थारु राष्ट्रिय दैनिक
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‘ साँसद चुनकुमारी एसईई पास ’

‘एसईईमे सन्तुष्टि नैमिलल, लक्ष्य पिएचडी’

पहुरा | २ भाद्र २०७७, मंगलवार
‘एसईईमे सन्तुष्टि नैमिलल, लक्ष्य पिएचडी’

लखन चौधरी
धनगढी, २ भदौ ।
माध्यमिक शिक्षा परीक्षा (एसईई) पास हुइल नतिजासे सुदूरपश्चिम प्रदेशके सांसद चुनकुमारी चौधरीहे न खुसी न दुखी महसुस हुइल बा । २.२५ ग्रेडसे उत्र्तीण हुइल उहाँ कहठी–‘‘खाउ भने कान्छो बाबुको अनुहार, नखाउ भने दिनभरिको शिकार’ कहेहस हुइल बा ।’’
आउर विद्यार्थी जस्टे उहाँ फेन गैल चैत ६ गतेसे हुइुना कहल एसईई परीक्षाके समय हेरके बैठल रही । मने कोभिड १९ के कारण परीक्षा नैहुइना हुइलपाछे उहाँ खिस्स परल रही ।

परीक्षा नैहुइलपाछे आन्तरिक मूल्यांकनके आधारमा उत्तीर्ण हुइलपाछे मनमे अपसोच लागल कहटी उहाँ असन्तुष्टि पोख्ली । ‘अप्नही लिखके परीक्षा डेना मोर जीवनके सबसे बरवार सपना रहे । उ पूरा नैहुइल । पास हुइलेसे फेन आत्मसन्तुष्टि भर नैमिलल ।’

उहाँ आब उच्च शिक्षाके तयारीमे लग्न बटैले बाटी । स्कूले यात्रा संगसंगे राजनीतिक तथा संसदीय यात्रा तय करल ४२ वर्षीया सांसद चौधरी राजनीति शास्त्र ओ कानून विषय लेके क्याम्पस भर्ना हुइना बटैले बाटी ।

कैलालीके गोदावरी नगरपालिका–६ बडेहा घर रहल सांसद चौधरी सिद्धबाबा माध्यमिक विद्यालय गेटासे परीक्षा डेनामे लागल रही । कक्षा ८ के बोर्ड परीक्षा भर भागेश्वर आधारभूत विद्यालयसे उत्तीण करल रही ।

यी कारण स्कूले यात्रा

आपन स्कूले यात्रावारे उल्लेख करटी उहाँ कहली–‘यहाँसम पुगेक लाग जीवनमे ढिउर संघर्ष कर्ले बाटु । सायद मोर जीवनमे पाई नैसेकल कौनो चीज बा कलेसे, उ हो, औपचारिक शिक्षा । विद्यमान सामाजिक संरचना ओ गरिबीके कारण शिक्षा आर्जनसे बञ्चित रहु । शिक्षाबिना मानव जीवन कत्रा दर्दनाक रहठ, अन्धार रहठ कना बात मै अप्नही भोग्ले बाटु । शिक्षाविना जीवनमे पटक–पटक मुवल हस लागल बा ।’

जन्मजात कमैया बनल बाबा तेजराम चौधरी ओ डाइ बेलमति चौधरीक् कोखसे जन्मल सांसद चुनकुमारीके बाध्यकाल जमिनदारके घरमे बिटल । शिक्षा आर्जन कर्र्नाबेला जहाँ बाबा डाइ पुगै, ओहै जाइक पर्ना उहाँके बाल्यकालके विवशता रहे । अत्राहिमे किल उहााके सीमित नैहो उहााके सोगलग्टिक जीवन यात्रा । उमेर १५ पुगलपाछे विवाह बन्धनमे बाँधगिली ओ सुरु होगिल, घरगृहस्थी जीवनके सुरुवात ।

ओइसिक टे उहाँ स्कूले यात्रासे पहिलेही साक्षरता कक्षा भर नैलेहल नाई हुइटी । यहाँसमकी उहाँ आधारभूत कम्प्युटर शिक्षा, ड्राभिङ समेतके सीप हासिल करसेक्ले बाटी । मने जीवनके उच्चतम् लक्ष्य प्राप्तिके लाग शैक्षिक योग्यता अनिवार्य रहल अनुभुति उहाँ सुनैठै । आज ओहे लक्ष्य प्राप्तिके लाग शिक्षा आर्जन करेहिक् पर्ना चाहना ओ बाध्यताके कारण औपचारिक शिक्षा आर्जनके यात्रामे रहल उहाँके कहाइ बा ।

उहाँ आपन विगतके एकठो घटना खिट्कोरटी कहली–‘एकठो कार्यक्रम चल्टी रहल बेला एक जाने शैक्षिक योग्यताके बात निकर्लै । महिन लागल, उ महिनहे लक्षित करके कहटा । कौनो बेला मोर व्यक्तिगत विवरण (बायोडाटा) मागल बेला मै आपनहे निरिह महसुस हुइल रहे ओ स्कूलके यात्रा सुरु करल रहुँ ।’

जागीर खाइक लाग नैपह्रठु

जीवन भोगाईके क्रममे खट्कल शैक्षिक अभावके कारण स्कूले यात्रा तय करल उहाँ आबभर लाठी टेकके हुुइलेसे फेन पह्रन इच्छा पूरा करके छोर्ना बटैठी ।

‘मोरिक पह्राई कौनो जागिर खाइक लाग नाई हो, देश ओ जनताहुकनके लाग हो, देशके लाग ढिउर काम करेक पर्ना मै डेख्ले बाटु । महिन देशके चिन्ता बा । पह्राईहे निरन्तरता डेहक लाग लठ्ठी टेकके फेन पह्रम । महिन आब कोइ फेन रोके नैसेकी आघे कहली–‘हेरी समय कत्राके साथ डेहठ । राजनीतिकर्मी हुइलओरसे राजनीति शास्त्र ओ नीति निर्माणके तहमे हुइलओरसे कानून विषय पह्रन धोको बा । समय साथ डि कलेसे पिएचडी कर्र्ना अन्तिम लक्ष्य हो ।’

सामाजिक क्षेत्रसे राजनीतिओहोर

२०७४ के प्रदेश सभा निर्वाचनमे उहाँ तत्कालीन नेकपा एमालेसे (समानुपातिक) सांसद बनल चुनकुमारी पहिलेहीसे सामाजिक गतिविधिमे सक्रिय बाटी । स्थानीय बडेहा चैटनीपुर महिला सामुदायिक वन उपभोक्ता समूहके उपभोक्ता हुइटी सचिव, अध्यक्षके जिम्मेवारी सम्हार उहाँ पाछे रेञ्जपोष्ट अत्तरिया अन्तरगत फोकोफनके उपाध्यक्ष हुइटी २०६३ सालमे पार्टीके क्रियाशिल सदस्यता ओ खानेपानी उपभोक्ता महासंघके केन्द्रीय सदस्य समेत हुइली ।

हाल नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी (नेकपा)के जिल्ला सदस्य रहल उहाँ आपन सामाजिक तथा राजनीतिक जीवन भर २०५१ से सुरु करल हुइटी । २०६७ मे गृहमन्त्री भीम रावल हुइल बेला सामुदायिक वन उपभोक्ता महासंघ (फेकोफन)से सुरु करल आन्दोलनके बेला २ पटक हिरासतमे समेत परल रही ।

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