मानव अधिकारके अवस्था सुधारी
सशस्त्र द्वन्द्वके समाप्ती हुइल नम्मा समय वितसेक्लेसेफे संंक्रमकालिन न्यायके सवाल जस्ताके टस्टे बा । आन्तरिम संविधानके म्याण्डेड अन्सार संविधानसभाके चुनाव हुइल, सविधानसभासे संविधान बनल, तीन तहके निर्वाचन हुइल, नेपालके संविधानमे मौलिक हक उल्लेख करटी उत्कृष्ट संविधान कहिके घोषणा कैगिल मने मानव अधिकारके अवस्थामे खासे सुधार हुइल नइविल्गाइल हो ।
इन्सेकसे करल अभिलेख अन्सार सन २०२० मे देशभर मानव अधिकार उल्लंघनके घटनामे ५ हजार ५ सय ४३ जाने पीडित हुइल पागिल बा । नेपाल मानव अधिकार बर्ष पुस्तक २०२१ सार्वजनिकरण करटी इन्सेकसे यी बर्ष मानवअधिकार उल्लंघनके घटनामे ५८ महिला ओ ६ सय १७ पुरुष करके जम्मा ६ सय ७५ जाने पीडिट हुइल जनागिल बा । ज्यादतीके घटनामे ४ हजार २७१ महिला, ५ सय ९५ जाने पुरुष, एक जाने लैंगिक तथा अल्पसंख्यक समुदायके व्यक्ति, एक जाने नइखुलल सहित जम्मा ४ हजार ८६८ जाने पीडित हुइल बटै ।
यी बर्ष राज्यपक्षसे सात जानेक हत्या हुइल, यी बर्ष यातनाके घटनामे नौ जाने, गिरफतारीके घटनामे ३ सय ७० जाने, जातीय विभेदके घटनामे ४८, अमानविय व्यवहारके घटनामे २५ जाने, भेला तथा संगठित हुइना अधिकारमे ९४ जाने, धम्कीके घटनामे २५ जाने, कुटपिटके घटनामे ३ सय २० जाने पीडित हुइल बटै ।
सन २०१९ मे मानव उल्लंघन ओ ज्यादतीके घटनामे ६ हजार ६४२ जाने पीडित हुइल रहिट । महिला विरुद्ध हुइना सक्कु मेरिक दुव्र्यवहार घटनामे सन २०२० मे २ हजार ६०६ जाने पीडिट हुइल बटै । यी बर्ष बेचविखनके प्रयासके घटनामे ३२ जाने, घरेलु हिंसाके घटनामे १ हजार ३४६, कठित बोक्सीनियाके आरोपमे ५८ जाने, बलात्कारके घटनामे ६ सय ४८ जाने, बलात्कार प्रयासके घटना १ सय ५२ जाने, यौन दुव्र्यवहारके घटनामे ६२ जाने, ओ बेचविखनके घटनामे २५ जाने महिला पीडिट हुइल बटै । यी बर्ष परिवारजनसे १ सय २ जाने महिलाके हत्याके हुइल, उहे कारणसे १२ जाने महिला हिंसामे परल बटै । परिवारजनसे महिला मुवाइल कुछ घटनामे पीडितपक्षसे हत्याके आरोप लगाइल मने आरोपित पक्षसे आत्महत्या करल कहिके बटाइल पाइल, पोष्टमार्टम रिपोर्टमे आत्महत्या विल्गाइल कहटी प्रहरीसे उजुरी नइलेहल पागिल बा ।
यी बरष बाल अधिकार उल्लंघनके घटनामे १ हजार ४६१ जाने पीडित हुइल जनाइल बा । जौन मन्से बलात्कारके घटनामे ९ सय ८९, यौन दुव्र्यवहारके घटनामे ३ सय ५६, विद्यालयमे शारीरिक सजाय डेहल घटनामे १९ जाने, बालबालिका पीडित हुइल अभिलेख हुइल बा ।
सुदूरपश्चिम प्रदेशमे सन २०२० मे मानवअधिकार उल्लङघनके घटनामे ५ सय १७ जाने पीडित रहल हुइल रहलमे राज्य पक्षसे ५२ जाने पीडित हुइल बटै, ओम्ने ३ महिला ४९ पुरुष रहल बटै । अधिकारके आन्दोलन करेबेर गिरफतार हुइल ४०, कुटपिट ६, हिरासत वा थुनामे मृत्यु २, जेलमे मृत्यु ३, अभिव्यक्ति भेला तथा संगठित हुइना अधिकार १ करके ५२ पीडित हुइल बटै । गैर सरकारीपक्षसे ४ सय ६५ जाने पीडित हुइल बटै । उ घटना कुटपिटमे २१, बाल अधिकार हनन ८२, आर्थिक सामाजिक तथा सास्कृतिक अधिकार १, घाहिल ३, हत्या ४०, जातीय विभेद ७, महिला अधिकार हनन ३११ करके ४ सय ६५ जाने पीडित हुइल बटै ।
बालश्रम, बालबालिका ओसारपसार, बेचविखन, यौनजन्य हिंसा, शिक्षा ओ स्वास्थ्यके अवसरसे बञ्चित जैसिन बाल अधिकार हननसे बालबालिका पीडित हुइल इन्सेकके अभिलेखमे डेखगिल बा । ढेर जैसिन विद्यालय भवन बालमैत्री नइरहल, छात्राहुकनके लाग अलगे शौचालयके उचित व्यवस्था नइरहल, बहुत न्यून संख्यामे अपाङमैत्री विद्यालय भेटल, निःशुल्क शिक्षाके विषय व्यवहारमे लागु नइहुइल हो । सामुदायिक विद्यालयसे टमान बहानामे शुल्क असुल करल, उमेर नइपुगल अवस्थामे भोज कैना प्रचलन अभिन कायम रहल, ढेर जैसिन बालविवाहके घटना प्रहरीसम नइपुगल, विद्यालयम डेना शारीरिक दण्डके घटना अभिलेख हुइलमे सक्कु जैसिन घटना मेलमिलापमे टुङल डेखजाइठ ।
कारागारमे क्षमतासे ढेर कैदीबन्दी रख्ना ओ ओकर कारण सिर्जित समस्या समाधानके लाग सरकारी पहल नइहुइल, देशभरके कारागारके क्षमता ११ हजारके हाराहारीमे हुइलेसेफे २३ हजारसे ढेर कैदीबन्दी रहल, क्षमतासे ढेर कैदीबन्दीहे सुटना, बैठना, खाना पकैना, खैना, नेंगघुम कैना, शौचालय जैना, लहैना, खानेपानीके साथे टमान रोगके संक्रमण जैसिन समस्या विल्गाइल बा ।