अवसर पैलेसे पुरुषसे मजा बरघर चलाई सेक्ठै महिला

पहुरा समाचारदाता
दाङ, १५ पुस । थारु समुदायके माघ टिहुवार लग्गे आइलसंगे थारु गाउँके नेतृत्वके बारेमे बहस हुई लागल बा ।
यिहे क्रममे देउखुरीदाङ, लमही–३, उत्तर मजगाउँमे पुस १२ गते शुकके टमान गाउँके बरघरसे बरघर समयअनुसार समावेशी हुई पर्ना अभिव्यक्ति डेहल रहिट ।
यूएसएड, नागरिक सञ्चार सिएसएमके आर्थिक सहयोग, द एशिया फाउण्डेशनके सहकार्य तथा थारु साहित्य तथा संस्कृति प्रतिष्ठानके आयोजनामे हुइल प्यानल छलफल कार्यक्रममे बरघरसे ओसिन अभिव्यक्ति डेहल रहिट ।
बरघरमे महिला सहभागिता बह्रैना का करेपरी कना सेसनमे धनपुरुवा गाउँके बरघर सीता चौधरी देश हाँक्टी रहल महिलाहुक्रे अवसर पैलेसे गाउँक नेतृत्व करे नैसेक्ना कना बाट नैरहल धारणा रख्ली । उहाँ गाउँलेसे चालेसे अइना वर्षफे गाउँके बरघरके नेतृत्व लेना तयार रहल बटैली ।

उहाँ कारण खुलैली, ‘गाउँलेहुक्रे पुरुषसेफे मजा तरिकाले टु गाउँके अगुवाइ करलो, हेरैटी गैल संस्कृति पुनर्जागरण करल, दुसर वर्षफे टु ककनडार (बरघर) बने परी कहले बटै । टबमारे पुनः गाउँ हँक्न मन बनैले बटु ।’
सोनपुर गाउँके टोल बरघर शर्मिला चौधरी अपने ८ वर्षसे टोल बरघर चलाइल अनुभव अइना माघमे गाउँके मूल बरघरमे दावी रना बटैली । महिलाहुकनहे नेतृत्व डेना सवालमे पुरुष अनिच्छुक डेखल, यकर लाग महिला अपनही अग्रसर हुई पर्ना उहाँ जिकिर रहे ।
कमानपुर युवा क्लवके सचिव सृष्टि चौधरी अपनेहुक्रे गाउँके विकासके लाग क्लव खोललमे बरघर बन्न आग्रह आइलपाछे नैपर्ना बटैली । उहोर ससुरुवा विरामी परके बहुट वर्ष कार्यवाहक बरघर रहल उचानिम्बु गाउँके देवी चौधरीसे गाउँके विकासके लाग महिला, पुरुष दुनुके भूमिका बरोबर रहल धारणा रख्ली ।
बरघरमे युवा सहभागिता बह्रैना का करे परी कना सेसनमे युवाहुक्रे टमान सभा, बैठकमे पाकासे ढेर सक्रिय रहल प्रसंग उठ्ल । जोगिया प्रगन्ना अन्तर्गत २२ गाउँके प्रधान तथा उत्तर मजगाउँके बरघर छुनिलाल चौधरी कहलै, ‘सामूहिक कामके लाग नैकुदल दिने नैरहठ । मै ४० से टरे बटु । उमेर छिप्पल हुइलेसेफे कहाँ दौडधुप करे सेकम ।’
भुरीपुर गाउँके बरघर मंगल चौधरी गाउँमे रहल युवाहुक्रे खाली नेंग्नासे कौनो पदीय जिम्मेवारीमे बैठलेसे अनुशासित रना तर्क करलै । थारु कल्याणकारिणी सभा (थाकस), लमही इकाइके अध्यक्ष शिवप्रसाद चौधरी बरघरहुकनहे एकजुट करैना थाकस दिलो ज्यान डेहे लागल बटैलै ।
बरघर प्रणालीहे चलायमान करैना का बा उपाय कना सेसनमे थाकस क्षेत्रीय समिति तथा लमही नगरपालिकाके कानूनी सल्लाहकार अधिवक्ता हल्लुप्रसाद चौधरीसे बरघर विधयेक समयमे नैबन्के बरघरहुक्रे हिनताबोध महसुस करल बटैलै । उहाँ बरघर प्रणालीहे चलायमान करैना यकर विधेयक अपरिहार्य रहल बटैटी यकर लाग आउर दवाव बह्राई पर्ना जिकिर करलै ।
लमही नगर बरघर समितिके अध्यक्ष पुनाराम चौधरी गाउँमे मिश्रित समाजके बसोबास बह्रटी गैल ओरसे गैरथारुहुकनकेफे विश्वास जिटके काम करे पर्ना अवस्था आइल बटैलै ।

८ वर्षसे बरघर हँक्टी रहल लंगडी गाउँक बरघर कान्तुप्रसाद चौधरीसे बरघर बन्न तँछाड मछाड हुई पर्नामे नयाँ पुस्ताके अरुचि बहुट खट्कल महसुस करल बटैलै । उहोर, पूर्व गाउँपालिका अध्यक्ष रोहित चौधरी बरघरके बैठक माइन्यूट नेपाली भाषामे लिखलमे भाषा संरक्षणके लाग अपने मातृभाषा थारु प्रयोग कैना आग्रह करलै । संस्कृतिसंगे भाषा संरक्षणमेफे बरघरहुक्रे लागे पर्नामे उहाँक जोड रहे ।
आयोजक थारु साहित्य तथा संस्कृति प्रतिष्ठानके अध्यक्ष छविलाल कोपिला माघमे छनौट हुइना बरघरबारे पुसमे छलफल हुई सेक्लेसे सवल नेतृत्व अइना धारणा रख्लै । प्रतिष्ठानके कार्यकारी निर्देशक डा कृष्णराज चौधरी सर्वहारी बरघरहुक्रे गाउँके छोट दायरामे सीमित नैहुके बरघरके अनुभव अन्य क्षेत्रमेफे लगैना आग्रह करलै ।
