‘नागरिक आधारभूत अधिकारसेफे बञ्चित’

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २५ अगहन । नागरिकहुक्रे आधारभूत अधिकारसेफे बञ्चित रहल एक कार्यक्रमके सहभागीहुक्रे बटैले बटै ।
७५औं अन्तराष्ट्रिय मानव अधिकार दिवसके अवसरमे आन्तरिक मामिला तथा कानून मन्त्रालय ओ राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोग सुदूरपश्चिम प्रदेशके आयोजना तथा मानवअधिकारके क्षेत्रमे काम करटी आइल संघसंस्थाके सहकार्यमे अँटवारके रोज धनगढीमे प्रभातफेरी तथा अन्तरक्रिया कार्यक्रममे सहभागीहुक्रे उ बाट बत्वाइल रहिट ।
कार्यक्रममे सुदूरपश्चिम प्रदेशके मानव अधिकारके अववस्था ओ राज्यके दायित्व विषयक कार्यपत्र प्रस्तुत आयोगके प्रदेश प्रमुख हरि प्रसाद ज्ञवाली नागरिकहुक्रे आधारभूत अधिकारसेफे बञ्चित रहल बटैले बटै । सुदुरपश्चिमके मानव अधिकारके सवालमे राजनीतिक अपराधीकरण, स्वास्थ्यके अधिकार, खाद्यके अधिकार, द्वन्द्व पीडितके अवस्था, विकट गाउँमे आधारभूत सेवासे वञ्चित, शिक्षाके अधिकार, यातना, असुरक्षा, दण्डहीनताके विद्यमानता रहल बटैलै ।
उहाँ कहलै, आधारभुत अधिकारके उपभोगके अवस्था कमजोर बा । शिक्षा, स्वास्थ, खाद्यान्न, रोजगार, विभेद विरुद्धके अधिकार, पहिचानके अधिकार, महिलाके अधिकार, बालवालिकाके अधिकारसे बञ्चित बटै । सुदूरपश्चिम प्रदेशके निर्वाचनमे मानव अधिकारके अवस्थामे मतदानस्थल प्रायः विद्यालयमे केन्द्रमे रहल कारण उपयुक्त स्थानमे रहलसेसेफे हालके अवस्थामे उ मतदान केन्द्र जनसंख्या तथा मतदाताके तुलनामे उपयुक्त नइरहल ओ साकिर रहल बा ।
उम्मेद्वार, पत्रकार, पर्यवेक्षकहे निर्वाचन स्थलमे सहभागिता अवस्थामे निर्वाचनमे भाग लेहल उम्मेदवार ओ ओइनके प्रतिनिधिहुकनके मतदानस्थलमे सहजरुपमे प्रवेश रहल पागिल बा । निर्वाचनमे पर्यवेक्षण करुइया संस्था ओ पत्रकारहेफे कुछ मतदात स्थलमे सहजरुपमे प्रवेश करे नइडेहल रहे ।
यी प्रदेशमे निर्वाचनके अवधीभर मतदाताहे तरसैना टमान ठाउँमे शंकाष्पद वस्तु धारल, कुछ स्थानमे कुछ बेर मतदान रोकल, निर्वाचनके सन्दर्भमे क्छ ठाउँमे प्रहरीसे हवाई फायर तथा गोली चलैना कार्य हुइल ओ कुछ व्यक्तिके मृत्यु हुइलफे उहाँ बटैलै ।
अपागंता हुइल, जेष्ठ नागरिक, सुत्केरी तथा विरामीके लाग मतदानकार्यमे अग्राधिकार डेके अलगे स्थान प्रयोग करल कु्छ स्थानमे हुइलेसेफे मतदानस्थल अपांगमैत्री नइहुइल डेखल रहे ।
बाल अधिकार अन्र्तगत बालविवाह, बहुविवाह, बलात्कार, हत्या जैसिन जघन्य अपराधके घटनाके समस्याके रुपमे रहल बा ।
बालबालिका लागु औषध प्रयोगमे संलग्न हुइना दर बह्रल, साईबर क्राईम समस्याके रुपमे आइल बा । अपाङता रहल व्यक्तिके अधिकार अन्र्तगत पहुँच ओ सहभागीताके समस्या डेखल बा । अपाङता रहल बालकालिकाके शिक्षाके अवस्था सन्तोषजनक नइरहल, विद्यालय भवन, पुस्तकालय, खेल मैदान आशिंक रुपसे अपाङतामैत्री हुइलेसेफे छात्रावास तथा शौचालय अपाङतामैत्री नइरहल हो ।
श्रोत शिक्षक बिना तालिम बालकालिकाहे पह्रैना प्रयास करटी रहल अपाङताके क्षेत्रमे विनियोजित रकम खर्च हुई नइसेक्के फ्रिज जैना करल, भौतिक संरचना तथा मानवीय चेतना व्यवहार अपाङतामैत्री नइहुके उहाँहुकनके मर्यादित रुमे बाँचे पैना अधिकारमे आघात पुगल डेखल बा ।
जातीय विभेदके अवस्था अन्र्तगत मानविय संवेदना ओ सस्कृति संग जोरल मसानघाटमे दलित ओ गैरदलितके लाग अलग अलग ठाउँ बनाई पर्ना अवस्था रहल बा । मठमन्दीरमे दलितहुकनहे जैनासे रोक्न, अक्के धारासे पानी थापके लैजाई नइडेना जैसिन घटना कायमे रहल बा ।
