थारु राष्ट्रिय दैनिक
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‘ कैलारीमे अँटवारी विशेष कार्यक्रम ’

संस्कृतिके सम्मान करे परठः गाउँपालिका उपाध्यक्ष

पहुरा | १९ भाद्र २०८१, बुधबार
संस्कृतिके सम्मान करे परठः गाउँपालिका उपाध्यक्ष

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १९ भदौ ।
कैलाली जिल्लाके कैलारी गाउँपालिका–१ हसुलियामे मंगरके रोज थारु समुदायके मनाजैना अँटवारी टिहुवारके अवसरमे ‘अँटवारी विशेष कार्यक्रम २०८१’ सम्पन्न हुइल बा ।

थारु कल्याणकारिणी सभा कैलारी गाउँपालिका कार्य समितिके आयोजनामे तथा नेपाल सांस्कृतिक महासंघ कैलारी गाउँसमितिके समन्वय ओ कैलारी गाउँपालिका प्रवद्र्धनके अँटवारी विशेष कार्यक्रम हुइलक हो ।


कैलारी गाउँपालिका उपाध्यक्ष भगवतीकुमारी चौधरीके बरका पहुनामे हुइल कार्यक्रममे उहाँ हरेक समुुदायके संस्कृतिके सम्मान करे पर्ना बटैली । थारु समुदायके माग मुद्दा, कला संस्कृतिके जर्गेनाके लाग यी कार्यक्रम महत्वपूर्ण रहल उल्लेख करली ।

उहाँ कहली, ‘सक्कु समुदायके आ–आपन रिति संस्कृति बा । कोई केक्रो संस्कृतिउप्प प्रहार कैना नैचाही, केक्रो संस्कृतिहे हेला कर्ना नै चाही । कोइ समुदायके अपन रिति सस्कृतिफे छोरना नैचाही ।’

थारु समुदाय अपन रिति संस्कृति भुलाई टै । हमार संस्कृति दुसर ओर डाईभर्ट हुइल जैसिन बा, हमार पुर्खनक बाट धारना, लेहक लाग, कला, संस्कृतिके बाट साटासात करेबरे यी कार्यक्रम कैलक हो । एक दुसरके बाट रख्ना सुन्ना सुनैना बातावरण सृजना करेक लाग यी कार्यक्रम हो, गाउँपालिका उपाध्यक्ष कहली ।

थारु समुदायके समाज पहिले कटरा मिलल रहे, पहिले यी घरेक टिना उ घर जाए । उ घरके टिना यी घर आए, उहाँ कहली, ‘मने आब घर फुटे चटुवा डब्ला लगायत सरसमान बँटठी मने उ बाँटेबेर अपन मनफे बाँट डरठी । एक दुसरसे बोलचाल बन्द हुजाईठ । दुद विमार परल बेला अपन आफन्ताफे चिन्हे छोरना प्रवृति बह्रे लागल बा । आब अइसिन मेलेमिलाप सक्कु हेराई लागल बा ।’

गाउँपालिका उपाध्यक्ष कहली, ‘टरटिहुवारहे निरन्तरता डेलेसे हमार लौव पिढी हमार रिति संस्कृतिके बारे जानकारी पैना मौका पैही । आज हम्रे अपन रिति संस्कृति छोरडेहब कलेसे काल्हके दिनके हमार लर्का बच्चाफे टरटिहुवार मनाई छोरडिही जिहीसे हमार रिति संस्कृति लोप होजाई ।’

अब्बेक यूवा आधुनिक डिजेमे झुम्ना करठै । पौराणिक गीतबाँस लोप हुइटा । हमार भाषा, संस्कृति लोप हुइटा । थारु समुदायके महिलाके पहिरन लेंगा, गोनिया, पूरुषहुक्रनके पहिरन धोटी, अङगुछा लगैना चलन हेराइटा, यकर संरक्षण कैना जरुरी रहल उहाँ बटैली ।

कैलारी गाउँपालिकासे थारु समुदायके टरटिहुवारमे विदाके व्यवस्था करटी रहल ओर सूचना प्रकाशित करेबेरफे थारु भाषामे डेटी रहल उहाँ जनैली । अँटवारी टिहुवारके दुई दिनके व्यवस्था करलफे बटैली । कैलारी गाउँपालिकासे थारु समुदायके कला, सस्कृति संरक्षणके लाग मन्डरा बजैना ओ बनैना तालिमके आयोजना करल जनैली ।

उहाँ कहली ‘लाहुर्निपके अध्यक्षके अध्यक्ष दिनेश घले थारु समुदायके प्रथाजनित कानूनके लाग, हक अधिकारके लाग ढेर योगदान करले बटै, ऐन कानूनमे रहल व्यवस्था हक अधिकार स्थापित करेक लागल बटै हुकनहिन धन्यबाद डेना चाहल बटु ।’
सुदूरपश्चिम प्रदेशसभा दुई जाने थारु समुदायके महिला प्रतिनिधित्व करल मने कुहीहेफे मन्त्री नैडेके अब्बेक सरकार विभेद करल उहाँ बटैली । सक्कु पार्टीमे थारु समुदायके सहभागिता बा । सक्कु जाने थारु समुदायके हक अधिकारके आवाज उठैना उहाँ आग्रह करली । संविधान, ऐन कानूनमे लिखल अधिकार सक्कु समुदायसे पैना जरुरी बा । जातजातिके नाउँमे कोइ कुहीहे विभेद करे उहाँ आग्रह करली ।

