थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत ०३ फागुन २६४८, शनिच्चर ]
[ वि.सं ३ फाल्गुन २०८१, शनिबार ]
[ 15 Feb 2025, Saturday ]

थारू साहित्यिक आन्दोलन ओ थारू साहित्यिक पत्रकारिता

पहुरा | १ जेष्ठ २०७८, शनिबार
थारू साहित्यिक आन्दोलन ओ थारू साहित्यिक पत्रकारिता

ओंरवा लेहेबेर

थारू साहित्यिक आन्दोलन ओ थारू साहित्यिक पत्रकारिता दुइ अलग अलग बिसय हो । मने यकर बिच गहिंर सम्बन्ध बा । इतिहास बिल्टैना हो कलेसे थारू भासक् पहिला पत्रिका गोचाली (२०२८) साहित्यिक आन्दोलनहे आवरण डेके प्रकाशन हुइल रहे । उहिसे पहिले थारू समुदायके हक हितके लग समग्र थारून्के छाता संगठन थारू कल्याणकारिणी सभा (थाकस) २०१५÷१६ सालओर गीति नाटक मञ्चन मार्फत् जागरण अभियान कर्ले रहे । मने थारू साहित्यिक पत्रिका प्रकाशन करुइया समूहसे थारू साहित्यिक आन्दोलन करल कमे डेखजाइठ ।

राजधानीके आरआर क्याम्पसमे तामाङ डाजाङ संस्था प्रत्येक महिनक् अन्तिम शनिच्चर तामाङ साहित्यिक कार्यक्रम करठ । तामाङ डाजाङके अध्यक्ष बुद्ध योन्जनके अनुसार २०५८ बैशाखसे शुरु हुइल तामाङ साहित्यिक श्रृंखला २०७१ जेठसम १३१ भाग होसेकल । प्रत्येक महिना सुनाइल रचना संकलन कैके ‘तामाङ डाजाङ’ के नाउँसे जो पत्रिका फेन प्रकाशन कैजाइठ, २०७१ जेठसम १०४ अंक प्रकाशन हुइलमे २०७७ चैटसम १७२ अंक प्रकाशन होसेकल । लकडाउनमे फेन प्रकाशनके टयारि हुइटि रलक अध्यक्ष योन्जन जनैलाँ । असिन लोभलग्टिक प्रस्टुटि थारू साहित्यमे नैहो, मने आसा करे लाइक सम्भावना बन्टि बा ।

जनआन्दोलन २०६२/६३ पाछे कुछ साहित्यिक आन्दोलन हुइल बिल्गठ । इहे क्रममे नेपालगञ्ज साहित्यिक श्रृंखला (२०६१), जंग्रार साहित्यक बखेरी, बर्दिया (२०६८), छिट्कल साहित्यिक समूह, कैलाली (२०६९), थारू युवा परिवार, सर्वहित समाज नेपाल, बर्दियाली थारू विकास मञ्च, कैलाली÷कञ्चनपुर मैगर थारू विकास समाज यी चारठो संस्थासे ठुम्रार साहित्यिक बखेरीके नाउँसे हुइना थारू साहित्य श्रृंखला कीर्तिपुर, काठमाडौँ (२०६९) दाङके स्रष्टा (२०७०) लोग आ–आपन जिल्लाके मेरमेरिक स्थानमे नियमिट कार्यक्रम कैके खासकैके कविता, गीत, गजल, मुक्तकमार्फत् साहित्यिक आन्दोलनहे उचाइमे पुगैटि बटाँ । इ अवधारणा पत्रमे हालसम हुइल थारू साहित्यिक आन्दोलनके विवरण सहिट अइना डिनिम असिन आन्दोलनके भूमिकाबारे प्रकाश पर्ना प्रयास कैगैल बा ।

इ लेखमे रहल थारू साहित्यिक आन्दोलनके मूल सन्दर्भ स्रोत कृष्णराज सर्वहारीक् नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान, मातृभासा विभागमे २०७० असारमे प्रस्टुट थारू साहित्यको अध्ययन सिर्सकके लघु अनुसन्धानसे लेगैलक हो ।

थाकसके जागरण आन्दोलन

वि. सं. २००५ सालमे स्थापना हुइल थाकसहे नेपालके सब्से बुह्राइल संस्था मान्जाइठ । सुरु सुरुमे इ संस्थामार्फत् जनचेतना जगाइक लग बारा जिल्ला निवासी संगीत उस्ताद रामप्रसाद राय थारूके नेतृत्वमा गीति नाटक मञ्चन मार्फत् जागरण अभियान कैगैल रहे । उहाँ २०१६ सालमे थरुहटके बौवा और बहुरिया गीति नाटक फेन प्रकाशित कर्ले बटाँ । मने पाछेक समयमे थाकससे साहित्यिक गतिविधि नैहुइल । २०३३ सालसे प्रकाशित थाकसके मुखपत्र थारू संस्कृति सुरुके अंक बिशुद्ध साहित्यिक बा । पाछे पाछे थारू संस्कृति पत्रिका बैचारिक लेखमे केन्द्रित हुइल बा ।

