थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत १४ बैशाख २६४८, शुक्कर ]
[ वि.सं १४ बैशाख २०८१, शुक्रबार ]
[ 26 Apr 2024, Friday ]

छाेक्रा गीत

पहुरा | ४ मंसिर २०७८, शनिबार
छाेक्रा गीत

पुरुव परल बाँके जिल्ला हाँ पच्छिउँम कैलाली ।
बिचमन बैठल बाटी हम्र बर्दियाली ।।

शीरानम रहलबा हाँ पर्वत देउराली ।
जीवजन्तु वनजङ्गल ठाँउ हरियाली ।।

धेरबाटी आदिवासी हाँ थारु जनजाति ।
मुख्य पेसा कृषि हमार कर्थि खेतीपाती ।।

बर्दियामा आठठाे बा हाँ, स्थानीय तह ।
खेत्वमन धानक बाल झुल्ठा लहलह ।।

बहती बा बंबई लदिया हाँ,भेरी ओ कर्णाली ।
बर्दियाम घुम अइहाे , मैगर गाेचाली ।।

काठीपत्या कर्ना हमार हाँ सामुदायिक वनवा ।
थारु गाउँ बस्तीम बा भुइँह्यारनके ठनवा ।।

नेपालके नम्मा पुल हाँ काेठियाके घट्वाम ।
सुकुम्बासी कमैया बैठल बाट फँट्वाम ।।

उत्तरम सुर्खेत जिल्ला हाँ,दक्खिन भारत देश ।
सक्कुजहन मजा लग्ठा आपन भाषाभेष ।।

शीतरी बयाल चल्ठा हाँ कर्णालीके पुल ।
ठाकुरबाबा माघी मेला ,मनइके हुल ।।

ईह ठाउँमा गैँडा हाँथी हाँ नचथ मजाेर ।
प्रकृतिके सुन्दर वन्वम ,काेइलीनके स्वर ।।

अरनहवा सतखलुवा हाँ बढैया बा ताल ।
जैविक विविधताले भरल, सँस्कृति विशाल ।।

मेरैया, बर्दिया

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