छुट मुक्त हलियाके तथ्यांक लेना जरुरी ः कानूनमन्त्री सार्की

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ७ पुस । राष्ट्रिय मुक्त हलिया समाज महासंघ नेपालके १३औं वाषिक साधारण सभा सम्पन्न हुइल बा ।
महासंघके केन्द्रीय अध्यक्ष ईश्वर सुनारके अध्यक्षतामे हुइल कार्यक्रममे सुदूरपश्चिम प्रदेश सरकारके आन्तरिक मामिला तथा कानूनमन्त्री हिरा सिंह सार्की वरका पहुना रहिट । कार्यक्रममे सम्बोधन करटी उहाँ अभिनफे बास्ताविक मुक्त हलिया÷कमैया पुनस्र्थापनासे बञ्चित रहल ओरसे एक फेरा हुइलेसे लगत संकलन करके जग्गा डेहे पर्ना जरुरी रहल बटैलै ।

हलिया, कमैया÷कमलरी मुक्त घोषणा हुइलपाछे पुनस्र्थापनाके टमान काम हुइल बा,’ कानूनमन्त्री सार्की कहलै, ‘सुरुमे तथ्यांक लेहेबेर सक्कु जनहन समेटे नैसेक्गिल । कोई काम विशेष बाहेर रहिट । कोई सूचनाके अभावमे कोई सम्पर्कमे रहिट । कोई परिचयत्रफे पाई नैसेकल । कोई परिचपाकेफे पुनस्र्थापना हुई नैसेकल हो ।’
सरकारसे जग्गा डेहेबेर होए वा सुरक्षित आवास निर्माण करेबेर होए खानेपानी, विद्यालय, खानेपानी, रोजगारी करेसेक्ना ठाउँम डेहे पर्ना उहाँ जोर डेलै ।
पूर्व आन्तरिक मामिला तथा कानून मन्त्री शिवराज भट्ट मुक्त हलिया, कमैया, कमलरीके समस्या समय टुङगो लगाई पर्ना बटैलै । मुक्त हलिया, कमैया, कमलरी समस्या राज्यके समस्या हो, जटरा लम्बा करलेसे ओटरे समस्या ठप्टी जैना मन्त्री भट्ट कहलै । अभिनफे मुक्त हलिया, कमैया, कमलरी पुनस्र्थापना बञ्चित बटै मने ओइनके मुद्दा ओझेलमे परटी गैल बा ।

सुदूरपश्चिम प्रदेश सरकारके पूर्व भुमि व्यवस्था तथा कृषि सहकारी मन्त्री रामेश्वर चौधरी अपने मन्त्री रहेबेर प्रदेशके मुक्त कमैया, हलिया तथा कमलरी पुनस्र्थापना कार्यविधि २०८० पारित कराइल बटैलै । पुनस्र्थापनाके काम अभिनफे बाँकी रहल अपने १० करोड बजेट छुटयाइना कहल मने अब्बे डेढ करोड बजेट विनियोजन हुइल उहाँ बटैलै । उहाँ कार्यविधि कार्यान्वयन कराइक लाग सक्कु ओरसे दवाव डेहे पर्ना जरुरी रहल बटैलै ।
पूर्व राज्यी मन्त्री लक्ष्मी विक प्रदेश सरकारसे जनतासंग सरोकार रख्ना ऐ कानून बनाई नैसेकल बटैली । उहाँ मुक्त हलियाहुकनहे एक बार हुइलेसेफे पुनस्र्थापना कैना जरुरी रहल बटैलै ।
राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोग सुदूरपश्चिम प्रदेशके उपसचिव भंmकरबहादुर रावल मुक्त हलिया, कमैया, कमलरी अपने पर्ना हक अधिकार मानव अधिकार भिटर पर्ना बटैलै ।