२०५५ साल फागुन २८ से ३० सम उदयपुरके हडियामे थाकसके स्वर्ण जयन्तीके अवसरमे करिब डर्जन पोस्टा विमोचन हुइल रहे । असिन माहोल किल सृजना कैडेले से फेन थारू साहित्यके उचाइ हालि उठ्ना रहे । मने कुछ साहित्यिक स्रष्टालोगन थारू भासा साहित्यके उत्थानमे योगदान कैलक कैहके सम्मान कैनाबाहेक थाकस थारू साहित्यके उत्थानके लग कौनो ठोस कार्यक्रम नैलन्ले हो । भासा ओ संस्कृति विभाग गठन कर्लेसे फेन इ विभाग निस्क्रिय बा ।

गोचाली आन्दोलन

थारू भासा तथा साहित्य उत्थान मञ्च नेपाल दाङ (२०२८) साहित्यिक संस्था थारू भासक् पहिला पत्रिका गोचाली २०२८ सालमे प्रकाशित करल । साहित्यके आवरण लेके आगे आइल इ संस्था मोहियानी हक ओ जमिन्दारन्के अत्याचार विरुद्ध आन्दोलन उड्गर्ले रहे । टब्बे हमार कहनाई पर्चा छाप्के इ संस्था तत्कालीन पञ्चायती शासकलोगन्के ज्यादती विरुद्ध हुंकार फुँक्ले रहे । गोचाली परिवारके नाउँले चिन्हजैना इ संस्थाके पदाधिकारीन् प्रशासन व्यवस्था विरोधी पत्रिका छप्लक आरोप लगाके पक्राउ कैके बहुट साँसट फेन डेले रहे । ओहेसे गोचाली पञ्चायत कालमे अक्के अंक किल निक्रे सेकल ।

छयालीसके आन्दोलनपाछे गोचाली पत्रिकाके प्रकाशन, थारू प्रगतिशील साहित्यको वकालत ओ अन्य गतिविधिमे फेन जुर्मुराइल । २०५८ साल पुस १२ गते इ आन्दोलनके मुख्य अगुवा सेमरहवा, बर्दियाके सगुनलाल चौधरी सेनासे वेपत्ता पारगैलाँ, जे अभिन फेन फेला नैपरल हुइट । गोचाली परिवार, कैलालीके जोखन रत्गैया, जगत रत्गैया सैनिक कार्वाहीमे मारागैलाँ । सगुनलाल चौधरीक् नाउँसे प्रतिष्ठान खोल्के सगुन स्मृति पुरस्कार स्थापना कैगैल बा । २०७० वैशाख ८ गते मरणोपरान्त रुपमे जोखन रत्गैयाहे इ पुरस्कार पहिला फेरा डे गैल बा । प्रत्येक बरस बैशाख १ गते प्रतियोगी ओ अप्रतियोगी कविता गोष्ठी कैके गोचाली दिवस मनाजैटी बा । असिक गोचाली परिवार फेन डोस्रे पख्ना फरफरवाइटा ।

गोचाली परिवार गोरा पसारल जिल्ला सुर्खेत, बर्दिया, कैलाली, दाङलगायत जिल्लामे क्याम्पसमे अध्ययनरत विद्यार्थी समुह बनाके थारू पत्रिका फाटफुट टे निकरटी बटाँ, मने ओइने कौनो साहित्यक आन्दोलन आघे नैबह्रैले हुइट । गोचाली पत्रिका फेन नियमित नैहो ।

साहित्य गोष्ठी परिवार

प्रजातन्त्र पुनस्र्थापनापाछे राजधानी बैठ्ना खासकैके पूर्वीय थारू युवा साहित्यकारलोग थारू साहित्य गोष्ठी परिवार (२०४७) काठमाडौंमे गठन कर्ला । सियाराम चौधरी, तेजनारायण चौधरी लगायतके अगुवाइमे इ प्रत्येक महिनक् डोसर शनिच्चर डिनके १ बजे आरआर क्याम्पस प्रदर्शनीमार्ग, काठमाडौंमे थारू साहित्य गोष्ठी करे । यकर अलावा इ पूर्वी थरुहटमे फेन साहित्यिक कार्यक्रम करे । इहे परिवार २०४९ वैशाखसे आँइख त्रैमासिक पत्रिका फेन प्रकाशित करल । आँइखके पहिला अंकमे प्रकाशित जानकारी अनुसार इ २०४८ कार्तिक २ गते पशुपति मावि सिराहामे २ डिने थारू भासा साहित्य गोष्ठी कर्ले रहे । २०४८ सालमे थारू साहित्य गोष्ठी परिवार सिरहा, सप्तरीमे म्याराथुन सैलीमे अभियानके रुपमे थारू साहित्यिक गोष्ठी कर्ले रहे । जस्टे कि असोज १५ गते सप्तरीक् भेडिया बजार, १६ गते सिरहाके लहानमे कार्यक्रम कर्ले रहे । ओस्टक सप्तरीक् अन्य स्थान असोज १७ गते कुशहा बजार, १८ गते कल्याणपुर, १९ गते अर्नाहा, २० गते कठौना, २१ गते महुली बजार, २२ गते कञ्चनपुर, २३ गते फत्तेपुर ओ २४ गते सुस्तीपुर (सिरहा) मे लग्ढार १० डिन ऐतिहासिक कार्यक्रमके आयोजना कर्ले रहे । असिन लग्ढार १० डिने थारू साहित्य अभियान पस्चिउँओर हुइ नैसेकल हो ।