थारु कल्याणकारिणी सभाके केन्द्रीय सदस्य रामचरण चौधरी सक्कु दलमे थारु समुदाय आ अपन ओरसे थारु समुदायके लाग आवाज उठाई पर्नामे जोर डेलै । थारु कल्याणकारिणी सभा कौनो पार्टी नैहुके समग्र थारु समुदायके हक अधिकारके लाग लरना संस्था रहल बटैलै । २०७२ सालमे सक्कु थारु कौनो पार्टी नैकहिके एकहुके आवाज उठाई मने अब्बे थारु समुदायमे मन विभाजन हुइल उहाँ बटैली । २०७२ सालके समग्र थारु समुदायके आन्दोलनके प्रतिफल अब्बे डेखैटी रहलफे उहाँ केन्दीय सदस्य बटैलै ।

थारु कल्याणकारिणी सभाके केन्द्रीय सदस्य इन्दु चौधरी थारु समुदायमे साझा मुद्दामे एकजुट हुई पर्ना बटैली ।
उहाँ कहली, ‘थारु समुदायमे विभेद हुई बा । गैर थारु समुदायके गौरा सुदूरपश्चिम शान बन्ना, मने हमार सखिया झुम्रा कबु यी शान बनी । हमार भाषा कला, संस्कृति जोगैनामे एकजुट हुई परल ।’

थारु समुदायसे सखिया सम्मेलन, मन्डरा सम्मेलन करी, पाँच सय गाउँक मनै सामुहिक सखिया, झुम्रा नाँची । यी हेरेबेर हमार बच्चा कबु नैभुलैही । थारु कल्याणकारिणी सभाके महाधिवेशन यिहे अगहनमे हुइना ओरसे थारु आन्दोलनहे हाँके सेक्ना नेतृत्व चयन कैना उहाँ आग्रहफे करली ।

लाहुर्निपके केन्द्रीय अध्यक्ष दिनेश घले थरुहट भूमि बनैनामे थारु समुदायके भारी योगदान रहल बटैलै । उहाँ कहलै, संविधानके ऐन कानूनमे लिखल बाट थारु समुदायके उपभोग करे नैपैले हुइट । २०७८ के जन गणनामे १४२ जातजाती, १२५ ठो भाषाभाषी मध्ये थारु समुदाय भारी जनसंख्या रहल जाती हो । कुल जनसंख्याके ६. २ प्रतिशत थारु समुदाय रहल बटै ।’
अधिकार प्राप्तीके सक्रिय नैहुइटसम अधिकार मिले नैसेक्ना बटैलै । कैलारी गाउँपालिका थारु समुदायके ९५ प्रतिशत रहल बा । थारु समुदायहे विभेद करटी आइल उहाँ बटैलै ।

थारु कल्याणकारिणी सभाके केन्द्रीय पार्सद खेमराज डगौरा कला, संस्कृतिके जर्गेनाके लाग सक्कु जाने एकजुट हुइलेसे जोगाई सेक्ना बटैलै । थारु कल्याणकारिणी सभा कैलालीके जिल्ला सभापति विरु चौधरी थारु समुदायके भाषा, कला, संस्कृति अपनही जोगाई पर्ना बटैलै । अपन भाषा कला संस्कृति जोगैना, डेखैना लजैटी रहल बटैलै । थारु कल्याणकरिणी सभासे प्रदेश सरकारहे थारु समुदायके प्रथाजनित कानूनहे मान्यता डेहुवाईक लाग लागल बटैलै ।

थारु कल्याणकारणी सभाके केन्द्रीय पार्सद होरीलाल चौधरी कैलाली जिल्लाके पहिले नाउँ कैलारी रहल मने यकर नाउँ परिवर्तन करके कैलाली धारल ओरसे पहिचान जोगाइक लाग यी पालिकाके नाउँ कैलारी गाउँपालिका धारल बटैलै ।

कार्यक्रममे थारु कल्याणकारिणी सभाके केन्द्रीय पार्सद मनिराम बखरिया, केन्द्रीय पार्सद तथा निवर्तमान कैलारी गाउँपालिका उपाध्यक्ष लक्ष्मी सत्गौवा, केन्द्रीय पार्सद माया चौधरी, थारु कल्याणकारिणी सभा कैलाली क्षेत्र नम्बर ३ क्षेत्रीय सभापति कृष्ण प्रसाद चौधरी, कैलारी गाउँपालिका वडा नम्बर ४ वडा अध्यक्ष ठागुराम चौधरी, पूर्व केन्द्रीय पार्सद बसन्ती चौधरी, थारु कल्याणकारिणीसभाके आजिवन सदस्य गौरीशंकर महतो लगायतके मन्तव्य राखल रहिट ।

थारु कल्याणकारणी सभा कैलारीके सभापति अशोक कुमार चौधरीके अध्यक्षतामे हुइल कार्यक्रममे सचिव रामसमझ चौधरी अँटवारी टिहुवारके बारे जानकारी डेहल रहिट । कार्यक्रममे स्वागत मन्तव्य नेपाल सस्कृति महासंघ कैलारीके अध्यक्ष सविता चौधरी ओ संचालन मञ्जु चौधरी करल रही ।

यिहे कार्यक्रममे थारु समुदायके अँटवारी टिहुवारमे अग्रसान कहर्ना, अग्रसान डेहे जैना, सखिया, झुम्रा, लाठी नाँच, कठघोरी नाँचफे प्रस्तुत कैगिल रहे । अँटवारी विशेष कार्यक्रममे सहभागी करिव सक्कु जाने महिला ओ पुरुष थारु पहिरनमे सहभागी हुइल रहिट । यिहे जिच आजिवन सदस्यहुकनके प्रमाणपत्रफे प्रदान कैगिल बा ।

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