थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत १३ बैशाख २६४८, बिफे ]
[ वि.सं १३ बैशाख २०८१, बिहीबार ]
[ 25 Apr 2024, Thursday ]

हाय रे ! धानके मोल

पहुरा | ८ आश्विन २०७८, शुक्रबार
हाय रे ! धानके मोल

चालु आर्थिक वर्षके लाग सरकारसे धानके न्यूनतम सर्मथन मोल कुन्टलमे १७ रुप्या बढाके टोकल बा । इहे भदौ २९ गते बैठल मन्त्रिपरिषद् बैठकसे आर्थिक वर्ष ०७८/७९ के लाग मोटा ओ मध्यम मेरके धानके न्यूनतम सर्मथन मोल टोकल कृषि तथा पशुपन्छी विकास मन्त्रालय जनैले बा ।

चालु आर्थिक वर्षके लाग मोटा धानके प्रति कुन्टल मोल २ हजार ७५२ ओ मध्यम मेरिक धानके मोल २ हजार ९०२ रुप्या टोकगैल बा ।

मँहगि कहाँसे कहाँ पुगगैल । मने गइल बरससे प्रति कुन्टल १७ रुप्या किल धानके मोल बह्रना किसानलोगन सरासर अन्याय हो । रासायनिक मल एक टे समयमे मिल्बे नैकरठ । उपरसे बलटल लाइन लागके मिलि टे अपन काम भरिक नै मिलठ, ओम्ने फेन मलके भाउ चटकल रहठ । मने धानक् भाउ घुइयक भाउ कहेहस बा ।

थारुन्के पुर्खा कहिंट, पाह्रा पन्डिट कौने काम, कोडरा मारो धाने धान । आब इ कहकुट काम लग्ना नै बिल्गाइठ । परम्परागट धान खेटि किल कैके थारु किसानन्के जिन्गिम सुढार आइना छाँट नैबिल्गाइठ ।

यडि थारु किसानन् आर्थिक उन्नति आगे बह्रैना हो कलेसे पेशामे विविढिकरन जरुरि डेखाइठ । सक्कु भाइ खेटिम किल लटपटाइल रनासे कोइ व्यापार, कोनो सिपमुलक कामेम् लग्हि पर्ना डेखाइठ ।

छिमेकि मुलुक भारतमे किसानन् बहुट मेरिक सुविढा बा । ओहेसे ओहोरसे भित्रल टिना, अनाजले नेपालके किसान डब्निभिंराउ करे नै सेक्ठाँ । आब टे काठमाडौंमे किल नाहि गाउँ गाउँमे फेन सिंहदरबार छिरसेकल । यहाँक स्थानीय निकाय, जनप्रतिनिधिन फेन किसानन् कसिक उकासे सेक्जाइठ ? योजना बनाइक चाहि । ओकर लग किसान जो जनप्रतिनिधिन घच्घचाइ परल ।

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