इ परिवार २०४९ असार २० गते पहिला वार्सिकोत्सव मनाइल, जेम्ने थारू भासक् पहिला कथाकार हृदयनारायण चौधरीहे ‘थारू साहित्य पुरस्कार‘ले सम्मानित कैगैल । मने इ अभियान २०५० पाछे सरागैल । आँइख पत्रिका फेन बन्द होगैल । साहित्य गोष्ठी परिवार खासकैके थारू साहित्यके कविता आन्दोलनमे एकमेरिक हलचल नानल ।

थारू विकास समन्वय परिषद

इ परिषद विराटनगरमे २०४७ सालमे गठन हुइल रहे । इ मोरङ, सुनसरी क्षेत्रमे थारू साहित्यिक गोष्ठीके आयोजना कैके संकलित रचना वार्षिक रुपमे डलयेती पत्रिकामे प्रकाशन करे । ३÷४ बरसमे इहो अभियान सरागैल । डलयेती पत्रिका फेन बन्द बा ।

नेपालगञ्ज साहित्यिक श्रृंखला

कृष्णराज सर्र्वहारीक् संयोजनमे २०६१ जेठसे नेपालगञ्जमे थारू भासक् १२ श्रृंखला २०६२ जेठसम्म सञ्चालित हुइल । थारू करमचारि कार्यरत कार्यालयके परिसरमे कौनो शनिच्चर जाके ओइन फेन साहित्यिक रुझान करैना प्रयास कैगैल रहे । इ श्रृंखलाहे पाछे बुहभासिक कैगैल रहे । सर्वहारी नेपालगञ्ज छोर्लक पाछे अभियान ओरा गइल ।

जंग्रार साहित्यक बखेरी

२०६८ पुस १ ओ २ गते जंग्रार साहित्यिक वखेरी (सभा) के सुरुवात बर्दियाके ठाकुरद्वारामे आवासीय कार्यक्रम कैके शुरु कैगैल । यकर संयोजक सोम डेमनडौरा बटाँ । शायद पहिलाबेर कार्यक्रमके अग्रिम प्रचार–प्रसार फेसबुकसे लेके ट्वीटरसम हुइल । देश विदेशसे फेसबुक प्रयोगकर्तालोग लाइक कैके कसिक बखेरीमे आइसेक्जाइ कैहके जिज्ञासा रख्लाँ । यकर पहिला उद्देश्य साहित्य लेखन अभ्यास कैना ओ डोसर ठाकुरद्वाराहे थारू सांस्कृतिक पर्यटन क्षेत्रके रुपमे प्रचार प्रसार कर्ना रहे । एक दर्जन थारू स्रष्टालोग स्थानीय परिवेशमे रचना कैके गीत, गजल, कथा, निवन्ध सुनैलाँ । उ कार्यक्रममे सहभागी सुशील चौधरी उत्साहित होके लिख्ठाँ– कार्यक्रममे सहभागी थारू स्रस्टन्के शव्द शक्तिके प्रयोग, रचना गर्भमे पैंठटि अन्याय, शोषण विरुद्ध धावा बोल्ना जाँगर डेख्के मैं दंगदास पर्लुं । थारू साहित्य श्रीवृद्धिक् लग टमान् बुँद राना, कृष्ण धरावासी, झमक घिमिरे जन्मे लागल बटाँ कना मही आश जागल (चौधरी २०६८ः ४४) ।

