केआई सिंहके विर्तावाल ‘गुलयारी’ : किसान पैलै, गोलिक् निसानी
लखन चौधरी
रामपुर (कैलाली), ८ कुवाँर । गुलयारी फँटुवा । मानववस्तीसे डुर, चारुओर गाझिन बनुवासे घेरल । बर्खामे धान ओ हेवट (हिउँद)मे गोहु, मसरीलगायत बालीसे छोपल । हरियर ओ शान्त बिल्गाइठ । मने गुलयारीक् शान्त स्वरुपभिट्टर कान ढारके ओनैलेसे मिठ निडमे रंगिन सपना सजैटी रहल उ भूमीहिन किसानहुकनके चित्कार आइठ ।
यी परिदृष्य कैलालीके कैलारी गाउँपालिका–७ स्थित ओहे गुलयारी अर्थात गोल आकारमे फैलल पूर्व प्रधानमन्त्री डा. केआई. सिंह (कुँवर इन्द्र जीत शाही)के विर्तावाल मैदानी ईलाकाके हो ।
कैलालीके कैलारी गाउँपालिका–७ रामपुरके स्थानीय बुद्धिजीवी रामकुमार चौधरी कहठै,‘गुलयारीहे किल नाई, शासकहुक्रे शोषित पीडित, गरिब किसानन्के पसनाहे आपन विर्ता मनै । चेलीबेटीहुकनके इज्जत फेन आपन विर्ता मनै । सोझ किसानन्के जिउहे फेन आपन विर्ता मनै, ज्या मन लग्लिन् ओहे कर्लै, मोरै काटे हस मनैन् कट्लै ।’
रामपुरके फूलराम चौधरीके दिमागमे २०५९ साल जेठ महिनाके उ रातिक् घटना आज फेन जिट्टी बा । मने गते चाँही ठिक्के पटा नैरहिन । अनकनैटी कहलै, ‘जेठ १४ या १५ गतेक् हस लागठ, उ रातिक् घटना हो, उ मोर जीवनके किल नाई रामपुर ओ वसन्ता गाउँवासीन्के लाग करिया रात रहे ।’
माओवादीन्के रिस किसानन्के उप्पर
२०५९ ओहोर तत्कालीन माओवादीसे चलाइल जनयुद्ध भरल बैसमे रहे । जिम्डारन्के जग्गा माओवादीन्के कब्जामे रहे । माओवादीन्हे डबाइक लाग तत्कालीन सरकार शाही नेपाली सेना परिचालन करल । गुलयारी फँटुवा फेन माओवादीके कब्जामे, करिब १० बरससम कब्जामे रहे ।
ओहोर,भारतके लखिमपुर जिल्लाके सिङ्हाईमे रहल विर्तावाल सिंहके छावाहुकनके आक्रोशके सीमा नैरहल । विर्तामे पाइल आपन बाबाक् जग्गा मनिक् हुइल चीज (फसल) माओवादीहुक्रे किसानहुकन बाँटे लागलपाछे उहाँहुकनके आक्रोशभरल रिस सीमा पार करल । सिङ्हाईमे बैठ्टी आइल केआई सिंहके छावाहुक्रे दर्जनौं गुण्डाहुकनके साथ हातहतियारसहित नेपाल आगिलै । रात १२ बजे रामपुर ओ वसन्ता गाउँमे आतंक मचैलै ।
रामकुमार चौधरी उ रातिक् घटना क्रम सुनैटी कहलै, ‘दिनके सेनान्के डरसे उ रातके कुछ समय बरघरहुकनके भेला चलल । भेलापाछे सक्कु जे आ–आपन घर सुटे गैलै । वस्ती पूरा मिठ निडमे रहे । हतियारधारी डाँकाहुक्रे रामपुर गाउँमे छिर्लै । डाँका अइलै रेउ… भागो…….। कहटी आधा रातमे रोहाढाही मचगिल, भगाभाग एकफाले मचगिल । मिठ निन्डमे रहल वस्ती एक्केघरीमे अशान्त होगिल ।’
किहि–किहि ओ कसिक मरलिन् ?
