी वा आत्महत्याके सोच, विचार अइना आत्महत्या करना योजना बनैना, प्रयास करठैं । अस्टेक व्यवहारमे फेन परिवर्तन होके सामाजिक क्रियाकलापसे डुर हुइना, पह्राइ तथा अन्य पहिले करटि रहल क्रियाकलापमे रुची नैदेखैना, बोली तथा चालमे कमी अइना, जिम्मेवारी बहन करे नैसेक्ना, मनोरञ्जनमे मन नैलग्ना, निन्दमे डरैना/तरसना/चिलैना, ध्यान केन्द्रित करे नैसेक्ना, अनावश्यक शंका करना, रोइना, झगडा करना, लागू पदार्थके सेवन तथा अत्यधिक मादक पदार्थ सेवन करना, उत्तेजित आक्रामक व्यवहार, दैनिक क्रियाकलापमे ह्रास अइना जैसिन व्यवहार देखा परठ ।

अइसिन समस्या कुछ सामाजिक कारणसे हुइ सेकठ, कुछ भर मनोवैज्ञानिक ओ जैविक कारणसे फेन हुइना करठ । यी ओहे कारणसे मनैन्हे मानसकि ओ मनोवैज्ञानिक असर परे सेकठ । सामाजिक कारणमे आघात जन्य घतना जस्टे बलत्कार, हत्या, हिंसा, युद्ध, गम्भीर मेरिक दुर्घटना, प्रियजनके मृत्यु, बेसहारा हुइना, शारीरिक तथा यौन जन्य दुव्र्ययहार, गरीबी, बेरोजगारी भेदभाव हो कलेसे मनोवैज्ञानिक कारण बाल्यकालमे मानसिक आघात, बेवास्ता, नकारात्मक सामाना करना व्यवहार परठ । अस्टेक जैविकक कारण वंशानसगत गुण, मस्तिष्कमे हुइना संक्रमण, टयूमर, कपराके चोट, अत्याधिक लागुपदार्थ प्रयोग जैसिन कारण यी मेरिक समस्या उत्पन्न हुइ सेकठ ।

डब्ल्युएचओके प्रतिवेदन २०२२ अनुसार हाल विश्वमे मानसिक स्वास्थ्यके अवस्था हेरना हो कलेसे ८ जाने मध्ये १ जहनहे मानसिक स्वास्थ्य समस्या हुइना करल पाइल बा । १४ प्रतिशत मानसिक स्वास्थ्य समस्या १० देखि १९ वर्षभित्तर देखा परठ । ५८ प्रतिशत आत्महत्या ५० वर्षके उमेरसे पहिले हुइना करल पाइल बा । अत्रेकिल नैहोके जटील मेरिक मानसिक स्वास्थ्य समस्या होके उपचार नैपाइल व्यक्तिके मृत्यु १० से २० वर्ष आगे हुइना सम्भावना रहठ । १५ से १९ वर्ष उमेर समूहके युवाहुकनके मृत्युके चौठा कारण आत्महत्या रहल बा । अस्टेक नेपालके राष्ट्रिय मानसिक स्वस्थ्य सर्वेक्षण २०२० के सर्वेक्षण अनुसार नेपालमे १० प्रतिशत वयस्कमे अपन जीवनकालके कौनो ना कौनो समयमे ओ ४.३ प्रतिशत वयस्कमे हालके अवस्थामे फेन मानसिक समस्या रहल पाइल बा । २.३ प्रतिशत वयस्कमे आ ०.९ प्रतिशत किशोरकिशोरीमे उदासिनताके समस्या डेखाइल बा । ६.५ प्रतिशत वयस्कमे ओ ३.९ प्रतिशत विशोरकिशोरीमे हालके अवस्थामे आत्महत्याके सोच रहल बा । अस्टेक १.१ प्रतिशत वयस्क ओ ०.७ प्रतिशत अपन जीवनकालमे आत्महत्याके प्रयास करल पाइल बा ।

विशेष कैके किशोरा अवस्थामे जीवनके अति संवेदनशील उमेर हो । भावनात्मक ओ मनोसामाजिक परिवर्तन समेत हुइना यी उमेरमे मनोसामाजिक ओ मानसिक स्वास्थ्य समस्याके समेत जोखिम हुइना करठ । तसर्थ दैनिक जीवनमे आइ सेक्ना भावनात्मक, व्यवहारिक तथा सम्बन्धमे आइ सेक्ना समस्याके पहिचान ओ ओकर व्यवस्थापनके विषयमे समेत किशोरकिशोरीहुक्रे जानकार बनैना आवश्यक बा । समुदायमे मानसिक स्वास्थ्य समस्यासँग सम्बन्धित टमान लाञ्छनासे समयमे समस्याके पहिचान ओ सहयोग लेना प्रमुख बाधक तत्वके रुपमे रहल बा । समुदायमे रहल मानसिक स्वास्थ्यसँग सम्बन्धित गलत धारणा ओ लाञ्छनाहे चिरना व्यापक रुपमे जनचेतनाके कार्यक्रम सञ्चालन करना आवश्यक रहठ कलेसे ओहे मेरिक सरकारसे फेन नीति निर्माण तथा रहल नीतिके प्रभावकारी कार्यान्वयन ओ नियमित मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी सेवा समुदायस्तरमे सर्वसुलभ ओ गुणस्तरीय रुपमे उपलब्ध कराइ परठ ।

मनोसामाजिक तथा मानसिक स्वस्थ्य समस्याहे समयममे मनोविमर्श लेना ओ उपचार करना आवश्यक रहठ । समयमे पहिचान कैके मनोबिमर्श लेना ओ उपचार करलमे यी समस्या कम हुइ । सबजे अपने लग्गे रहल तालिम प्राप्त मनोविमर्शकर्ता, मनोचिकित्सकहुकनके जानकारी रहे परल ।

मानसिक तथा मनोसामाजिक सहयोगके लाग टिपिओ नेपालके हेल्पलाईन नम्बर १६६००१०२००५ मे हरेक दिन बिहान ९ बजेसे साँझ ५ बजेसम फोन कैके सेवा लेहे सेक्जाइठ । यी नम्बरमे नेपाल टेलिकमके नम्बरसे फोन करलेसे कौनो शुल्क नैलागठ ।

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