जंग्रार साहित्यिक बखेरीक् डुस्रा भाग २०६८ माघ १६ गते शहिद दिवसके दिन नेपालगञ्जमे, टिस्रा भाग बर्दियाके गुलरिया पन्ध्र नं. गाँउमे फागुनके २७ गते हुइल । यम्ने बहुभासिक साहित्यिक गोष्ठी फेन हुइल । चौठा बखेरी चैत महिनामे नेपालगंजमे हुइल । २०६९ बैशाख १ गते बर्दियाके सेम्रहवामे सगुन स्मृति दिवस पारके गोचाली परिवारके संयोजनमे हुइल साहित्यिक वखेरीहे जंग्रार सहयोग करल । इ कार्यक्रममे थारू भासाके गीत, गजल कविताके प्रतियोगिता फेन हुइल ।
२०६९ जेठमे थरुहट आन्दोलन अखण्ड सुदुर पश्चिमके बिरुद्धमे उर्लल् बेला थारून्के मुद्दा साहित्यमार्फत् उठान करक लग नेपालगंजके चौक चौकमे बहुभासिक जंग्रार साहित्यिक बखेरी चलागैल । नेपालगंजके बीपी चौक, धम्बोझी चौक, त्रिभुवन चौकमे नृत्यसहित २÷२ फेरा बहुभासिक सडक साहित्यिक गोष्ठी चलागैल । थरुहटके मुद्दा उठान करक लग ओ आम नागरिकन् आपन हक अधिकारके बारेम सचेत करैना इ बरा भूमिका खेलल् ।

बर्दियाके गुलरियामे अन्तर्राष्ट्रिय युवा दिवसके अवसरमे साउन २७ गते कैगैल बखेरीमे सयसे ढेर साहित्यकार ओ साहित्यप्रेमीन्के उपस्थिति रहल । बिसय केन्द्रित कार्यक्रम कैना सोंच अनुरुप मुक्त कमैयन्के बिसयमे साहित्य लेखन ओ बाचन २०६९ असोजके २० गते बर्दियाके बनियाभार ६ क बन्गई मुक्त कमैया बस्तीमे जंग्रार साहित्यिक बखेरी आयोजना करल ।

२०६९ पुसके १० गते बाँके चिसापानी गाभरस्थित होमस्टेमे अन्तर्राष्ट्रिय जंग्रार साहित्यिक बखेरीक् आयोजना कैगैल । फेसबुक मार्फत् सम्पर्क कैके इ बखेरीमे अफगानिस्तानसे गोपी चौधरीक् उपस्थिति रहल । बखेरीमे थारू भासा साहित्यके विकास, सम्बद्र्धन, संरक्षण ओ उपायके बिषयमे बिसेस छलफल हुइल । जंग्रार साहित्यिक बखेरी थारू भासा साहित्यके विकासके लग पस्चिउँ थरुहटमे जम्जमाइल बा । २०७१ बैशाख २८ गते सुशील चौधरीक् बर्का पहुनाइमे जंग्रार साहित्यिक बखेरीक् अठारौ कार्यक्रम हुइल । जंग्रार परिवारहे जंग्रार बनाइक लग सोम डेमनडौरा, सुशील चौधरी, बालिका चौधरी, सोमलाल थारू, सुमित्रा चौधरी, ठाकुर अकेलाके खास भूमिका बा ।

इहे क्रममे कैलालीमे जंग्रार साहित्यिक बखेरी मध्यवर्ती क्षेत्र कैलाली शाखा वीरेन्द्र जलनके अध्यक्षतामे २०७१ जेठमे गठन हुइल । ९ सदस्यीय कार्य समिति शाखामे सुन्दर चौधरी चकविद्रा उपाध्यक्ष, टीआर कठरिया सचिव, जितेन चौधरी सहसचिव ओ सदस्यमे जीवन चौधरी, किरण, दिपेन चौधरी, उदिप चौधरी, सत्यनारायण दहित ओ राम चौधरी बटाँ ।

स्काइपमे साहित्य गोष्ठी

जंग्रार साहित्यिक बखेरी नेपालके आयोजना ओे सोम डेमनडौराके संयोजनमे नेपालगञ्जहे केन्द्र बनाके स्काइपमे इतिहासमे पहिला फेरा थारू भासा साहित्य गोष्ठी २०७० चैत्र ९ गते कैगैल । थारू भासा, साहित्यके प्रबद्र्धनके साथे संसारभरिक् थारूभासी साहित्यकारन् जोरना यकर उद्देश्य रलक संयोजक डेमनडौरा बटैलाँ ।

कार्यक्रममे नेपालके धनगढी, कञ्चनपुर, नेपालगञ्ज, दाङ्ग, विदेशसे साउदी अरेबिया, मलेशिया ओ भारतलगायतके दुई दर्जनसे ढेर कविलोग रचना वाचन कर्ले रहिट । पैल्हा कार्यक्रममे कञ्चनपरसे सुनिता सानु, धनगढीसे सत्यनारायण दहित, नेपालगञ्जसे सोम डेमनडौरा, सरस्वती चौधरी, ठाकुर अकेला, दाङ्गसे बिबेक चौधरी, विकास चौधरी, साउदी अरेबियासे कुमार चौधरी, रामचन्द्र चौधरी, सुरज चौधरी, मलेशियासे निष्ठुरी चिज, राम पछल्डङ्ग्या, तेतराम चौधरी, डम्बर चौधरी ओ लच्छु चौधरी लगायत कवि थारू भासामे कविता, गजल, मुक्तक सुनैले रहिट ।
स्काइप थारू कविता कार्यक्रमके डोसर भाग २०७१ बैशाख ७ गते हुइल । कार्यक्रमके बर्का पहुना कृष्णराज सर्वहारी स्काइपमार्पmत सुनागैल रचनाके संयुक्त संकलन हालि प्रकाशन करेपर्ना सुझाव डेलाँ । ओस्टक स्काइप साहित्यिक बखेरी जेठ ४ गते सम्पन्न हुइल । बखेरीमे थारू भासाके शुद्धताके बारेम फेन छलफल हुइल ।

