थारु राष्ट्रिय दैनिक
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[ वि.सं २७ आश्विन २०८१, आईतवार ]
[ 13 Oct 2024, Sunday ]
‘ वातावरणमैत्री परम्परागत अभ्यास ओ प्रविधिके पहिचान, प्रवद्र्धन ओ जैविक विविधता संरक्षण विषयक अन्तरक्रिया ’

परम्परागत खेती प्रणाली वातावरणमैत्री

पहुरा | ११ आश्विन २०८१, शुक्रबार
परम्परागत खेती प्रणाली वातावरणमैत्री

पहुरा समाचारदाता
सुखड, ११ कुवाँर ।
परम्परागत खेती प्रणाली वातावरणमैत्री रहल एक कार्यक्रममे बटागिल बा ।
याक नेपालके आयोजनामे दिगो जिविकोपार्जनका लागि समावेशी विकास परियोजना अन्र्तगत विफेक रोज सुखडमे हुइल ‘वातावरणमैत्री परम्परागत अभ्यास ओ प्रविधिके पहिचान, प्रवद्र्धन ओ जैविक विविधता संरक्षण विषयक अन्तरक्रिया कार्यक्रम परम्परागत खेती प्रणाली वातावरणमैत्री रहल बटागिल रहे ।

कार्यक्रममे सहजीकरण करटी परियोजनाके फोकल पर्सन तथा याक नेपालके कार्यकारी निर्देशक डबल बहादुर बम परम्परागत खाद्यन्नवालीके स्वाद फरक रहल बटैलै । उहाँ कहलै, ‘३० बरस पहिले कैगिल परम्परागत खाद्यन्नवालीके स्वाद फरक रहे । अब्बे आधुनिक खेती प्रणालीसे उत्पादन हुइल अन्नवालीके स्वाद फरक बा ।’

वेमौसमी तरकारी खेतीके कारण परम्परागत खाद्यन्नवाली लोप हुइल रहल ओ वेमौसमी तरकारीसे जैविक विविधतामे असर परटी रहल बटैलै ।

कार्यक्रमके संचालन तथा सहजीकरण करटी याक नेपालके सर्जु प्रसाद चौधरी यी परियोजनासे खास करके विपन्न वर्ग, मुक्तकमैया, कमलरी, मुक्त हलिया, एकल महिला, अपाङता रहल बालबालिकाहुकन लक्षित करके ज्ञान सीप, जिविकोपार्जनमे टमान मेरिक गतिविधि संचालन करटी रहल बटैलै । कार्यक्रम यूएनडिपीके सहयोग तथा घोडाघोडी नगरपालिकाके समन्वयमे हुइल हो ।

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