थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत १३ बैशाख २६४९, शनिच्चर ]
[ वि.सं १३ बैशाख २०८२, शनिबार ]
[ 26 Apr 2025, Saturday ]

साहित्य

कुवाँरी

कुवाँरी

‘कुवाँरी…’ जाँच कोठमसे नर्स बलाइल् । नर्सक् बोलले कुवाँरीक ढेर घचिकके पटिस् लग्टिक अश्रा ओरागैलिस् । महिनावारी रुक्लक् ओरसे ऊ जचाई गैलरहे । ऊ आपन पाला अइलक ओरसे बलैलक् कोठम् गैल् । कुवाँरी कोठम् पुग्टी किल् नर्स टारेसे उप्परसम
फुरन्टु बैस

फुरन्टु बैस

डाइ डाइ काल्ह शनिच्चर टे हो, दिन उठुवासम् सुटेडिस ना । कजलबिल्टी अपन डाइहे जनैटी कहल । सरिक्सा आँखी भर काजल ठप्ठैले रहठ् । ओहेमारे सबजे कजलबिल्टी कठिस् । हुइना टे ओकर खास नाउँ काजल हुइस । मने सब दिन आँखी भर काजल, ढेबरे भर लाले लाल लाली
बरा महत्त्व बा

बरा महत्त्व बा

घरमन सुप्पक्, माखुर पिनामन हुक्कक ।खेटुवामन झुक्कक बरा महत्त्व बा ।। जन्नीन्मन सारी, ठारुन्मन डार्ही ।बराटमन गारीक बरा महत्त्व बा ।। परीक्षामन नक्कलके, लवन्डीमन सक्कलके ।पर्हाइमे अक्कलके बरा महत्त्व बा ।। यात्रामन रेलके, टिनामन
नेपाली साहित्य महोत्सव आजसे

नेपाली साहित्य महोत्सव आजसे

पहुरा समाचारदाताधनगढी, १७ फागुन । आजसे धनगढीमे सुरु हुइना नेपाली साहित्य महोत्सव २०७८ के तयारी पुरा हुइल सुदूरपश्चिमाञ्चल साहित्य समाज जनैले बा । बुधके रोज धनगढीमे पत्रकार सम्मेलनके आयोजना करके साहित्य कला संस्कृति ओ समग्र सुदूरपश्चिमके
१० बुँदे घोषणापत्र जारी करटि छैंठौँ राष्ट्रिय थारू साहित्य सम्मेलन निम्जल

१० बुँदे घोषणापत्र जारी करटि छैंठौँ राष्ट्रिय थारू साहित्य सम्मेलन निम्जल

पहुरा समाचारदाताकञ्चनपुर, १४ फागुन । कञ्चनपुर जिल्लाके कृष्णपुर नगरपालिका वडा नम्बर ६ सिंहपुरमे छैंठौँ राष्ट्रिय थारू साहित्य सम्मेलन १० बुँदे घोषणापत्र जारी करटि शनिच्चरके रोज निम्जल बा । थारू लेखक संघ नेपाल ओ थारू कल्याणकारिणी
सुर्खेत, साहित्य ओ सर्वहारी

सुर्खेत, साहित्य ओ सर्वहारी

‘सुर्खेत बुलबुलताल, माया मै सानो हुनाले छुट्यो मायाजाल,’ इ गिट मै छोटहिसे सुनल रहुँ । टब्बेहेसे लागे कसिनहुइ सुर्खेत ? पाछे सुर्खेतके मानबहादुर पन्ना भाइ कौनो काम विसेस मोर डेरा काठमाडौं, कीर्तिपुर अइलाँ, राट बसेरा बैठ्लाँ ।
थारु कविनसे कविता सुनागैल

थारु कविनसे कविता सुनागैल

पहुरा समाचारदाताधनगढी, १० फागुन । थारु समुदायके थारु कवि लोगन अपन अपन कविता सुनैले बटैं । मातृभासा दिवसके मौका पारेके बुक बस नेपालके आयोजनामे १३ जाने थारु कवि इन्टरनेट जूम कार्यक्रमसे कविता सुनाइल हुइँट् । कार्यक्रममे कंचनपुरसे
राष्ट्रिय थारु साहित्य सम्मेलन फागुन १२ गतेसे

राष्ट्रिय थारु साहित्य सम्मेलन फागुन १२ गतेसे

सागर कुश्मीधनगढी, १० फागुन । छठुवा राष्ट्रिय थारु साहित्य सम्मेलन २०७८ कंचनपुर जिल्लाके कृश्नपुर ६ सिंहपुर गाउँमे हुइ जैटी बा । थारू भाषा, साहित्य, कला, संस्कृति प्रवद्र्धनमे सहयोग पुगैना उद्देश्य सहित फागुन १२, १३ ओ १४ गते तीन दिनसम
घाँस खैना बघुवा

घाँस खैना बघुवा

असार–सावनके महिना । बर्खामे फेन चटाकसे घाम लाग जैना, एक्केघरिम पानी बुन्डियाइ लग्ना । बर्खामे ना काम रहि ना खाइ पैबो । पन्सोठके टिना सब निम्झाइल रहठ । ओ, बर्खहिया सँपार ओस्टे । एकरोज बर्कान दिदी टिना खोजे बनुवाँ चलो कलिन् ।
एक चुम्बनम सिमित प्यार

एक चुम्बनम सिमित प्यार

कुछ बरस आघक बात हो । जब मै मुगुक सदरमुकाम गमगढीम बैसु । शिक्षण पेशाके सिलसिलाम रनहुँ । आफन घर पर्‍यार, इष्टमित्रसे दूर, फरक भूगोल, फरक संस्कृति, फरक भाषाके रनहुँ । एक दिनके बात हो मै स्कुल ओहर जैटी रनहुँ तब एकठो गोह्रर गोह्रर बठिन्या