साउदी, मलेशिया ओ भारतमे जंग्रारके शाखा

जंग्रार साहित्यिक बखेरीक् २०७१ बैशाख २८ गते साउदी अरब मलेशिया ओ भारतमे फेन शाखा गठन हुइल सुखद समाचार बा । बैशाख २८ गते जंग्रार साहित्यिक बखेरी साउदी शाखा फेन छलफल कार्यक्रमके साथे साहित्य गोष्ठी करल । कार्यक्रममे संयुक्त गजल प्रकाशन कर्ना ओ भासिक शुद्धताके बारेमे फेन युवा साहित्यकारन्के भूमिका लगायत बिसयमे छलफल हुइल । रामचन्द्र चौधरीक् घरगोस्याइमे हुइल कार्यक्रममे बुद्धि चौधरी, सुरज बर्दियाली, अजीत चौधरी लगायत स्रष्टालोग रचना सुनैले रहिट ।

मलेशियामे रहल थारू स्रष्टालोग लाछु डंगौरा थारूके अध्यक्षतामे १० सदस्यीय जंग्रार साहित्यिक बखेरी मलेशिया शाखा गठन कर्ले बटाँ । साहित्यिक कार्यक्रमके साथ बैशाख २८ गते गठन हुइल बखेरीमे निष्ठुरी चिज थारू सचिव, सदस्यन्मे राम पछल्डंग्या अनुरागी, एम के कुसुम्या, अमिन कुमार थारू, बिबेक चौधरी, सञ्चु चौधरी, तेतराम चौधरी, बाबु बसन ओ चन्द्र बिबश चौधरी बटाँ ।
ओस्टक तुलाराम सनमके संयोजकत्वमे भारतके मुम्बईमे फेन ७ सदस्यीय जंग्रार साहित्यिक बखेरी मुम्बई भारत शाखा गठन हुइल बा । कार्य समितिमे संगम ठाकुर कुश्मी उपसंयोजक ओ सदस्यमे सुरज चौधरी, हरिलाल चौधरी, उमेश चौधरी, दिलिप रत्गैंया ओ रञ्जित चौधरी बटाँ । असिक जंग्रार साहित्यिक बखेरी स्वदेशसे लेके विदेशमे फेन शाखा खोल्ना पहिला थारू साहित्यिक अभियन्ता हुइल बा (सर्वहारी, २०७१ः ७६) ।

छिट्कल थारू साहित्यिक समाज

२०६८ सालमे स्थापना हुइल छिट्कल थारू साहित्यिक समाज, कैलाली उहे जिल्लामे केन्द्रित होके थारू साहित्यिक गतिविधि बह्रैटि बा । २०६९ बैसाख ९ गते कैलालीके दक्षिण टेंढी, २०७० बैसाख ८ गते कैलालीके छुटकी पलियामे, २०७० पुस २० मे कैलालीके भादामे ओ २०७० चैत २७ गते कञ्चनपुरके बेलौरीमे क्रमशः पहिला, डुस्रा, टिस्रा, चौठा बृहत थारू साहित्यिक कार्यक्रम करल । पचँवा भाग धनगढी–२ बैयाबेहडीस्थित शारदा उच्च मा.वि. मे २०७१ जेठ ३१ गते गायन विसेसके रुपमे करल ।

आबसे हरेक महिनक् अन्तिम् शनिच्चरके डिन नियमित रुपमे साहित्यिक कार्यक्रम कर्ना निर्णय कैगैल । भादामे हुइल होमस्टे महोत्सवके सभामे छिट्कल थारू साहित्यिक समाजके साहित्यिक कार्यक्रम घुसाइलमे कविता बाचनके पाला नैआके डुर डुरसे आइल कविलोग निराश हुइलाँ । कार्यक्रमके भलमन्सा युवा साहित्यकार सागर कुश्मी ‘संगत’ प्रत्येक स्रष्टन्के प्रस्तुत करल रचना दस्तावेजके रुपमे वार्सिक मुखपत्र प्रकाशन कैना जनैले बटाँ ।

