नेपाली यूवाहुकन स्वदेशमे रोजगारीके व्यवस्था करी

कोरोना भाइरसके जोखिम कायमे रहल बेला ओकर बेवास्ता करटी सयौँ सुदूरपश्चिमेली काम खोजेक लाग रोजदिन भारत जउइयाके लाइन लागल बा । यहाँके गाउँघरमे खेतीपातीके काम सेकलपाछे गाउँमे रोजगारी नइपाके यहाँके वृद्ध, महिला, बालबालिका तथा युवा काम खोजेक लाग भारतके टमान शहर जैना क्रम बहुट बह्रल बा ।
कैलालीमे रहल इलाका प्रहरी कार्यालय त्रिनगरके अनुसार प्रत्येक दिन कम्तीमे पनि ५०० से ७०० युवा काम खोजे भारत जाई लागल बटै । अधिकांश नेपाली भारतके पञ्जाब, मुम्बई, आगरा, राजस्थान, बरेली, लखनऊ, सिमला तथा काला पहाडके शहरमे कामके लाग जाई लागल बटै । अब्बे दैनिक सयौँ नागरिक कामके लाग भारत जाई लागल बटै, अधिकांश महिला ओ बालबालिका बटै, गाउँमे काम नइपाइलपाछे काम खोजे भारत जइटै ।
स्वदेशमे काम नइपैना यहाँके विदम्वाना बा, कोभिड–१९ के जोखिममेफे यहाँके शहरसे गाउँसम कायमे रहलेसेफे ओकर बेवास्ता करटी यहाँके बेरोजगार नागरिक कामके लाग भारत पैठे लागल बटै । हरेक वर्ष धान रोपाइँ सेकलपाछे हजारौँ सुदूरपश्चिमेली युवा काम खोजे भारत जैना ओ चाडपर्वके बेला लौटना परम्परा रहल ओरसे यी बरस फे कामके लाग अर्थात् डसिया खर्च जुटाई भारत जैना करल बटै । पछिल्का समयमे कामके खोजीमे सयौँ युवा तथा बालबालिका अपन पढाइ छोरके काम खोजे भारत जाई लागल बटै । नेपालमे बालबालिकाहे काम करे नइडेना ओ भारतमे बालबालिकाके लाग सहजे काम पैना हुइल ओरसे अपनेहुक्रे घर छोरके भारत जैना करल जइटी रहल बटै ।
सुदूरपश्चिम प्रदेश सरकार यूवा लक्षित टमान कार्यक्रम नन्लेसेफे पहुँचके आधारमे केल योजना, कार्यक्रम पैना मने लक्षित वर्ग सदा पहुँचसे दुर हुइटी रहल कारण यूवाहुक्रे विदेश पलायन हुइटै ।
