थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत १३ बैशाख २६४८, बिफे ]
[ वि.सं १३ बैशाख २०८१, बिहीबार ]
[ 25 Apr 2024, Thursday ]

थारु होमस्टे सञ्चालकके बट्ठा

पहुरा | २५ आश्विन २०७८, सोमबार
थारु होमस्टे सञ्चालकके बट्ठा

कैलालीके बहुट गाउँमे होमस्टे खुलल् बा । बल्चौरहस मुक्तकमैया शिविरमे फेन होमस्टे बन्ना मजा पक्ष हो । कोरोनाकालसे पहिले थारु होमस्टेके सन्चालकलोग मजा आम्डानि कर्ले रहैं । मने, कोरोना महामारीसे आजकाल होमस्टे सुनसान बा ।

अपने उत्पादन करल टिनाटावन, मुर्गिचिङ्ना, जाँरडारु बेलसके होमस्टेके सन्चालकलोग आयस्रोट बह्रैनाके साठसाठे आपन थारु कला संस्कृति फेन चिन्हैटि रहिट । थारू होमस्टेमे ढिक्री, खरिया, फुलौरी, अण्डीक भात, खुर्मा, पनझझरा, कचरिक बरिया, घोंघी, गेंक्टा, सुटही, मुसक् सेकुवा, सिधरा मच्छी, महुँवाके डारु, जाँरक् झोर लगायट थारू खानपानके  मौलिक परिकारसे खासकैके गैरथारु पहुनन् खुस रहिट । घरबैठे मैन्हम ४० से ५० हजार रुप्याके कारोबार होके ओइने फोहैटि रहिट । मने सारे कोरोना, सब बिगार डेहल ।

२०६७ सालमे स्थापना हुइल कैलालीके धनगढी उपमहानगरपालिका–१६ मे रहल थारु सामुदायिक होमस्टे भादा गाउँ सब्से पुरान होमस्टे हो । उहाँक् होमस्टे व्यवस्थापन समितिके अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण चौधरीके अन्सार स्वास्थ्य सुरक्षाके मापदण्ड पालना करके फेर सञ्चालनमे आ सेकल बा । मने उहाँ फेन पहुना सुनसान बाटैं । पुरान होमस्टे सन्चालकलोग लगानि करल उठा सेकल हुइहिं । मन भर्खर रिन लेके सन्चालनमे नानल होमस्टेके सन्चालकलोग मर्कामे बाटैं ।

सुदूरपश्चिम प्रदेशके उद्योग, पर्यटन, वन तथा वातावरण मन्त्रालयके अनुसार सुदूरपश्चिम प्रदेशमे १३ ठो होमस्टे दर्ता हुके सन्चालनमे बा । साँसटमे रहल होमस्टे सन्चालकहुकनके बट्ठा मन्त्रालय फे सुनक चाहि । बहुट गाउँघरमे डस्यम् नच्ना सखिया, लाठी नाच, सारिसाह नच्ना झुमरा लगायट नाच हेरैटि बा । होमस्टे सन्चालकलोग यकर ब्यवस्ठापन कर्ले रहैं, जिहिसे यकर संरक्षणमे फे टेवा पुग्टि रहे । उहेसे स्थानिय निकाय फेन साँसटमे रहल होमस्टेके सन्चालकलोगनके बट्ठा सुनक चाहि ।

डिनभर अपने खेट्बारि हेरटि साँझके घरेम आइल पहुनन् सहेरके कुछ आम्डानि करना होमस्टे मजा माढ्यम हो । कोरोना सड्डे नै रहि । गुजारामे साठ डेना होमस्टेहे अइना डिनिम आउर कसिक व्यवस्थित करे सेक्जाइठ, होमस्टे सन्चालकलोग फेन सोंचक चाहि ।

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