थारू भाषा तथा साहित्य उत्थान मञ्च

छविलाल कोपिलाके संयोजनमे थारू भाषा तथा साहित्य उत्थान मञ्च, लमही, दाङदेउखुरी गठन हुइल बा । यकर पहलमे थारू भासाके लावा डग्गर त्रैमासिक प्रकाशन हुइटि बा । लावा डग्गर प्रेस काउन्सीलके बर्गीकरणमे परल थारू भासक् एकठो किल साहित्यिक पत्रिका हो ।

२०६९ फागुन ५ ओ ६ गते देउखुरी गोबरडिहाके जंगल कुट्टीमे लावा डग्गर त्रैमासिकके चौठा बार्सिकोत्सवमे बहुभासिक कवि गोष्ठीक् आयोजना करल । उ अवसरमे लोकगीत संकलक÷गायक गेदुलाल चौधरी, साहित्यकार कृष्णराज सर्वहारी ओ थारू साहित्यके ब्यङ्ग्यबिधामे कलम चलुइया चित्रबहादुर चौधरीहे सम्मान करल । २०७० फागुन १८ गते लमहीमे लावा डग्गर त्रैमासिकके पाँचौ बार्सिकोत्सवके अवसरमे थारू साहित्यमे योगदान पुगुइया कैलालीक् सागर कुश्मी ओ सुर्खेतके मानबहादुर पन्नाहे सम्मान कैगैल । ओस्टक देउखर पिपरीक् बीरबहादुर चौधरीहे मरणोपरान्त सम्मान कैगैल । कार्यक्रममे बहुभासिक कवि गोष्ठी ओ थारू बाल कविता प्रतियोगिताके आयोजना फेन कैगैल । प्रतियोगितामे पैल्हा, डुस्रा, टिस्रा ओ सान्त्वना क्रमशः प्रकाश योगी, सन्देश चौधरी, ममता चौधरी ओ अर्नव चौधरी हुइलाँ (गोरखापत्र, २०७० चैत १) । लावा डग्गर आपन बार्सिकोत्सवमे थारू बालकविता प्रतियोगिताके सुरुवात कैके मजा कामके थालनी कर्ले बा । उपरसे थारू कविता प्रतियोगितामे गैरथारू प्रकाश योगी पहिला आके थारू भासाके संरक्षणमे आउर जन्हनके साथ लेना जरुरी बा कना सन्देश डेले बा । कार्यक्रममे प्रस्टुट रचना लावा डग्गरके पूर्णांक १८ (२०७१ बैशाख–असार) मे प्रकाशित कैगैल ।

कीर्तिपुर थारू साहित्यिक श्रृंखला

राजधानीमे आके बसोबास करुइया खासकैके पश्चिम थरुहटके युवालोग थारू युवा परिवार काठमाडौ २०४५ सालमे स्थापना कैके बिहान बार्सिक पत्रिका प्रकाशन कर्ला, यकर २०७० सम १८ अंक प्रकाशित हुइल बा । मने इ परिवारसे कौनो साहित्यिक गतिविधि नैकैगैल । २०६९ माघसे किल थारू युवा परिवार, सर्वहित समाज नेपाल ओ बर्दियाली थारू विकास मञ्च काठमाडौंके साथ लेके थारू कविता आन्दोलनहे आगे बह्राइल । २०६९ माघके ८ गते पहिला श्रृंखला कृष्णराज सर्वहारीक् डेरा घरक् छटेम कीर्तिपुरमे हुइल । बर्दिया जोतपुरके सिताराम चौधरीक् डेरा घरक् छटेम कीर्तिपुरमे डोसर श्रृंखला फागुन १९ गते हुइल । बर्का पहुनीके रुपमे आइल कवियत्री शान्ति चौधरी कहली– डोसर श्रृंखलामे सुनाइल कवितामे मैयाप्रेम ढेर बा । हम्रे देशभक्तिलगायत औरे जन्हनसे टक्कर लेहे सेक्ना रचना कर्ना जरुरी बा ।

डेरा डेरामे साहित्यिक कार्यक्रम कैके गुञ्जायस नैरहे । ओहेसे विश्वविद्यालय परिसर कीर्तिपुरमे चैत १० गते थारू साहित्य श्रृंखला भाग ३ कैगैल । ओस्टक कीर्तिपुर बैठुइया थारूभासीलोग लगट्टे चैत १३ गते होरीमे अविर लगाके शुभकामना साटासाटके साथ थारू हाँस्यकवि गोष्ठी कैके मनैलाँ । थारू साहित्य श्रृंखलाके चौठा कार्यक्रम २०७० बैशाख २१ गते विश्वविद्यालय क्याम्पस कीर्तिपुर परिसरमे हुइल । थारू नागरिक समाज, कैलालीके अगुवा दिलबहादुर चौधरीके बर्का पहुनाइ ओ बालिका चौधरीके विशेस पहुनाइमे कार्यक्रम हुइल । पहुना दिलबहादुर चौधरी कीर्तिपुरके विश्वविद्यालय परिसरमे आपन पैल्हा गोरा परके शुभ कार्यक्रममे आके मोह्न्या गैल बटैलाँ । उहाँ धमारके रागमे थारू अधिकारके बात घुसाके रचना सुनैटि पुर्खन्के बँचाइल सजना, मैना, माँगरमे आधुनिक सव्डके पन्वा डारके थारू साहित्यहे धनी बनाइ पर्नामे जोर डेलाँ ।

