‘मिडियामे आदिवासी जनजाति पत्रकारके उपस्थिति सकारात्मक’

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १९ माघ । सुदूरपश्चिम प्रदेशके मुख्यमन्त्री कमलबहादुर शाह मिडियामे आदिवासी जनजाति पत्रकारके उपस्थिति हुइना सकारात्मक पक्ष रहल बटैले बाटै ।
नेपाल आदिवासी जनजाति पत्रकार महासङ्घ (फोनिज) सुदूरपश्चिम प्रदेशके टिसरा महाधिवेशनके शनिच्चरके रोज धनगढीस्थित डायमन्डस् कटेजमे उद्घाटन कैटी उहाँ आइसीन बटाइल हुइट । मुख्यमन्त्री शाह आदिवासी जनजाति पत्रकार नेतृत्व तहमे समेत पुगल चर्चा करल रहिट ।
प्रदेश सरकारसे हाली आमसञ्चार नीति लन्ना उल्लेख कैटी उहाँ कहलै,“अब्बे मन्त्रालयमे सचिव ओ उपसचिव नैरहल ओरसे इ आघे बह्रे सेकल नैहो । मने, सञ्चार नीतिके लाग ढेर छलफल होसेकल बा । आब पत्रकारहुक्रनसे अन्तिमचो छलफल कैके इहीहे हाली प्रदेश सभामे लैजाब ।”
मुख्यमन्त्री शाह पाछेक समय मिडिया सर्भाइभ हुइना कठिन हुइटी रहल ओ समस्याके कारण सरकारउपर ढेर निर्भर हुइ परल बटैलै । उहाँ प्रदेश सरकारसे पत्रकारके विकासके लाग इ बरस फेन बजेट विनियोजन करल बटैटी कहलै,“अनुदान ओ सहयोगके कार्यक्रमके लाग एकद्वार प्रणालीमार्फत अइना मै पत्रकारके छाता सङ्गठनहे आग्रह करटुँ ।”
उहाँ थारू भाषामे फेन समाचार छप्ना अपने राष्ट्रिय समाचार समितिहे आग्रह करल बटैलै । मुख्यमन्त्री शाह सत्ता ओ सरकार लग्गे रहुइया अनुदान, सहयोग लगायतके कार्यक्रम ढेर पैना, पहुँच नैरहलहुक्रे नैपैना जैसिन कार्यहे निरुत्साहित करे पर्ना बटैलै । उहाँ बरघर, भलमनसा ऐन प्रदेश सरकारसे हाली लन्ना बटैलै । ओस्टके, मुक्त कम्लहरी, हलियाके कार्यविधि फेन हाली बन्ना मुख्यमन्त्रीके कहाइ रहे ।
उहाँ थारू ओ रानाथारू समुदायके सहयोगमे प्रदेश सरकारसे प्रदेश निजामति ऐनहे संशोधन कैके कार्यान्वयनमे लैजाइ सेकल उल्लेख कैटी थारू ओ रानाथारूनके कोटाप्रतिशत बह्राइक लाग संशोधन कैना सवालमे प्रदेश सरकार छलफल करटी रहल उल्लेख करलै । “बात थारू ओ रानाथारूके कोटा प्रतिशत बह्रैना कना रहे । मने, कार्यदलसे बुझाइल प्रतिवेदनमे माग नैउठाइल ओ जनसङ्ख्यासमेत नैरहल औरे समुदायके बात फेन आइल”, मुख्यमन्त्री शाह कहलै,“थप कुछ आइलपाछे यम्ने छलफल करे परठ् कहिके तत्काल रोकल बा । यकर मतलब मागहे गुमराहमे राखे खोजल नैहो । छलफलपाछे इ आघे बह्री ।”
ओस्टके, कार्यक्रममे धनगढी उपमहानगरपालिकाके उपप्रमुख कन्दकला राना करल काम ओ विकासके चीज डेखाइक लाग पत्रकारके भूमिका महत्त्वपूर्ण रहल बटाइल रही । उहाँ केक्रो फेन दबाबमे नैपरके कलम चलैना आदिवासी जनजाति पत्रकारहे आग्रह करल रही । उपप्रमुख राना आदिवासी जनजाति पत्रकारके वृत्तिविकासमे सहयोग पुग्ना मेरके ऐन बनैना प्रदेश सरकारहे आग्रह करल रही ।
नेपाल आदिवासी जनजाति पत्रकार महासङ्घके वरिष्ठ उपाध्यक्ष लक्की चौधरी फोनिजसे आदिवासी जनजाति पत्रकारके श्रीवृद्धि, क्षमता वृद्धि, आदिवासी रीतिरिवाज ओ संस्कृति संरक्षणके क्षेत्रमे काम कैटी आइल बटैली । ओस्टके, नेपाल पत्रकार महासङ्घके संस्थापक अध्यक्ष सत्यनारायण श्रेष्ठ रहल टमान तथ्यतथ्याङ्कसे पुष्टि करल ओरसे कोकर लाग फेन फोनिजसे वकालत कैटी आइल चौधरीके कहाइ रहे ।
कपी पेस्ट पत्रकारिता फस्टैटी रहल वर्तमान सन्दर्भमे मातृभाषा पत्रकारिताहे प्राथमिकता डेना प्रदेश सरकारहे आग्रह करटी कहलै, “पत्रकारके क्षमता अभिवृद्धिके लाग अनुदान डेना, टमान योजना, कार्यक्रम आघे बह्रैना मै प्रदेश सरकारहे आग्रह करटुँ ।”
२०५६ सालमे आदिवासी जनजाति पत्रकार सङ्घ (फोनिज) के रूपमे स्थापना हुइल फोनिजमे आठ जातिय सङ्गठनके पाँच हजार पत्रकार गोलबद्ध रहल वरिष्ठ उपाध्यक्ष चौधरी जानकारी डेलै । उहाँ ६२ जिल्लामे फोनिजके सङ्गठन विस्तार हुइल उल्लेख करलै ।
कार्यक्रममे नेपाल पत्रकार महासङ्घ सुदूरपश्चिम प्रदेशके अध्यक्ष भरत शाह, नेपाल आदिवासी जनजाति समन्वय परिषद् सुदूरपश्चिमके अध्यक्ष दलबहादुर घर्ती, बातचित घरके अध्यक्ष माधव थारू, थारू कल्याणकारिणी सभा कञ्चनपुरके अध्यक्ष सानु चौधरी, प्रेस सेन्टरके प्रदेश महासचिव करन चन्द लगायत शुभकामना मन्तव्य राखल रहिट ।
