थारु राष्ट्रिय दैनिक
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वेपत्ताहुकन अवस्था सार्वजनिक खै ?

पहुरा | ७ मंसिर २०७८, मंगलवार
वेपत्ताहुकन अवस्था सार्वजनिक खै ?

विस्तृत शान्ति सम्झौता हुइल १५ बर्ष पुगेबेर समेत राज्यसे वेपत्ताहुकनके अवस्था सार्वजनिक करे नइसेक्ना राज्यके भारी कम्जोरी डेखल बा । शसस्त्र द्वन्दके समयमे राज्य ओ तत्कालिन विद्रोही पक्षसे वेपत्ता पारलहुकनके परिवार अभिनसम अपन मनै अइना आशमे बटै । कञ्चपुर कृष्णपुर नगरपालिका–३ कटानके लक्ष्मी चौधरीके छाई परमलौटी कुमारी चौधरी वेपत्ता हुइल दुई दशक हुइलस, तत्कालिन अवस्थामे कक्षा ७ कक्षामे पढटी करल १५ बर्षीया छाई विद्यालय गैल रहिट । उहाँक छाई अभिन घर नइलौटली । डगरेम नेपाली सेनासे वेपत्ता पारल सेना व्यारेकमे लैगिल ओकरपाछे लक्ष्मीके छाई कहाँ गैल कुछ अट्टापट्टा नइहो । अभिनफे छाई अइना आस रहल कहटी अभिन रोजना डगर हेरटी छाईहे खोजीके लाग देउता पुज्नसे प्रहरी प्रशासन सक्कु ठाउँमे पुग्लै मने उहाँ ना सास पैली ना लाश छाईक ।

२०५८ सालके पुष १७ गते हिरादेवीके गोसिया रंगनाथ भण्डारी लगायत ५ जाने वेपत्ता हुइलै । शिक्षक समेत रहल हिराके गोसिया लगायत उहाँक घर वरपर रहल ५ जाने व्यक्तिहे तत्कालिन अवस्थामे नेपाली सेनासे घर बाहेर बोलाइल । ‘सेना ओइनहे गालिगलौज करटी पिट्टी घरसे दुर लैगिल । रंगनाथ संगे भतिज्वा दीर्घराज भण्डारी, उहाँक छिमेकी टेकबहादुर रावल, सिद्धराज पाण्डे ओ हर्क शार्की वेपत्ता हुइल हुइट । माओवादी हो कहटी पिटटी रातके समयमे लैगिलै अभिनसम ओइनके अवस्थाफे वेपत्ता बा ।

कञ्चनपुरके बेलौरी नगरपालिका–१०, भुराके ४६ बर्षीय बलिराम चौधरीके फोक्सोमे दाग बा । मेडिकलमे बैठल वेला २०५९ सावन १० गते नेपाली सेनासे पिटटी गारी करटी लैगिलै । ‘अपहरण करके लैजाके थाक्नामे डारके मर्नासम करके पिटलै । हुकहिनहे १० दिनसम प्रहरी हिरासतमे धारल । शरीरमे कबु निक नइहुइना करके चोट डेहल बा । कम्मर ओ फोक्सोके उपचार कैनामे लाखौँ रुप्या खर्च करके फे ठिक नइहुइल हो । फोक्सोके चोटसे खोखेबेर रगत आइठ । यिहीसे उहाँ जीवनभर दुख पैटी जिट्टी सहिद बनल बटै । कञ्चनपुर बेलडाँडी नगरपालिका–३ के शारदा देवी डगौराके ८ महिनाके छावा रहेबेर गोसिया रुपसिंह डगौरा वेपत्ता हुइलै । २०५८ सालमे वेपत्ता हुइल उहाँक गोसियाक अभिनसम न उहाँ सास पैली न नटे लास ।

शान्ति सम्झौता हुइल ६० दिनभिटर वेपत्ताहुकनके खोजी करके सत्य तथ्य सार्वजनिक कैना कहल मने द्वन्द पीडितहुकनके मुद्धामे राज्य गम्भीर नइबन्के समस्या बह्रटी गैल बा ।

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