साइपालमे झोलुंगे पुल बनलपाछे आउजाउमे सहज

बझाङ, २५ सावन । बझाङके साइपालमे झोलुंग पुल बनलपाछे आउजाउ ओ ढुवानी कैना सहज हुइल बा । बिगतके बरसमे ज्यान नै जोखिममे राखके यात्रा करे पर्ना बाध्यता अब्बे घर हटल स्थानीय बटैले बाटै ।
स्थनीयके अनुसार २०६८ सालमे साइपाल गाउँपालिकाके ३५ वर्षीया देवि बोहोराके थरौनिघाट खोलुवामे पुहके ज्यान गैल रहे । खोलुवामे काठेपुल (साँघुवा) लगैना क्रममे उहाँ ज्यान गुमैले रही । साइपालका–३ के प्रभात बोहोराहे फेन इहे खोलुवा पुहाके ५०–६० मिटर टरे पुगाइल रहे । ढुंगामे अटक्के ओहकान ज्यान भर बचल रहे । अब्बे खोलुवामे झोलुंगे पुल निर्माण हुइलपाछे साइपाल गाउँपालिकाके बासिन्दाहे इ दुःखसे छुटकारा मिलल् बा ।
‘चैनपुरसे साइपाल अइना क्रममे खोलुवा पुहाइल रहे । झण्डे ६० मिटर टरेसम पुहाइलपाछे ढुंगामे अँट्कलै ओ बाचल रहुँ ।’ बोहरा कहलै, ‘अब्बे पुल निर्माण होके ढिउर खुसी लागल बा । यहाँके स्थानीयहे ढिउर राहत मिलल् बा ।’ खोलुवामे राखल काठेपुलहे हटाके पूर्वाधार विकास कार्यालयसे ५५ लाख रुपैयाँ लागतमे पुल निर्माण करलपाछे स्थानीयहे आवतजावतमे सहज हुइल उहाँ बटैलै ।
झोलुंगे पुल बनलपाछे साइपाल गाउँपालिकाके वडा नम्बर ३, ४ ओ ५ के नागरिकहे खाद्यान्न ढुवानीसंगे आवतजावतमे सहज हुइल गाउँपालिकाके अध्यक्ष राजेन्द्र बहादुर धामी बटैलै ।
‘तीन वडाके मुख्य नाकामे झोलुंगे पुल निर्माण हुइल बा ।’ धामी कहलै, ‘आउजाउ ओ ढुवानीमे सहज हुइना आशा बा । काँडा, न्युना ओ धलौनमे आब कबु नै खाद्यान्न अभाव नैहुइ कना विश्वास रहल बा ।’
बर्खाके समयमे सुत्केरी महिला, बिरामीहे अस्पताल लैजाइ परलमे गाउँके सक्कु सहयोगमे खोलुवा वारपार करे पर्ना समस्या अन्त्य हुइल साइपा गाउँपालिका ३ के वडा अध्यक्ष जंगवीर बोहोरा बटैलै ।
‘सुत्केरी महिलाहे रेफर कैके चैनपुरसम लैजाइ परलमे खोलुवा नाघक लाग गाउँक सक्कु जाने जमा हुइ पर्ना रहे ।’ अध्यक्ष बोहोरा कहलै, ‘आब इ समस्यासे तीन वडाके नागरिकहे छुटकारा मिलल बा ।’