जातीय विभेदके घटनामे मूलत अन्तरजातिय विवाह हुइलेसे बाल विवाहसेफे जवरजस्ती करणी, अपहरण, बेचविखन बन्धक जसिन मुद्धा लगैना गुनासो अइना करल बा । जातिय छुवाछूट सजाय कसुर ऐनके प्रभावकारी कार्यान्वयनमे कहि कतै समस्या रहल बा ।
आप्रवासी कामदार तथा वेचविखन विरुद्धके अधिकारके अवस्था अन्र्तगत सुदूरपश्चिम प्रदेशके टमान जिल्ला अछाम, कञ्चनपुर तथा डोटी लगायतके जिल्लासे मजदुुरीके लाग बर्षेनी भारत जैना ओ उहाँसे लौटके नइअइना करल तथा वेपत्ता हुइल अवस्था बा ।
वातावरण ओ विकासके अधिकार अन्र्तगत स्थानीय सरकारसे निर्माण हुइल सडक वातावरणिय मुल्याकन नइकरके डोजर चलाके सडक निर्माण करेबेर प्राकृतिक विपद तथा ढेर वस्ती जोखिममे रहल बा । विकासके पुर्वाधार निर्माणमे गुणस्तरहिन अवस्था रहल ओरसे नागरिकहुकनके दिगो विकासके अधिकारसे बन्चित हुई परल बा ।
हाइड्रोपावर, सडक विस्तार लगायतके क्षेत्रमे दिगो विकास, वातावरण तथा मानव अधिकारके अवधारणाहे आत्मसाथ करटी दिर्घकालिन रुपमे योजनाके चरणसे सरोकारवालाके प्रत्यक्ष सहभागिता रहना करके मानव अधिकारमुखी पद्दतीसे विकास निर्माण कार्य आघे बह्रैना ओ कार्यक्रम परियोजना संचालन करेक लाग तालिम सञ्चालन कैना आवश्यक डेखल बा ।
गैल कुवाँर ओ कार्तिकके अविरल बर्षसे पहाडी जिल्लामे पहिरो, भुक्षय, कटानके कारण सुदुरपश्चिम क्षेत्रमे ३७ जानेक असमायिक निधन, २२ जाने वेपत्ता ओ १८ जाने घाहिल हुई पुगल अवस्था विल्गाइठ । बाढ पहिरोके कारण सयौके संख्यामे विस्थापित हुई पुगल, तयार हुइल धानबालीमे प्रारम्भीक रुपमे ३० प्रतिशतसे पूर्णरुपमे नोक्सानी हुइल डेखल रहे ।
उपभोक्ता अधिकारके अवस्था अन्र्तगत उपभोक्ताहुक्रे म्याद गुज्रल खाद्यपदार्थ तथा औषधी पहाडी दुर्गम क्षेत्रमे आम नागरिक उपभोग कैना बाध्य रहल बटै । आम नागरिकहुकनके अति आवश्यकीय खाद्य एंवम् उपभोग्य पदार्थमे हुइना करल मिसावट, रसायनके प्रयोग ओ उहीसे मानव स्वास्थ्यमे परे सेक्ना तत्कालीन ओ दीर्घकालीन असरसे मनैनके स्वास्थ्य सम्बन्धी अधिकार तथा जीवनके अधिकार गुमे सेक्ना खतरा रहल बा ।

किसान वर्गसे सदा खेती कैना समयमे रसायनिक मलखादके अभाव बेहोरे परल, उत्पादीत खाद्यन्नसे उचित बजार प्राप्त करे नइसेकल हो । जेष्ठ नागरिकके अधिकार अवस्था अन्र्तगत जेष्ठ नागरिकके सवालमे घरपरिवारसे अपहेति हुई परल, स्वास्थ्य समस्या ओ समयमे उपचार तथा हेरचाह नइहुइना, उपयुक्त भोजनके अभाव, सरकारसे प्रदान कैना करल सामाजिक सुरक्षा रकमके जेष्ठ नागरिकके हितमे प्रयोग नइहुइना, भूक्तानी व्यवस्था झन्जटिलो हुइना करल बा ।
सक्रमणकालिन न्याय ओ द्वन्द्व पीडित अन्र्तगत सत्यनिरुपण ओ वेपत्ता जैसिन संक्रमणकालिन न्यायहे सम्बोधन कैना आयोग सरकारसे स्थापना हुइलेसेफे विस्तृत शान्ति सम्झौताके भावना अनुसार आशातित रुपमे काम हुई नइसेक्के अभिन संक्रमणकालके उचित व्यवस्थापन हुई नइसेकल हो ।
यौनिक तथा लैङिक अल्पसंख्यकके अवस्था अन्र्तगत अपन लैङिक पहिचान अनुसार नागरिकता नइपैना, यौनिकता तथा लैङिकताके कारण घर परिवार समाजसे बहिस्कृत ओ तिरस्कृत हुई परल बा ।
ओस्टेक सुदूरपश्चिम प्रदेश सरकारके ओरसे निमित्त प्रदेश प्रमुख सचिव गंगाबहादुर प्रस्तुत करल रहिट ।
कार्यक्रममे आन्तरिक मामिला तथा कानुन मन्त्री शिवराज भट्ट, प्रमुख जिल्ला अधिकारी युवराज कटेल, गैरसरकारी संस्था महासंघका अध्यक्ष देवी खनाललगात मन्तव्य व्यक्त करल ।
आन्तरिक मामिला तथा कानुन मन्त्रालयके सचिव सुशिल बैद्यके अध्यक्षतामे हुइल कार्यक्रममे स्वागत मन्तव्य निमित्त सचिव विश्वदिप बेस्रा करल रहिट कलेसे संचालन मानव अधिकार आयोगके अधिकृत गणेश जोशी करल रहिट ।
ओस्टेक दिवसके अवसरमे अन्तरक्रिया कार्यक्रम आघे सहिद गेटसे प्रभातफेरी ¥याली निकारके रुवसमे कार्यक्रममे परिणत हुइल रहे ।

