कैलालीमे मत्स्य विकास कार्यक्रम लागु करटीः मन्त्री चौधरी
पहुरा समाचारदाता
हसुलिया, ५ अगहन । सुदूरपश्चिम प्रदेश सरकारसे प्राकृतिक जलासयमे मत्स्य विकास कार्यक्रमहे आघे बह्राई लागल प्रदेशके भुमि व्यवस्था, कृषि तथा सहकारी मन्त्रालयके माननीय मन्त्री रामेश्वर चौधरी बटैले बटै ।
मत्स्य विकास निर्देशनालयके आयोजना तथा कैलाली जिल्ला कृषि माछा व्यवसायी संघके सहकार्यमे कैलालीके कैलारी गाउँपालिकामे मंगरके रोज मत्स्य दिवसके दिवसके एक समारोहकाबिच प्रदेशके भुमि व्यवस्था, कृषि तथा सहकारी मन्त्री उ बाट बत्वाइल रहिट ।
मन्त्री चौधरी माछापालक कृषकहे व्यवसायीक ढंगसे काम कैना जरुरी रहल बटैलै । ‘कैलाली ओ कञ्चनपुरमे केल नइहुके सुदूरपश्चिममे प्राकृतिक तालके सम्भावना ढेर रहल मने उ अनुसार यहाँ माछा उत्पादन हुई नइसेकल बटैलै । मन्त्री रामेश्वर चौधरी कहलै –‘यहाँ तीन महिना प्रर्याप्तमात्रामे माछा पाजाइठ । बाँकी समय उत्पादन नइहुइठ । अब किसानसे १२ महिना माछा पैना करके काम कैना जरुरी रहल बा ।’
मन्त्री चौधरी सुदूरपश्चिम प्रदेश सरकारसे प्राकृतिक जलासयमे मत्स्य विकास कार्यक्रमहे आघे बढाई लागल बटैटी ‘प्राकृतिक जलासय कार्यक्रम अन्र्तगत यी वर्ष कैलालीके कैलारी गाउँपालिका ओ बर्दगोरिया गाउँपालिकाके चार सय विगाहामे कार्यक्रम आघे बढैना बटैलै । कार्यक्रममे सहभागि हुइना इच्छुकसे सात सदस्यीय सञ्चालक समिति गठन करे पर्ना प्रावधान रहल उहाँ बटैलै ।
कैलारी गाउँपालिकाके उपाध्यक्ष भगवती चौधरी कैलारीमे माछापालनमे आकर्षण बह्रल हुइलेसेफे फर्म दर्ता नइहुके समस्या हुइना करल बटैली । उहाँ कहली–‘माछापालक कृषकहुकनहे अनुदान डेना तथा प्रोत्साहन कार्यक्रम आघे बढैना गाउँपालिकामे फर्म दर्ता करलेसे सहज हुई मने यहाके कोईफे र्ता प्रक्रियामे आइल नइहुइट ।’
विवाद हुइलेसे केल गाउँपालिका ओ न्यायिक समिति अइना करल बटै । उहाँ प्राकृतिक तालहे ठेक्कामे लगाईबेर विवाद बह्रटी गैल बटैटी –‘सक्कु पक्षहे धारके छलफल कराके विवाद समाधान कैना जरुरी रहल बा । उहाँ न्यायिक समितिमे प्राकृतिक तालके उजुरी पर्ना करल बटैली ।
कैलारी गाउँपालिकामे ढेर किसान रहल मने यहाँ कोल्ड स्टोर नइहुके किसानहुकनहे समस्या आइल बटैली । भुमि व्यवस्था, कृषि तथा सहकारी मन्त्रालयहे किसानहुकन चाहल कृषि साधानके व्यवस्था कैडेनाफे आग्रह करली ।
