थारु राष्ट्रिय दैनिक
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गाउँ विकासके लाग बरघरहुक्रनसे समन्वय कैके काम कैना जोड

पहुरा | ७ पुष २०८१, आईतवार
गाउँ विकासके लाग बरघरहुक्रनसे समन्वय कैके काम कैना जोड

पहुरा समचारदाता
बाँके, ७ पुस ।
बाँकेके राप्तीसोनारीमे बरघरहुक्रने समावेशी मापन भेला पुस ५ गते शुकके उसरल बा । लमही–५, स्थित थारु साहित्य संस्कृति प्रतिष्ठानके आयोजनामे हुइल कार्यक्रममे करिब ६ दर्जन बरघरहुक्रनके उपस्थिति रहल रहे ।

उहे अवसरमे राप्तीसोनारी गाउँपालिकाके थारु गाउँके अगुवा बरघरहुक्रे अपनेहुक्रे सक्रिय रहल गाउँठाउँमे टोल विकास समितिसे नैहोके बरघरहुक्रनके सञ्जालसे काम हुइ पर्ना आवाज उठाइल रहिट । अपने युवावस्थामे बरघर बनल बटुइया टरवा गाउँके बरघर इतवारी थारु कहलै, ‘पालिकासे बरघर ऐन पारित टे करले बा । मने, हम्रहीनहे नै पट्याइठ् ।’ टोल विकास समितिसे बरघरहुक्रसंग समन्वय कैके काम करलमे थारु गाउँके विकास तीव्र गतिमे हुइना ओहकान धारणा रहे । औरे प्रसंगमे उहाँ बीसौं बरस बरघर बनुइयाहुक्रे बरघरमे किल सीमित नैहोके समाजसेवाके दायरा फराकिलो पारक लाग राजनीतिमे फेन हाठ डारे पर्ना राय डेहल रहिट ।

कार्यक्रममे राप्तीसोनारी गाउँपालिकाके पूर्व अध्यक्ष लाहुराम चौधरी आपन पालामे टोल विकास समितिसे नैहोके बरघरहुक्रनके सञ्जालसे काम कराइल स्मरण करल रहिट । आभिन फेन ओइसीन अभ्यास फलदायी हुइना उहाँके कहाइ रहे । ‘बरघर प्रणाली स्वयम्सेवी होवइ, श्रमदान कैके लाखौंके काम उहाँहुक्रनसे छोट समयमे सम्भव हुइठ् । ओहेमारे, थरुहटके पालिकासे बरघरहुक्रनके सञ्जालहे सदुपयोग करे सेके परल,’ पूर्व अध्यक्ष चौधरी कहलै ।

पेडारी गाउँका बरघर रतिराम चौधरी कहलै, ‘आयोजक थारु साहित्य संस्कृति प्रतिष्ठानके बरघरमे महिला ओ युवा समावेशी हुइ परठ् कना आवाज जायज रहल बा । मने, बरघरमे महिला ओ युवाहुक्रनके चाहना नैडेखजाइठ् ।’ बरघर रतिराम चौधरी तथा औरे बरघर सुन्दरसिंह चौधरी आपन बुडु, बाबा हुइटी बरघर आपनमे सरल बटैटी गाउँके कोइ फेन बरघर बन्ना चाहना कैलेसे सुम्पना तयार रहल बटैलै ।

२०५४ सालसे लगातार २७ बरससे बरघर चलैटी रहल बजारु थारु युवाहुक्रनहे लेउ आब टे कन्धा फेरदेऊ कलेसे फेन नैमन्ना गुनासो करलै । बरघर चलैना कर्रा बा । बरघरसंगे पूजापाठ फेन जोरल ओरसे सक्कु जनहनहे इ पद शुभ नैहुइना उहाँके कहाइ रहे ।

पद्नाहा गाउँके बरघर जुगमानी थारु पालिकासे गाउँके भूंइहार बनाइक लाग ठोरचे बजेट डेहलमे नपुग होके गाउँलेहुक्रनसे चन्दा उठाइ परल बटैली । उहाँ कहली, महिलाहुक्रे फेन बरघर बन्ना इच्छुक रहठै मने पुरुष साथ डेहे परल । पूजाआजा करैना झन्झटिलो रहल ओरसे फेन महिलाहुक्रे बरघर बनक मन नैकैना उहाँके कहाइ रहे ।

औरे बरघर कान्छा चौधरी महिलाहुक्रे चलाइल सहकारी उत्कृष्ट रहल उदाहरण डेटी महिलाहुक्रे बरघरके जिम्मेवारी गाउँके समन्वय आउर मजबुत हुइना बटैलै ।

राप्तीसोनारी ७ नं वडाके वडाध्यक्ष रामलखन चौधरी पालिकासे बरघर ऐन पारित कराइक लाग ढेर पापड बेले परल बटैटी आब हाली विधेयक फेन पारित कैके व्यवस्थित कैना जनैलै । औरे प्रसंगमे उहाँ प्रत्येक थारु गाउँके मौलिक नाउसंग इतिहास, पहिचान जोरल मने हाल आके बंग्याइना काम हुइल ओरसे मौलिक नाउ जोगैना आग्रह करलै ।

उहाँ कहलै, अपनेहुक्रननके गाउँके नाउँमे साइनबोर्ड बिग्रल बा कलेसे, पालिकामे सच्याइक लाग निवेदन डेहे परल, हम्रे सहयोग करब । पुरान जमिन्दारके नाउँमे गाउँके देउता रहल ओरसे उ स्वीकर्ना औरे व्यक्ति नैहोके आपन गाउँ बरघरविहीन रहल, उहीहे सल्टैना काम हुइटी रहल उहाँ बटैलै ।

थारु साहित्य संस्कृति प्रतिष्ठानके अध्यक्ष छविलाल कोपिलाके अध्यक्षतामे हुइल कार्यक्रममे प्रतिष्ठानके कार्यकारी निर्देशक डा कृष्णराज चौधरी सर्वहारी तथा फिल्ड अधिकृत विमला चौधरी बरघरमे महिला तथा युवाहुक्रनके सहभागितामे जोड परियोजनाबारे प्रकाश पारल रहिट । कार्यक्रममे प्रतिष्ठानके कार्यसमिति सदस्य यम चौधरी स्वागत करल रहिट । राप्तीसोनारी गाउँपालिकाको ७८ जाने बरघरमे ४० टरेक ४ युवा ओ ३ महिला बरघर समावेशी नैरहल डेखाइठ् ।

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