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४ महिनामे १०७ बलात्कारके घटना दर्ता

पहुरा | १४ मंसिर २०७७, आईतवार
४ महिनामे १०७ बलात्कारके घटना दर्ता

उन्नती चौधरी
धनगढी, १४ अगहन ।
सुदूरपश्चिम प्रदेशके पहिल चौमासिकमे १५८ ठो महिला तथा बालबालिका सम्बन्धी घटना दर्ता हुइल बावै । जौन मध्ये १०७ ठो बलात्कारके मुद्दा रहल बावै ।

२०७७ सावन यहोर सुदूरपश्चिम प्रदेशके टमान जिल्लामे जबर्जस्ती करणीके ९८ ठो, जवरजस्ती करणी पश्चात कर्तव्य ज्यान १, अपहरण तथा जबरजस्ती करणी ६, हाडनाता करणी २ सहित १०७ ठो बलात्कारके घटना दर्ता हुइल सुदूरपश्चिम प्रदेश प्रहरी कार्यालय, दिपायलके प्रहरी वरिष्ठ उपरीक्षक प्रवक्ता मुकेशकुमार सिंह जानकारी डेलै ।

ओहकान अनुसार कैलालीमे ४९ कञ्चनपुरमे १७, बैतडीमे ९, डोटीमे ८, बझाङमे ६, डडेल्धुरामे ४, बाजुरामे २, दार्चुलामे १ ओ अछाममे २ सहित ९८ जबर्जस्ती करणीके जाहेरी दर्ता हुइल बावै ।

यी अवधिमे जवर्जस्ती करणी उद्योगमे ३८ ठो घटना दर्ता हुइल बावै । कैलालीमे १५, कञ्चनपुरमे ९, बझाङमे ५, अछाममे ३ डडेल्धुरामे ३, बैतडीमे २ ओ बाजुरामे १ ठो जवर्जस्ती करणी उद्योगके घटना हुइल बावै । ओस्टके कैलालीमे ३, कञ्चनपुरमे २ ओ डडेल्धुरामे १ ठो अपहरणपश्चात जबरजस्ती करणी हुइल ६ ठो जाहेरी परल बावै ।

प्रदेश प्रहरी कार्यालयके अनुसार बझाङमे १ महिलाहे जबर्जस्ती करणी कैके हत्या करल बा । ओस्टके मानव बेचबिखन तथा जबर्जस्ती करणीके एक, अप्राकृतिक मैथुनके तीन, बाल यौन दुव्र्यवहारके ५ ओ हाडनाता करणीके २ ठो जाहेरी दर्ता हुइल प्रदेश प्रहरी कार्यालयसंग तथ्यांक रहल बा ।

महिलाहुक्रनप्रति समाज असहिष्णु हुइलक कारण बलात्कार ओ यौन दुव्र्यवहारके घटना बर्हटी गैल प्रदेश प्रहरी कार्यालय दिपायलके प्रवक्ता प्रहरी वरिष्ठ उपरीक्षक कुमार सिंह बटैलै ।

ओहकान अनुसार गत आर्थिक बरस २०७४/०७५ के एक बरसके अवधिमे जबर्जस्ती करणीके १३ सय ६१, जबर्जस्ती उद्योग ७२७, अप्राकृतिक मैथुन २४, बोक्सी आरोप ४८, अपहरण तथा जबर्जस्ती करणी २३, मानब बेचविखन तथा जबर्जस्ती करणी १० ठो मुद्दा दर्ता हुइल रहे ।

ओस्टके २०७५/०७६ मे जबर्जस्ती करणीके २२ सय ३०, जबर्जस्ती उद्योगके ७६८, अप्राकृतिक मैथुनके २४, बोक्सी आरोपके ४६, अपहरण तथा जबर्जस्ती करणीके ४७, मानब बेचविखन तथा जबर्जस्ती करणीके १५ ठो मुद्दा दर्ता हुइल रहे । २०७६/०७७ मे जबरजस्ती करणी २१ सय४४, जबर्जस्ती उद्योग ६८७, अप्राकृतिक मैथुन २७, बोक्सी आरोप ३४, अपहरण तथा जबरजस्ती करणी ३५, बाल यौन दुव्र्यवहार २३२ वटा मुद्दा दर्ता हुइल बावै ।

दलित महिला अधिकार मञ्च नेपालके अध्यक्ष सावित्री घिमिरे पहिलेक तुलनामे ढिउर घटना बाहल आइल बावै । ‘हिंसा बर्हलसे फेन तथ्यांक बर्हल हो । अब्बेक महिला न्याय ओ अन्याय छुट्याइ सेक्ना हुइल बावै, जौन कारण ढिउर घटना न्यायीक निकायसम पुग्ना हुइल ओरसे हिंसाके घटना बर्हल डेखजाइठ्,’ उहाँ कहली ।

बन्दाबन्दीके बेला कानूनी निकाय फेन बन्द हुइल कारण ढिउर महिला अपने परिवारसे फेन बलात्कार हुइटी रहल घटनाबाहर आइल उहाँ बटैली । ओहकान अनुसार पाछेक अवस्थामे फेन बलात्कारके घटना धम्की डर त्रास तथा प्रलोभन डेखाके मिलापत्र कैना क्रम नाइ रुकल ओरसे अपराधीक मानसिकता हुइलहुक्रनके मनोबल बर्हल बा ।

‘घटना हुइठ्, समाजके मनै बैठके मिलापत्र कैना खोज्ठै । ओकरपाछे अपराधीहुक्रे झन ढिउर सक्रिय हुइठै,’ उहाँ कहली ।

अपराधी जो कोइ रलेसे फेन अपराधी नै हो कना बुझाई समाजमे हुइ पर्ना ओ अपराधके घटना कानूनके दायरामे लन्ना सबके एक्यबद्धता हुइना जरुरी रहल घिमिरेके कहाइ बा ।

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