मत्स्य विकास निर्देशनालय गेटाके प्रमुख निर्मल खाती सुदूरपश्चिम प्रदेशभिटर तालतलैयाहे व्यवस्थापन कैलेसे माछामे निर्भर हुइ सेक्ना बटैलै । उहाँ कहलै, प्राकृतिक तालमे माछा पालनसंगे जैविक विधिधताहे ध्यान डेना जरुरी बा ।
‘प्राकृतिक ताल लिजमे लेके माछापालन करटी रहल बटी । मने तीन तहके सरकारके अधिकारबारे विवाद हुके हम्रे समस्या झेल्टी रहल बटी’ कैलारी गाउँपालिकामे प्राकृतिक तालमे माछापालन करटी आइल मनिराम चौधरीके कहाई हो ।
प्राकृतिक तालमे सामुदायिक वन, स्थानीय, प्रदेश तथा संघसे अधिकार क्षेत्रबारे विवाद बढैना अपनेहुकनहे समस्या हुइटी रहल उहाँ बटैलै । ‘विगतमे समस्या नइरहे ।
अब्बे राजश्व संकलनके लाग तालउप्पर अधिकार क्षेत्र छुट्यइना समस्या हुइल बा’ उहाँ कहलै –‘माछा उत्पादन हुइना समयमे कब स्थानीय तहसे टे कबु सामुदायिक वन तथा कबु संघसे रोक्न आदेश आइठ ।’
माछापालक किसानहुकनहे अनुदान ओ ऋणकेल नइहुके बजारके समस्या हुइना करल ओइनके कहाई बा । कृषक मनिराम कहलै–‘हम्रे माछा उत्पादन करल समयमे भारतीय माछा निर्वाध आयात हुइठ । जिहीसे यहाँके माछापालक कृषकके विक्रीमे कमी आइठ । प्रदेश ओ स्थानीय तहसे माछा आयातमे रोक लगैना जरुरी रहल बा ।’
धनगढी उपमहानगरपालिका वडा नम्बर १९ मे माछापालन करटी रहल पूर्ण कुँवर प्राकृतिक तालमे माछापालन कैना व्यवसायीहुकनहे सरकार ओ बैंक दुनुसे असहयोग हुइल बटैलै । उहाँ कहलै–‘छोट व्यवसायीहुकनहे स्थानीय तथा प्रदेश सरकारसे अनुदान पैना समस्या बा । बैंकमे जाईबेर ऋण नइडेठै । यिहीसे व्यवसाय कैना समस्या डेहल बा ।’ उहाँ बैंकसे भारी व्यवसायीहे कृषि कर्जाके नाममे ऋण प्रवाह कैना कौनो आनाकानी नइकैना मने, छोट व्यवसायीहे झन्झट सृजना कैना करल बटैलै ।
कृषक कुँवर कहलै –‘छोट माछापालक व्यवसायीसे उत्पादनके लागत अनुसारफे पैसा नइपैठै । यहाँ विचौलियासे कृषकसे सस्ता रकममे खरिद करके बजारमे महँगामे बेच्न करल बा । उहाँक अनुसार किसान माछा गाउँमे दुई सय ५० मे विक्री करटी आइलमे धनगढीके मुख्य बजारमे व्यापारीसे ओकर दोब्बर रकम लेके विक्री करटी आइल बाटै ।
माछापालक कृषक सुन्दर चौधरी प्राकृृतिक ताल तलैया सामुदायिक वनके अधिकारमे पर्ना या स्थानीय सरकारके अधिकारमे पर्ना कना विवाद हुके तल्वामे पाइल माछाफे निकारे नइपाइल बटैलै ।
कैलाली जिल्ला कृषि माछा व्यवसायी संघके अध्यक्ष कृष्ण गिरीके अध्यक्षतामे हुइल कार्यक्रममे स्वागत मन्तव्य संघके उपाध्यक्ष नारायण चौधरी करल रहिट । कलेसे संचालन माछापालक कृषक विश्व प्रकाश पौडेल करल रहिट ।