थारु साहित्य ओ सामुहिक लिखाइ

पँचुवा थारु राष्ट्रिय साहित्य सम्मेलन अइना चैत २१ ओ २२ गटे सुर्खेतमे हुइ जैटि बा । थारु भासा, साहित्य, कला संस्कृति संरक्षण कैना उद्देश्यसे इ कार्यक्रम २०७३ सालसे दाङसे सुरु कैगैलक हो । दाङके पहिला कार्यक्रमसे थारु लेखक संघ गठन होके ओट्ठेसे थारु लेखक संघके मुख्य आयोजनामे परटेक बरस सम्मेलन हुइटि बा । मने गइल बरस कोरोनाके कारन लकडाउन हुइलक मारे कार्यक्रम हुइ नैसेकल ।
लकडाउनके पाछे थारु साहित्यकारन्के ढिरे ढिरे भौतिक रुपमे भेला होके साहित्य, सभा सम्मेलन हुइटि रना फोहिक बाट हो । इहे पुसके पहिला अठवार जंग्रार साहित्यिक बखेरी बर्दियाके ठाकुरद्वारामे अपन डसौ बरस गाँठ मनाइल । डसौ बरस गाँठके अवसरमे डस जने स्रस्टा साहित्यकारन् सम्मान करल । ओस्टक फागुनके डोसर अठवार लावा डग्गर साहित्यिक त्रैमासिक अपन बाह्रौ बरस गाँठ मनाइल, जेम्ने पाँच जाने स्रस्टन पुरस्कार, सम्मान डे जा गइल । अइना बैसाखमे थारु लेखक संघ अपन बार्सिकोत्सव मनैना टयारि कैटि बा ।
कौनो फेन साहित्यिक सम्मेलन सामुहिक लिखाइके अभ्यासहे आगे बह्राइठ । २०२८ सालमे थारु भासक् पहिला पत्रिका गोचाली निक्रल पाछे थारु साहित्यमे सामुहिक लिखाइके अभ्यास आघे बह्रलक हो । मने प्रसासनके बक्र दृष्टिके कारन गोचालीमे लागल समुहके सामुहिक लिखाइके अभ्यास निरन्टरटा पाइ नैसेकल । छयालिसके आन्दोलनपाछे बल्ले थरुहट क्षेत्रके क्याम्पसमे पह्रना विद्यार्थी एकजुट होके थारु साहित्यके स्मारिका निकारके इ परम्पराहे आगे बह्रैलाँ । मने इ मेरिक अभ्यास फेन निरन्टरटा पाइ नै सेकल ।
ओइसिन टे काठमाडौं बैठुइया थारु साहित्यप्रेमिन २०४६ सालमे थारु युवा परिवार गठन कैके बहुट बरस ‘बिहान’ पत्रिकाहे निरन्टरटा डेलाँ । मने ‘बिहान’ पत्रिका फेन अब्बे स्ठगिट हो सेकल । परटेक महिनक् अन्टिम सनिच्चरके काठमाडौं बैठुइया थारु स्रस्टन ठुम्रार साहित्यिक बखेरीमार्फट थारु साहित्यिक सिरिंखला कैटि बाटै ।
थारु राष्ट्रिय साहित्य सम्मेलन सुरु हुइलपाछे थारु स्रस्टनमे एक मेरिक हौसला बह्रल बा, जाँगर आइल बा । परटेक बरस डर्जनसे जेडा थारु पोस्टा विमोचन हुइटि बा । इहिले थारु पोस्टाके व्यस्वठापन फे हुइटि बा । परटेक बरसके सम्मेलनमे डेसभरिक करिब डुइ सय स्रस्टन सहभागि हुइठैं । इ सम्मेलन परटेक बरस निरन्टरटा पाइक चाहि । अपने व्यक्टिगट ढंगले साहित्य सिर्जैना टे पलि बा । सामुहिक ढंगले आगे बह्रे सेक्लेसे थारु साहित्यके फँटवा आउर मल्गर बने सेकि ।
