गजलः दरबार तातल बा
पहुरा |
१७ माघ २०७७, शनिबार

आजकाल सिंह बैस्ना दरबार तातल बा
लालची पार्टी पङ्क्तिके घरबार तालल बा ।
लगाम बिनाके कार्यकर्तनके बाहवाहीम
नाक निरहल नेताके सरदार तातल बा ।
चारुओर असन्तुष्ति ओ विरोधकेल देख्जाइठ
संवैधानिक असंवैधानिक द्वन्द्वले अखबार तातल बा ।
बेमौसमी समर्थन ओ विरोधके सभा कार्यक्रमले
सडक सडकम जनतनके मारामार तातल बा ।
सुर्खेत
