मानसिक स्वास्थ्य ओ मनोसामाजिक अपाङताबारे छलफल

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २८ अगहन । सुदूरपश्चिम प्रदेशमे मानसिक स्वास्थ्य तथा मनोसामाजिक अपाङताके सवालहे लेके प्रदेश सभा तथा सरोकारवालासंग छलफल कैगिल बा ।
कोशिशके आयोजना तथा फेल्मके सहयोगमे प्रदेशस्तरीय छलफल कैगिल हो । संस्थाके संस्थापक अध्यक्ष तथा कार्यकारी निर्देशक मातृका प्रसाद देवकोटाके अध्यक्षतामे हुइल कार्यक्रममे उहाँ मानसिक स्वास्थ्य समस्या रहल व्यक्तिहुकनहे राजनितिक दलके उम्मेदवार बने नैपैना, रहल जागिर छोटे पर्ना, लौवा ठाउँमे प्रतिस्पर्धा कैनासे बञ्चित करल बटैलै ।
उहाँ अपने स्कुले जीवनसे मानसिक स्वास्थ्य समस्या भोगल ओ समाज नैमजा दृष्टिसे हेरटी रहल बटैलै । कार्यकारी निर्देशक निर्देशक देवकोटा मानसिक स्वास्थ्य ओ मनोसामाजिक अपाङता, अपाङता सम्बन्धी ४ ठो मोडेलके बारेमे प्रस्ट पारल रहिट । ओस्टेक विभेदकारी कानूनी व्यवस्थाबारेफे जानकारी डेहल रहिट ।

राष्ट्रिय अपाङ महासंघ सुदूरपश्चिम प्रदेश अध्यक्ष मानबहादुर साउद सुदूरपश्चिम प्रदेशमे ७० हजारसे ढेर अपाङता हुइल व्यक्ति रहल बटैलै । नेपाल सरकारसे अब्बे १० मेरके अपाङताके वर्गिकरण करले बा । ओम्ने मानसिक स्वास्थ्य समस्याफे एक रहल उहाँ बटैलै ।
राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोगके उपसचिव झंकरबहादुर रावल मनोसामाजिक अपाङता रहल व्यक्तिके अधिकारके अवस्था ओ नीति तथा कानूनी सुधार सम्बन्धी प्रस्तुतीकरण करल रहिट । अधिकारबारे संविधान, ऐन कानूनमे उल्लेख हुइलेसेफे कार्यान्वयन नैहुइल बटैलै ।
कार्यक्रममे मनोसामाजिक स्वास्थ्य समस्या भोगल कमला राना अपने १२ बरषके उमेरसे यी समस्या भोगल ओ अब्बेसम ढेर विभेदके सामना भोगल बटैली । उहाँ कहली, ‘समस्या आइबेर मही समाज, चिनजानके मनैफे नैमजा दृष्टिसे हेरलै । भोज हुके ससरार गैलबेला गलट दृष्टिसे हेरगिल रहे ।’
कोशिशमे लागके अपने बोले सेक्ना ओ कुछ करे सेक्ना हुइल कहटी अब्बे नेतृत्व लेहे सेक्नासमेट सक्षम हुइल उहाँ बटैली । कौनो ठाउँमे तालिम होए वा प्रहरी, सेनालगायतमे लौव भर्ना खुलेबेर मानसिक सन्तुलन विगरल नैहुई परल शब्दफे उल्लेख रहठ जेकर कारण पहिले मानसिक स्वास्थ्य समस्या भोगल अब्बे ठीक हुइल व्यक्तिनहे फेरसे नैमजा असर परल बटैली । अपने तालिमके प्रशिक्षक बनेसेक्ना अवस्था रहल मने बञ्चित कराइल उहाँ गुनासो करली ।
ओस्टेक करके खडकाबहादुुर बस्नेत अपन परिवारहे मनोसामाजिक स्वास्थ्य समस्या हुइलपाछे समाजसे नैमजा दृष्टिसे हेरल बटैलै । औषधी उपचार करके ठिक हुइल मने अभिनफे औषधी उपचार चल्टी रहल उहाँ बटैलै ।
सुदूरपश्चिम प्रदेशसभाके सार्वजनिक लेखा समिति सभापति माननीय विक्रमसिंह धामी मानसिक स्वास्थ्य समस्या रहल व्यक्तीनहे आध्यमिकतासे जोरसे सञ्चो हुइना तर्क डेलै ।

सुदूरपश्चिम प्रदेश सभाके सभामुख भीमबहादुर भण्डारी मनोसामाजिक स्वास्थ्य रहल व्यक्तिहे गलत ढंगसे व्याख्या कैना, बोलेबेर नैमजा शब्दके प्रयोग हुइल ओरसे उहीहे सच्याई पर्ना बटैलै ।
नेपालके संविधानसे मौलिक हकके रुपमे प्रदत्त स्वास्थ्य सम्बन्धी हक अन्तरगत प्रत्येक नागरिकहे राज्यसे आधारभूत स्वास्थ्य सेवा निःशुल्क रुपमे प्राप्त कैना तथा स्वास्थ्य सेवामे समान पहुँच हुइना ब्यवस्था करल बा ।
जनस्वास्थ्य सेवा ऐन २०७५ के दफा ३ के उपदफा ४९ ङ० मे मानसिक स्वास्थ्य सेवाहे आधारभूत स्वास्थ्य सेवाके सुचीमे समावेश करल बा । अपाङता रहल व्यक्तिहुकनके अधिकार सम्बन्धी ऐन २०७४ के परिच्छेद ७ मे मनोसामाजिक अपाङगता रहल व्यक्तिहुकनके स्वास्थ्य, पुनस्र्थापना, सामाजिक सुरक्षा तथा मनोरञ्जनके व्यवस्था समेत करल बा ।

उ ऐनके दफा ३५ ओ ३६ से मनोसामाजिक अपाङता रहल ब्यक्तिहुकनके लाग थप सेवा सुविधाके समेत सुनिश्चितता करल बा । संयुक्त राष्ट्र संघके दिगो विकास लक्ष्य २०१६–२०३० फे मानसिक स्वास्थ्यहे प्राथमिकतामे धारके मानसिक स्वास्थ्यके प्रवर्धन कैना, नइसर्ना रोगसे हुइना मृत्यु एक तिहाइसे कम कैना, लागु पदार्थ दुव्र्यसनीके रोकथाम तथा उपचार एवं पुनस्र्थापनाके लक्ष्य धारल बा ।
कार्यक्रममे कोशिशके कार्यक्रम अधिकृत बसन्ती शाही कार्यक्रमके उद्देश्य ओ संस्थासे संचालन करटी आइल गतिविधिबारे जानकारी डेहल रहिट । कार्यक्रमके संचालन नरदिप धामी करल रहिट ।
मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी प्रदेश सभा तथा सरोकारवालासंग छलफल कार्यक्रममे सार्वजनिक लेखा समिति, सामाजिक विकास समितिके माननीय, गैरसरकारी संस्थाके प्रतिनिधि, कोशिश कैलालीके प्रतिनिधि, राष्ट्रिय अपाङता महासंघके प्रतिनिधिहुकनके सहभागिता रहे ।