उहाँ आघे कहलै, ‘मिठ निन्डमे रहल रामपुरके स्थानीय खुशीराम चौधरीक् घाँटी मोरै काटे हस तरबारसे छटसे छिड्ढटा डेलै । प्रेमलाल चौधरीक् हाठ बाँधके बन्दुकसे डाग डेलै । रामपुरमे खेटुवा जोटे आइल बसन्ताक् फूलरामके मझरा भैया छुन्नुराम चौधरीक् फेन घाँटी छिड्ढटा डेलै । लुटपात मचैलै । केआई सिंहके मझला छावा मुन्ना शाहके नेतृत्वमे आइल मनै माओवादीहुकनमे रहल रिस गाउँक् मनैन उप्पर अख्न्या डेलै । फूलरामके ट्रेक्टर लेके चलगिनै । उज्रार नैहुइटी सीमा पार नाघगिलै । रामपुर ओ वसन्ता शोकमे डुबगिल ।’
मरुवा पाइल प्रेमलाल चौधरीक् गोसिनिया लाइक देवी चौधरी १८ बरस आघेक् उ घिनाहुन घटना आपन परिवारके लाग अभिशाप बनल बटैठी । गोसियाक् साठ छुट्नाके साठे आपन सहित आपन परिवारके ५ जहनके शरीरमे कब्बु नैमेट्ना निशान बनल बटैठी ।
स्थानीय महिला स्वास्थ्य स्वयम सेविका समेत रहल लाइक देवी आपन गोसियाक् मृत्यु दर्ता प्रमाणपत्र डेखैटी कहली, ‘हम्रे बरका मलिक्वाक् (केआई सिहंके बरका छावा) भागमे रहल खेटुवा बटैयामे लगाइ । संकटकालके बेला रहे । धान डाके सेक्टी किल माओवादी आके तिकुर (तीन भाग) भाग लगाइक लाग उर्दी जारी कर्लै । हम्रे बाध्य होके ३ भाग लगैली । २ भाग हम्रहिन डेलै । १ भाग जिम्डरुवा हो । मने जिम्डरुवाके भाग अप्नहि लेके गैलै । हेउवटके सिजन आइल । डिम्डरुवा धान नैमिल्लेसे फेन गोहु लगाइक कहलै । हुइल टे डेली । बर्खा सिजनके तयारीम लग्ली । धानेक् बियार गिरासेक्ले रहि । मने जेठ १७ गतेक् रातिक् घटना मोर घर परिवार टुरडेहल, बिखरगैल ।’
विगतके घटनासे भाव विह्ल हुुइल उहाँ आघे कहली, ‘जेठ १७ गते रात बेरी खाके सुट्ली । एकफाले एक बगाल मनै आएके मारे लग्नै । बन्दुक ओ मुडार चलाई लग्नै । मोर गोसियाक् छाती ओ कपारमे गोली चलाके फोंग पारडेलै । विस्तारामे मारडेलै । मोर भठ्यान (तल्लो पेट)मे मुडारसे काटडेलै । बरका छावा छेदु चौधरीक् कम्मरमे मुडारसे काटडेलै । पटोहिया प्रेमा चौधरीक् चुट्टर ओ हाठमे गोलीसे डागडेलिस । हाठ टुरडेलिस । छाइ रीताक् गोराक् फिल्लीमे काटडेलिस् ओ मोर बहिनिया (सौटिनिया)हे भँठ्ठासे मारके अट्घाटाहा बनाडेलिस ।’
गुलयारीक् जग्गा मृतक खुशीराम चौधरी फेन बटैयामे जोट्टी आइल रहिट । उहाँसहित उहाँक् परियार फेन उ रात निशानामे पर्र्लै । खुशीराम चौधरीके गोसिनिया झिंझिया ओ छावा लाइकराम चौधरीहे अट्घाटाहा बनाडेलिन ।