जेठ महिना ठेसे प्रत्येक महिनक् अन्तिम शनिच्चरके थारू साहित्य श्रृखंला कैना निश्चित कैगैल । विश्वविद्यालय क्याम्पस कीर्तिपुर परिसरमे हुइल पाँचवा श्रृंखलामे फनिश्याम थारू ओ सीएन थारू पहुना रहिट । छैठौ भाग भानु जयन्तीके दिन असार २९ गते मन्के जम्कल । अपखिर कीर्तिपुर पाँगा चोक सिटी फुडमार्ट होटलमे कार्यक्रम कैगैल रहे । क्षेत्रिय प्रतिभा पुरस्कारसे पुरस्कृत कवि, लेखक बमबहादुर थारू (रुपन्देही) के बर्का पहुनाइमे कार्यक्रम हुइल । ओस्टक सातौ भाग साउनमे सुशील चौधरीक् बर्का पहुनाइमे विश्वविद्यालय क्याम्पस कीर्तिपुर परिसरमे ५७ जनहनके उपस्थितिमे हुइल ।

थारू साहित्य श्रृंखलाके आठौं भाग भदौ २९ गते त्रिवि कीर्तिपुर परिसरमे हुइल । पहुनाके रुपमे आइल आरआरएन संस्थाके महासचिव बालकृष्ण चौधरी आधुनिक सूचना प्रणालीके जबाना हुइल ओर्से कविता श्रृंखलामे सुनागइल रचना फेसबुक सञ्जाल बनाके ढेरसे ढेर पाठकमे पुगाइपर्ना सल्लाह डेलाँ । हुराड्स संस्थाके अध्यक्ष फिरुलाल चौधरी यम्ने सुनागइल रचनाके अभिलेखीकरण हुइना जरुरी रहल बटैलाँ । इ श्रृंखलासे आयोजकमे कैलाली, कञ्चनपुर मैगर थारू विकास मञ्च, काठमाडौ फेन सामेल हुइल । आब् आयोजक ३ ठो से बह्रके ४ ठो हुइल ।

नवौ श्रृंखला असोज १३ गते डस्या डेवारि २०७० के शुभकामना साटासाट कैके बिसेस थारू साहित्य गोष्ठी कैके नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठानके हल कमलादीमे मनागइल । इ श्रृंखलासे एक उत्कृष्ट कविताहे पुरस्कृत कैना कार्यक्रमके गुर्सुरावन कैगैल । कहाँ बा लौवा नेपाल ? कविता सुनाके उ डिनिक् श्रृंखलाके उत्कृष्ट कवि गीता चौधरी (कञ्चनपुर) हुइलि । जिहि सर्वहित समाज नेपालके अध्यक्ष नन्दुराज चौधरीके प्रायोजनमे ५०५ रुप्या नगद पुरस्कार डेगैल । इ कार्यक्रममे संविधान सभा निर्वाचन–२ ओ थारू समुदायके मुद्धामे उम्मेद्वारन्के भूमिका बिषयक् अन्तक्रिया फेन कैगैल । उहे बिसयमे सुशील चौधरी कार्यपत्र प्रस्तुत कर्ला । अघन ४ के डोसर संविधानसभाके चुनावके चापके कारण २०७० कार्तिक महिनम् श्रृंखला चलाइ नैसेक्गैल ।

२०७० सालमे हुइल दशौ भाग (अघन २९ गते) मे कैलाली क्षेत्र नं १ के नवनिर्वाचित सभासद जनकराज चौधरी, एघारौ भाग (पुस २६ गते) लोककलाकर्मी सरिता पछलडंग्या, बाह्रौ भाग (माघ २५ गते) सभासद योगेन्द्र चौधरी, तेह्रौ भाग (फागुन २४ गते) मे सभासद रुक्मिणी चौधरी ओ थरुहट नेता लक्ष्मण थारूके पहुनाइमे कार्यक्रम हुइल रहे । २०७० चैतके २ गते सभासद गोपाल दहितके डेरा पाँगा, कीर्तिपुरमे ढुरहेरीक शुभकामना साटासाट ओ कवि गोष्ठी कैगैल । २०७० चैतक २९ गते चौधौ श्रृंखला विसेस कैके पुरुइया भासा, साहित्यपे्रमीन्के व्यापक उपस्थितिक कारन विसेस रहल । श्रृंखलाके पन्द्रौ भाग २०७१ बैशाख २७ गते सम्पन्न हुइल । कार्यक्रमके बर्का पहुना थारू विद्यार्थी समाजके पूर्व अध्यक्ष सीएन थारू रहिट ।