इन्सेक प्रदेश संयोजक खडकराज जोशी नागरिकके आधारभूत आवश्यकता पुरा कैना राज्यके दायित्व रहल बटैलै । नागरिक पहिचान ओ सहभागिता चाहठ । टबमारे हरेक समुदाय वर्गके राज्यके हरेक निकायमे सहभागिता जरुरी बा ।
राष्ट्रिय दलित नेटवर्कके अध्यक्ष मोहन वड आरडिएन मुक्त हलिया, कमैयाके अधिकारके क्षेत्रमे काम करटी आइल बटैलै । सरकारसे मुक्त कमैया, हलिया तथा कमलरी पुनस्र्थापना कार्यविधि २०८० कार्यान्वयन जरुरी रहल बटैलै ।
मुक्त कमैया समाजके प्रदेश अध्यक्ष चन्द्र प्रकास चौधरी मुक्त हलिया, कमैयाके लाग बजेट राजपत्रकमे प्रकाशित करके केल नैपुग्ना कार्यान्वयन जरुरी रहल बटैलै ।
कार्यक्रममे मुक्त कमैया, हलिया आन्दोलनके अभियन्ता बालाराम भट्टराई मुक्त कमैया, हलिया तथा कमलरी पुनस्र्थापना कार्यविधि २०८० बारे प्रस्तुतीकरण करल रहिट । ओस्टेक राष्ट्रिय मुक्त हलिया समाज महासंघ नेपालके कार्यकारी निर्देशक हरिसिंह बोहरा सहजीकरण करल रहिट ।
कार्यक्रमके संचालन महासंघके सचिव डबल विक ओ स्वागत मन्तव्य उपाध्यक्ष पर्वत सुनार करल रहिट ।
नेपाल सरकार ओ हलिया महासंघ विच हुइल पाँच बुँदे सहमति कार्यान्वयन नइहुइल हो । मुक्त हलिया सुदूरपश्चिम प्रदेशके नौ जिल्ला ओ कर्णाली प्रदेशके तीन जिल्ला सुर्खेत, जारकोट ओ हुम्ला करके १६ हजार ९ सय ५३ जाने मुक्त हलिया रहल बटै । नेपाल सरकारसे जम्मा लेहल तथ्यांक संख्या १९ हजार ५९, दोहरो टेहरो नाउँ हटाके पुनप्रमाणीकरण हुइल संख्या १६ हजार ९ सय ५३, परिचयपत्र प्राप्त करल संख्या १४ हजार २४२ ओ हालसम पूनस्र्थापना हुइल संख्या १३ हजार ५४६ रहल बा । मने पूनस्र्थापना बाँकी संख्या हेरेबेर कैलालीमे ४६, बैतडी ३२, डडेल्धुरा ४८९, सुर्खेत ०, बझाङ २१७, डोटी ६७, बाजुरा ९ ओ कञ्चनपुरमे १०६ जाने रहल बटै ।

नेपाल सरकारसे प्रतिबद्धता करल पुनस्र्थापनाके समयावधी लम्बइटी जाईबेर पुनस्र्थापनाके चर्चामे रहल मुक्त हलियाहुकनके बसोबासके उचित व्यवस्थापन हुई नइसेकल हो । तत्कालिन समयमे लगतमे नाम छुटल मुक्त हलियाके पहिचान हुई नइसेकल हो । पुनस्र्थापनाके साथे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगारी, जिविकोपार्जन, सामाजिक सशक्तिकरण ओ समावेशीकरण सम्बन्धी मुद्दाहे सरकारसे विशेष प्राथमिकतामे धारके प्रभावकारी रुपमे कार्यान्वयन करे नइसेक्के बाधा श्रमसे मुक्त हुइल १६ वर्ष विटलेसेफे मुक्तहलिया सम्मानित जीवन व्यतित करे नइसेकल हुइट । कयौ मुक्तहलिया परिवार पुनः हलिया बैठना बाध्य हुइल बटै । कयौ हलिया÷मुक्तकमैया परिवार परम्परागत हलियासे आधुनिक शहरीया मजदुरके रूपमे परिणत हुइल बटै । यदि राज्यहुकनके लाग हो कलेसे सक्कु जनहनहे समेटके लैजाई परल ।