रामकुमार चौधरीके अनुसार ज्यान गुमाइल मनै बिल्कुल राजनीतिसे बेखबर रहिट । आपन खेती किसानी करके जहान परियाार संग खुशी रहिट ।
मने वसन्ताके ज्यान गुमाइल फूलरामके भैया छुन्नुराम चौधरीहे भारा डेब कहिके बलाइलपाछे गुलयारीके जग्गा जोटे रामपुर गैल रहिट । खेटुवा जोटके उहाँ ओहे रात रामपुरमे रहै । उहाँ फेन निशानामे पर्लै ओ बिना हुनिक मरुवा पैलै । टे«क्टर फेन लैगिलिन् ।
वसन्ताके ज्यान गुमाइल फूलरामके मझला भैयाक् भर्खर मंगनी हुइल रहिन । उहाँक् भोज हुुइना दिन तय हुइना बाँकी रहे । डाँकाहुक्रे लुटपात संगे भैयाक् हत्या करलपाछे फूलरामके छुट्की भैयाक् भोज ज्यान गुमाइल छुन्नुरामके मंगनी हुइल लौन्डीक् संग हुइलिन् ।
उ रात रामपुर ओ वसन्ताके लाग करिया रात रहे । जेकर एक्के कारण हो, विर्तावाल गुलयारी फँटुवा । स्थानीयहुुक्रे न्यायके लाग पुकारा कर्ना उ बेला कौनो निकाय नैडेख्लै । चुपचाप सब सहगिलै ।
मुवलपाछे माओवादी !
रामकुमार आघे ठप्लै, ‘घटनावारे उ द्वन्द्वकालमे प्रहरीहे खबर करी कलेसे कसिक कर्ना ? उ बेला सेना, प्रहरीहुकनसे डर लागे । माओवादीन्के बिल्ला लगाके उल्टे कारवाही करही कि कहिके कना डर ओत्रही रहे । माओवादीन्हे सुनाउँ कलेसे, माओवादी अप्नही विद्रोहमे रहे । रामपुर ओ वसन्ता चुपचाप सक्कु अन्याय सहन करल ।’
घटनापछि अप्नेहुक्रे मुद्धा दर्ता कर्ना पक्षमे रहल ओ माओवादी हुइटै कहिके कहे लागल लाइक देवी सुनैठी । ‘मै टे मुद्धा लर्ना विचारमे रहुँ । मने मुन्ना शाह अप्नही धनगढी जाके आतंकारीहुकन (माओवादी) मारडेनु कहे लागल । हमार बाट कोइ नाई सुने लागल । उ संकटकालमे सक्कु अन्याय ओ अत्याचार सहेपरल ।’
अप्नेहुक्रे माओवादी नैरहलेसे फेन उ घटनामे मुवल आपन गोसियासहित तीनु जहनहे माओवादी कहे लागल लाइक देबी सुनैठी ।
‘घटना पूरान हो मने हमार उप्पर हुइल अन्याय ओ अत्याचार आज फेन ओस्टही लागठ । प्रशासन आतंककारी (माओवादी)के सुचीमे राखडेहल । उपचारके क्रममे हम्रहिन कोहलपुर लैगिलै । मने माओवादी कहिके उपचार फेन नैकरडेलै । ओस्टही घर आगिली । सक्कु जे महि ओ मोर जन्नीहे मुवल जानै । एकठो बैद्य आपन घरेलु जडिबुटीसे हम्रहिन चोख्वाइलै । भाग्यसे बाचल हुइटी’, लाइक देवीक् छावा छेदु आपन कम्मर पाछे मुडारले काटल ठाउँ डेखैटी कहलै, ‘ ठीक बा, यदि हम्रे माओवादी हुइटी कलेसे एकठो सहिद परिवार राज्यसे पैना सुविधासे काहे बञ्चित हुइना । पीडकहे काहे कारवाही नैकरगिल ? आखिर माओवादी फेन सरकारमे आगिल रहे ।’