ठुम्रार साहित्यिक बखेरी

कीर्तिपुर थारू साहित्यिक श्रृंखलामे सुनागैल कविता समोटके परगा कविता संग्रह प्रकाशन कैगैल बा, यकर सम्पादक कृष्णराज सर्वहारी ओ सुशील चौधरी बटाँ । चार चारठो संस्था प्रकाशक ढैनासे यकर अक्केठो नाउँ ठुम्रार साहित्यिक बखेरी जुरागइल ओ भाग १६ से कीर्तिपुर थारू साहित्यिक श्रृंखला ठुम्रार साहित्यिक बखेरीके नाउँसे कैना निर्णय कैगैल । २०७१ जेठ ३१ गते भाग १६ सिनास हल कीर्तिपुरमे परगा विमोचन विशेस कार्यक्रम कैके मनागइल । सभासद गोपाल दहित परगा कविताके विमोचन कर्ला । २०७७ चैतसम यकर ८४ श्रृंखला हो सेकल ।

ओ, अन्टमे

जंग्रार साहित्यिक बखेरी, नेपालगञ्ज आज आसमान छुटि बा । यकर संयोजक सोम डेमनडौरा प्रंससाके पात्र बटाँ । ऊ स्काइप साहित्यके आयोजना कैके ओ विदेशमे फेन शाखा खोल्के थारू साहित्यहे अन्तर्राष्ट्रियकरण कर्टि बा । हालि स्काइप गजल संग्रह फे प्रकाशन कर्टी बा । ठुम्रार साहित्यिक बखेरी कीर्तिपुर कार्यक्रममे सुनाइल रचना परगा कविता संग्रहमार्फत सार्वजनिक कैसेकल । छिट्कल थारू साहित्यिक समाज, कैलाली फेन वार्सिक मुखपत्र प्रकाशन कैना जनैले बा ।

असिक साहित्यिक श्रृंखलामे सुनागैल बरसभरिक रचनाहे पोस्टाके रूपमे संकलन कैके दस्तावेजीकरण करना मजा अभ्यास हो । यकर ऐतिहासिक महत्व रहिहिस । मौखिक रूपमे सीमित थारू साहित्यहे लिखिटम बनैना सक्कुओर्से संयुक्त प्रयास हुइना चाहि । थरुहटके जिल्ला जिल्लामे हुइना थारू साहित्यिक आन्दोलन आब थारू साहित्यिक पत्रकारिताके भविष्यहे ओजरार बनैना सुनहरा संकेत डेखैले बा । मने जिल्ला जिल्लामे आपन मेरसे किल नै, राष्ट्रिय स्तरके साहित्यिक अभियान चलाइ परना अवस्था आ सेकल, ओकरलग हालि जरुरि बा, राष्ट्रियस्तरके थारू लेखक संघके गठन, जे बरसमे एक फेरा हुइलेसे फेन राष्ट्रिय स्तरके थारू साहित्यिक कार्यक्रम करे । इहिसे किल थारू साहित्यके स्तरमे सुधारके गुञ्जायस रहि ।

सन्दर्भ सामग्री

  • चौधरी, सुशील । २०६८ । जनपहुँच । ठाकुरद्वारामा थारू साहित्यकार । ३ (५), माघ । पृ. ४३–४४ ।
  • सर्वहारी, कृष्णराज । २०७० क । थारू साहित्यको अध्ययन । नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान, मातृभाषा विभागमे असारमे प्रस्तुत लघु अनुसन्धान (अप्रकाशित) ।
  • सर्वहारी, कृष्णराज । २०७० ख । बिहान । कीर्तिपुरमे थारू साहित्य श्रृंखला । पृ. ७८–७९ ।
  • सर्वहारी, कृष्णराज । २०७१ । परगा । थारू साहित्यिक आन्दोलन ओ कीर्तिपुर थारू साहित्य श्रृंखला । पृ. ७२–८० ।
  • गोरखापत्र । २०७० । लावा डग्गरके पाँचौ बार्षिकोत्सव हुइल चैत १, थारू भाषा पृष्ठ ।

(नोटः इ आलेख २०७१ असार ६, ७ ओ ८ गते लावा डग्गर त्रैमासिकके आयोजनामे देउखर लमहीमे थारू साहित्यिक पत्रकारिता तालिमके अवसरमे प्रस्टुट कैगिल रहे । यम्ने २०७१ सालसे पाछेक लावा तथ्य अपडेट नैहो । जौन जौन संस्थाके नाउँ यहाँ बेलसगैल बा, अपन लावा गतिविधि समेटहि कना अस्रा बा ।)– लेखक ।

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