यौनिक तथा लैङिक अल्पसख्यक विवाह दर्तामे अभिन अल्झन

पहुरा समाचारदाता
काठमाडौं, २८ फागुन । यौनिक तथा लैङिक अल्पसख्यक समुदायके जोडीके विवाह दर्ता कैना अधिकारीहुकनहे डर देखैना करल पाइल बा । कानूनी रूपमे विवाह दर्ता कैना स्थानीय अधिकारीहे उप्पर निकायमे रहुइया टेलिफोन करके डर डेखैना ओ धम्की डेना करल पाइल हो ।
सर्वोच्च अदालतके आदेश अनुसार दक्षिण एसियामे पहिल विवाह दर्ता कैना परिपत्र जारी कैना राष्ट्रिय परिचयपत्र तथा पञ्जीकरण विभागके अधिकारीके सरुवा हुइल आशंका करल बा ।
लमजुङके दोर्दी गाउँपालिका कार्यालयहे विवाह दर्ता कैना परिपत्र जारी करुइया विभागके महानिर्देशकके लगटे सरुवा हुइल बा । ‘परिपत्र जारी करल कारण सरुवा हुइल सुनल बा, गृहसे सोधनी करल पाइल बा,’ पहिल संविधान सभा सदस्य एवं मायाको पहिचान नेपालके कार्यकारी निर्देशक सुनिलबाबु पन्त कहलै, ‘उप्पर निकायसे तरेक निकायहे डर देखैना, धम्की डेना ओ सरुवा कैना गज्जबके रणनीति डेखल बा ।’
विभागके परिपत्रपाछे माया गुरुङ ओ सुरेन्द्र पाण्डे कानूनी रूपमे सर्वोच्च अदालतके आदेश उल्लेख करके विवाह दर्ताके प्रमाणपत्र पैलै । ओकरपाछे विभागसे दुसर पत्र जारी करल नइहो । बर्दियाके बढैयाताल गाउँपालिका वडा नं २ के कार्यालयसे विभागके अधिकारीहुकनसंगके मौखिक आदेशमे दक्षिण एसियामे पहिल लेस्बियन जोडीके विवाह दर्ता करले बा ।
मने, विवाह दर्ताके प्रमाणपत्र डेना वडा कार्यालयके सचिव दीपक नेपालीहे भर उप्पर निकायसे दबाब डेहल पाइल बा । विवाह दर्ता प्रमाणपत्रमे हस्ताक्षर कैना नेपाली १५ दिन छुट्टीमे बैठके सरुवा हुइल बटै । समलिङगी विवाह नइरुचुइया दबाब डेके सचिव नेपाली सरुवा हुइल लेस्बियन जोडी बटैले बा ।
घर, परिवार ओ समाजसे स्वीकारलेसेफे कुछ सरकारी अधिकारीहुकनमे रहल नकारात्मक सोचके कारण अपनेहुक्रे पाछे विवाह दर्ताके निवेदन डेना दुसर जोडीसे प्रमाणपत्र पाई नइसेकल अन्जुदेवी (दिप्ती) श्रेष्ठ बटैली ।
यौनिक तथा लैङिक अल्पसख्यक समुदायके पहिचानसहितके हक अधिकारके लाग स्थापना हुइल मायाको पहिचान नेपालसे विवाह दर्ता कैना पहिल लेस्बियन जोडी दिप्ती ओ सुप्रिताके स्वागतमे करल पत्रकार भेटघाट कार्यक्रममे विवाह दर्ताके लाग उप्पर निकायमे सोधनी करटी रहे पर्ना अवस्था अन्त्य करके सहज रूपमे विवाह दर्ता करडेहे मिल्ना व्यवस्था कैना आग्रह करले बा ।
लेस्वियन जोडी दिप्ती ओ सुप्रितासे माया ओ सुरेन्द्रके विवाह दर्ता हुूइलपाछे अपनेहुकनहे विवाह दर्ताके लाग हौसला मिलल बटैलै । ‘उहाँहुक्रे (माया ओ सुरेन्द्र) के विवाह दर्ता हुइल समाचार आइलपाछे हम्रहिनहेफे दर्ता कैना हौसला मिलल,’ दिप्ती कहली, ‘उहाँहुकनसंग सक्कु प्रक्रिया बुझके हम्रे फे स्थानीय तहमे विवाह दर्ता कैना निवेदन डेहल रही ।’
स्थानीय तहसे अविवाहितके सिफारिससहित जाइबेर अदालत जैना कहिके सुझाइल बटैटी दिप्ती कहली, ‘मायाको पहिचान नेपालसे पहल नइकरल हुइलेसे हमार विवाह दर्ता नइहुइट ।’ दिप्ती ओ सुप्रितासे विवाह दर्ताके लाग पहल करडेहलमे मायाको पहिचान नेपाल ओ सुनिलबाबु पन्तहे धन्यवाद डेलै । मायाको पहिचान नेपालके अध्यक्ष माया गुरुङ पन्तके पहलमे अपनेह्ुक्रे विवाह दर्ता कैना सफल हुइल बटैली । उहाँ अपने जस्टे और जोडीके वैवाहिक अधिकारके लाग पहल करटी रहल सुनैली । मायाको पहिचान नेपालके सचिव सुरेन्द्र पाण्डे बार बार परिपत्र जारी करटी रनासे सहज रूपमे विवाह दर्ता हुइना कानुनी व्यवस्था कैना सरकारसंग माग करलै ।
पन्तसे सक्कु जोडीके विवाह दर्ताके लाग सहज हुइना व्यवस्था कैना पञ्जीकरण विभागहे परिपत्र जारी कैना आग्रह करल बटैलै । विभागसे गृह मन्त्रालयमे राय माग करल ओ गृहसे राय डेहलपाछे विभागसे सक्कु जोडीहे हुइना करके परिपत्र जारी कैना आशा अपनेहुकनके रहल पन्त बटैलै ।
पन्त यौनिक तथा लैङिक अल्पसख्यक समुदायके वैवाहिक अधिकारसहित विभेदकारी कानुन संशोधनके लाग राज्यके निकायहे कहल बटैलै । सर्वोच्च अदालतसे २०६४ पुस ६ मे डेहल आदेश अनुसार हालसमफे कानून संशोधन नइहुइल पन्त बटैलै ।
पन्तसे निजामती ऐन ओ निर्वाचन ऐनमे आरक्षणके माग करटी सर्वोच्च अदालतमे मुद्दा दायर करल जानकारीफे डेलै । ‘संविधानके धारा ४२ ममे सक्कु समुदाय मध्ये यौनिक तथा लैङिक अल्पसख्यक छुटल बटै,’ उहाँ कहलै, ‘संविधानसे ग्यारेन्टी करल हुइलेसेफे बहिष्करणमे परल बटी । यी बहिष्करण मान्य नइहो ।’