अत्रही किल नाई उ घटनासे पहिले केआई सिंहके छावाहुकनके अत्याचार पटक–पटक सहटी आइल रहै स्थानीय । सुग्घर बठियान् डेखे नैसेक्ना । ओइनके इज्जत ओइनक् हाठमे । ओइनके अत्याचार, यातनाके सिकार हुइल स्थानीयहुक्रे पञ्चायतकालसे आजसम ओइनके नाउ सुनके डरैटी रहल कैलारी गाउँपालिका वडा नं. ७ के वडा अध्यक्ष कमल चौधरी बटैठै ।
वडा अध्यक्ष चौधरी कहठै, ‘उहाँहुकनके अत्याचार ओट्रा ज्यादा बह्रल रहे कि, उहाँहुक्रे आपन जग्गा किल नाई किसानन्के रगत, पसिना ओ चेलीबेटीन्के इज्जत समेत आपन विर्ता मानै । उहाँहुकनके नाउ सुनके मनै डरैठै । आजसम फेन भित्रि मनमे डर बैठल बाटिन् ।’
फरगिभ एण्ड फरगेट : शाह
ओहोर, पूर्व सांसद समेत रहल केआई सिंहके छुट्की छावा यज्ञजीत शाह अप्ने तथा आपन परिवारउप्पर नैहुइना ओ निराधार आरोप लगाइल बटैठै । आपन डाडाहुक्रे भारतमे बैठ्लेसे फेनसे अप्नेभर पहिलेहीसे भैरहवा बैठ्टी आइलओरसे घटनावारे ढिउर वाट पता नैरहल उहाँके कहाइ बा ।
उहाँ कहठै, ‘बाट २० औं बरस आघेक् हो । माओवादी फेन सत्तामे आसेकल । मै फेन प्रचण्ड अध्यक्ष रहल पार्टीके सदस्य हुइटु । हम्रे उ बेला बहुट दुःख पैली । पहिले ज्या जस्टे हुइलेसे फेन पुरान बाट बिस्रैटी जैना चाँही । आबके समय मेलमिलापके हो । विकास ओ सुशासनके हो । उ बेला फलना असिक करल कहिके बाट कट्ना मजा नैहो । अंग्रेजीमे कहठै जे ‘फरगिभ एण्ड फरगेट’ ।
डा. केआई सिंह ओ गुलयारी
डोटी जिल्लाके डुम्राकोटमे जन्मल डा. केआई सिंहहे नेपालके इतिहासमे विद्रोही ओ उदण्ड स्वभावके नेताके रुपमे मानजाइठ ।
उहाँहे ८ बरसके उमेरमे डोटेली रज्वाक् हिउदँके महिनामे बैठ्ना ठाउँ भारतके लखिमपुर जिल्लाके सिङ्हाईमे लैगिल रहे । सिङ्हाईमे उहाँ प्राथमिक शिक्षा हासिल कर्लै कलेसे बलरामपुर, लखनउ, गोन्डा बैठ्के हाई स्कुलसमके शिक्षा आर्जन करल रहिट ।
उहाँ परिवार संग बर्मा पुगल रहिट । बर्मामे उहाँ आयुर्वेदसम्बन्धी अध्ययन करल रहिट । चिकित्सक वा विद्यावारिधि नैकर्लेसे फेन औषधिमूलो कर्ना हुइलओरसे उहाँहे डाक्टर कहिगिल । उहाँ ओहे आधारमे आपन नाउ डा.के.आई. सिंह लिखे लागल विकिपिडियामे उल्लेख बा । उहाँ राजाहे आपन कामसे खुशी पारल बटाजाइठ । एक समय राजा महेन्द्र स्वादेश बाहिर गैल बेला उहाँ देशके कार्यभार सम्मारल बटाजाइठ ।
