थारु राष्ट्रिय दैनिक
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एक–औरेहे नैबुझ्लेसे दुर्भाग्यः मुख्यमन्त्री शाह

पहुरा | १३ आश्विन २०८०, शनिबार
एक–औरेहे नैबुझ्लेसे दुर्भाग्यः मुख्यमन्त्री शाह

पहुरा समाचारदाता
टीकापुर, १३ कुँवार ।
सुदूरपश्चिम प्रदेश सरकारके मुख्यमन्त्री कमलबहादुर शाह बहुजातीय समाजमे एकसे औरेहे बुझे नैसेक्लेसे नेपालमे दुर्भाग्य हुइना बटैले बाटै ।

शनिच्चरके टीकापुरमे नमुवा थारुके प्रथम केन्द्रीय सम्मेलनहे सम्वोधन कैटी मुख्यमन्त्री शाह ओइसीन बटाइल हुइट । ‘एकसे औरेक अस्तित्व स्वीकार नैकैलेसे आपसी विश्वास ओ सदभाव संकटमे परी’ मुख्यमन्त्री शाह कहलै, ‘टमान जातजाति संस्कृति रीतिरिवाज बोकल ढेर समुदाय मिलके बनल मुलुक नेपालमे सबके आआपन पहिचान रहल बा ।’

मनै काम, पेशा, व्यवसाय ओ बसाइसराइके लाग देशके टमान ठाउँमे ओ विदेशमे फेन जैना चलन बह्रल चर्चा कैटी मुख्यमन्त्री शाह बंश ओ पितृत्व पता पाइक लाग फेन एक ठाउँमे आइ पर्नार् सुझाव रहे । उहाँ कहलै, ‘कोइ कुहीहे अपमानित नैकरे परल । संविधानसे करल दिशानिर्देशअनुसार नयाँ वातावरण बनाइ परल ।’

पश्चिम नेपालके तराईके जिल्लामे नमुवा थारुहुक्रनके बसोबास रहल बा । सम्मेलनमे सात जिल्लाके एक हजार जाने सहभागी रहल अध्यक्ष चन्द्रप्रकाश चौधरी जानकारी डेलै । सम्मेलनसे लावा नेतृत्व चयन कैना बा ।

थारु आयोगसे २०७७ सालमे करल अध्ययनसे तराईके २२ ओ पहाडके सुर्खेत ओ उदयपुर कैके २४ जिल्लामे एक हजार ९५८ थर सूचिकरण करले बा ।

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