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मोहना लडियाके गोबरैला घाटमे दश हजार भुर्रा छोरगिल

पहुरा | ५ मंसिर २०८०, मंगलवार
मोहना लडियाके गोबरैला घाटमे दश हजार भुर्रा छोरगिल

पहुरा समाचारदाता
हसुलिया, ५ अगहन ।
कैलारी गाउँपालिका–५ मोहना लडियाके गोबरैला घाटमे मत्स्य विकास निर्देशनालय गेटासे मगंरके रोज दश हजार माछाके भुर्रा छोरले बा ।

विश्व मत्स्य दिवसके अवसरमे निर्देशनालयसे मोहनामे माछाके भुर्रा छोरल हो । सुदूरपश्चिम प्रदेश सरकारके भुमि व्यवस्था, कृषि तथा सहकारी मन्त्रालयके माननीय मन्त्री रामेश्वर चौधरी उ माछाके भुरा छोरल रहिट ।

उहे अवसरमे उहाँ बोल्टी मन्त्री चौधरी कैलाली ओ कञ्चनपुरके नइहुके सुदूरपश्चिममे प्राकृतिक तालके सम्भावना ढेर मने ओ.कर अनुसार यहाँ माछा उत्पादन हुई नइसेकल बटैलै ।

मन्त्री रामेश्वर चौधरी कहलै –‘यहाँ तीन महिना प्रर्याप्तमात्रामे माछा पाजाइठ । बाँकी समय उत्पादन नइहुइठ । अब किसानसे १२ महिना माछा पैना करके काम कैना जरुरी बा ।’

मन्त्री चौधरी कहलै –‘यहाँ वर्षेनि ३५ हेक्टर ढेर तालतलैयामे माछापालन हुइना करल बा । मने यी अपुग हुइटी रहल बा । प्रदेश सरकार माछा उत्पादनमे आत्मनिर्भर प्रदेश बनैना करके काम आघे बढाई ।’

प्राकृतिक जलासय वरपर बसोबास कैना मुलतः निम्न आय रहल लक्षित बर्गहे हौसला एवं ज्ञान डेहुवइना उद्देश्यसे उ कार्यक्रम आघे बढाई लागल मन्त्री बटैलै ।

मोहनाहे प्राकृतिक जलासय बनैना उद्देश्यसे वहाँ माछाके भुर्रा छोरल निर्देशनालयके निर्मल खाती बटैलै । उहाँ कहलै –‘पछिल्का समयमे विषादी प्रयोग, करेन्ट लगैना लगायतके कारण लडियामे स्थानीय माछा कमी हुइटी गैल बा । माछाके संरक्षण तथा प्रर्वद्धन कैना लडियामे भुर्रा छोरल हो ।’

कैलालीममे तीन सय ८९ हेक्टर ताल क्षेत्रफल रहल बा । घोलमे मत्स्य विकास कार्यक्रमके सम्भाव्यता अध्ययन अनुसार कैलालीमे जलासय क्षेत्रफल दुई सय ५४ हेक्टर रहलमे एक सय तीन हेक्टरकेल प्रयोगमे आइल जनाइल बा ।

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