विदेशसे फर्कलपाछे रज्वा उहाँक कामुसे प्रभावित होके टै का मङबे, माग कहिके कहल बेला जग्गा लेम कहलै । रज्वा उहाँहे हेलिकप्टरमे बैठाके जग्गा हेरे नन्ल ओ उहाँ कञ्चनपुरके शुक्लाफाँटा, कैलालीके गुलयारीफाँटासहित स्थान डेखैलै । जौन मध्य उहाँहे गुलयारी फँटुवा मन परल । गुलयाली फँटुवा ओ उहाँक् बाल्यकाल बिटल भारतके सिङ्हार्ईबीचके दुरी ३० से ३५ किलोमिटरके दुरीमे रहलआरसे मन पर्नके मुख्यकारण रहल स्थानीय बटैठै । करिब ६० विघा क्षेत्रफलमे वसन्ता वन क्षेत्रमै फैलल उ गुलयारी फँटुवाहे रज्वा महेन्द्र विर्तामे डेहलै । मने दर्ता भर ३० विघा रहल पागिल बा ।
सशस्त्र द्वन्द्वकालमे उ विर्तावाल जग्गा माओवादीके नियन्त्रणमे रहे । माओवादी शान्ति प्रक्रिया आइलपाछे फेरसे उ जग्गाके भोगचलन केआई सिंहके पुस्ताहुक्रे करे लग्नै । कैलारी गाउँपालिकाको ७ नं. वडा कार्यालयके तथ्यांक अनुसार उ जग्गा हाल ३ जहनके नाउमे दर्ता बावै ।
केआई सिंहके ३ छावा यज्ञजीत शाह, मुन्ना शाह ओ चोलाजीत शाहके नाउमे दर्ता बा । यज्ञजीत शाह रुपन्देही जिल्लाके निर्वाचन क्षेत्र नं. ५ से निर्वाचित पूर्व सांसद फेन हुइटै । मुन्ना शाह ओ चोलाजीत शाह भर भारतके सिङ्हार्ईमे बैठ्टी आइल बाटै । रामपुर ओ वसन्ता घटनापाछे उ जग्गा भाडामे डेगिल बा । घटनापाछे भर शाह डाडाभैया आइक छोरल स्थानीय बटैठै ।
करिब १० बरसे उ जग्गामध्ये १० विघा जग्गा भाडामे लेके खेतीपाती करटी आइल कैलारी गाउँपालिका ७ हौसलपुरके रामु चौधरी १० विघाके वार्षिक भाडा ३ लाख २० हजार टिरटी आइल बाटै । २ भैयान्के जग्गाके भाडा रकम सिङ्हार्ई ओ एक भैयाक् भाडा रकम काठमाडौं पठैटी आइल रामु चौधरी बटैठै । टबफेन मोलपोत रकम भर सिंहके नाती पुुस्ता दाखिला करटी आइल वडा कार्यालय जनैले बा ।
विर्ता उन्मुलन नैछुवल
२०१६ सालमे सरकार विर्ता उन्मुलन ऐन नानल रहे । उ ऐन बमोजिम सक्कुु विर्ता उन्मुलन करल रहे । विर्तामे रहल विर्तावालके भूस्वामित्व सम्बन्धी हक ओ अधिकार स्वतः समाप्त हुइना कहिके उल्लेख बा । मने उ विर्तावाल जग्गा भर बचल बा । व्यक्तिके नाउमे दर्ता हुइल हो ।
उ ऐनके दफा ४ के उपदफा २ मे क श्रेणीके जग्गा रहलेसे विर्ता जग्गाके मोहीके नाउमे दर्ता करे सेकजिना कहल बा । मने आवाद नैरहल पर्ति तथा जंगल केक्रो नाउमे दर्ता करे नैसेकजिना उल्लेख बा । जौन नेपालके अन्य पर्ति जग्गा तथा जंगल सरह हुइुा कहल बा । जब की गुलयारी फँटुवा जग्गा बनुवाक् बिच्चे बा ।
उ जग्गा हुइटी हाल हुलाकी राजमार्ग विस्तार हुुइल बा । उ जग्गा धनगढी–टीकापुर खण्डमे परठ । कैलालीके हसुलिया बजारसे करिब ८ किलोमिटर दक्षिण–पूर्वी दिशामे अवस्थित बा ।