कहुँ खुशीयाली, कहुँ विरोध

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ३ कुवाँर । मुलकभर आज कुवाँर ३ गते सातौं संविधान दिवस धुमधामके साथ मनाजैैटी बा । नेपाल सरकारसे संविधान दिवस मनाइक लाग आज सार्वजनिक विदा कैले बा ।
सरकारसे संविधान दिवस टमान कार्यक्रमके मनैटी रहलबेला दुसर पक्ष विभेदकारी, अधुरो, अपुरो एवम् त्रुटिपुर्ण नेपालके संविधानसे मधेशी, आदिवासी जनजाति, थारु, दलित/शिल्पी, महिला, खस, मुश्लिम, अल्पसंख्यक समुदायके साथे उत्पीडित जात÷जाति एवम् समुदायसे उठैटी आइल राष्ट्रिय मुद्दाहे सम्बोधन करे नइसेकल कहटी विरोध जनैटी रहल बा ।
संविधानके प्रस्तावनामे संघीयता, धर्मनिरपेक्षता, समावेशी, समानुपातिक, सक्कुखाले उत्पीडिन, विभेद्के अन्त्य तथा सहभागितामूलक सिद्धान्तके आधारमे समतामूलक समाज निर्माण कैना संकल्पसे नागरिकके सर्वाङिण अधिकार सुनिश्चित करटी संघीय लोकतान्त्रिक गणतन्त्रात्मक शासन व्यवस्थाके माध्यमसे दिगो शान्ति, सुशासन, विकास ओ समृद्धिके आकांक्षा पूरा कैना लक्ष्य राखल उल्लेख करल बा ।
मोर्चासे कुवाँर ३ गतेहे करिया दिनके रूपमे मनैटी

थरुहट/थारुवान राष्ट्रिय मोर्चा कैलालीसे संविधान दिवस अर्थात् आज कुवाँर ३ गतेहे करिया दिनके रूपमे मनाई लागल बा ।
मोर्चासे कुवाँर ३ गते आज कैलालीके जोशीपुर बजारमे विरोध सभा आयोजना करके करिया दिन मनैना थरुहट/थारुवान राष्ट्रिय मोर्चा कैलालीके संयोजक माधव चौधरी बटैलै ।
संयोजक चौधरी जिल्लाके टमान ठाउँमे संविधानके धारा २७४ ओ अनुसूची ४ हे जराके विरोध कैना बटैलै । उ धारामे प्रदेशके सिमाङकन सम्बन्धी व्यवस्था करले बा । २०७२ कुवाँर ३ गते ‘नेपालके संविधान २०७२’ जारी हुइल रहे ।
थरुहट/थारुवान मोर्चासे कैलाली–कञ्चनपुरसहित पश्चिम तराईहे थरुहट राज्य बनाई पर्ना लगायतके माग करटी आइल बा । मोर्चासे संविधान जारी हुइना आघेसे उठैटी आइल माग संविधानमे नइसमेटलपाछे मोर्चा संविधान जारी हुइल दिनहे कालो दिनके रूपमे मनैटी आइल संयोजक चौधरी बटैलै ।
जसपासे संविधान दिवसके कार्यक्रममे भाग नइलेना

सत्ता गठबन्धनमे रहल दल जनता समाजवादी पार्टी यी वर्षके संविधान दिवसके कार्यक्रममे सहभागी नइहुइना हुइल बा । अध्यक्ष उपेन्द्र यादवसे शनिच्चर विज्ञप्ति जारी करके संविधानमे अधुरा ओ विभेदकारी प्रावधान धारल कहटी अँटवार मनैना संविधान दिवसके कार्यक्रममे भाग नइलेना बटैलै ।
‘संविधानमे संघीयता, समावेशी लोकतन्त्र, राष्ट्रिय पहिचानके मान्यता, स्वशासन ओ स्वायत्तता, समानुपातिक समावेशीकरण लगायतके प्रावधानफे अधुरो ओ अपूर्ण हुइनाके साथे संविधानमे ढेर धारामे विभेदकारी प्रावधान राखल ओरसे सरकारसे घोषणा करल संविधान दिवस २०७८ मे फे भाग नइलेना, विरोध कैना उहाँ विज्ञप्तीमे कहल बा ।
यादवसे संविधानके विभेदकारी एवं त्रुटिपूर्ण प्रावधानके विरोध कैना फे आह्वान करले बटै । नेपालके संविधान २०७२ से मधेसी, आदिवासी जनजाति, दलित, महिला, खस, मुस्लिम, थारु, अल्पसंख्यक समुदायके साथे उत्पीडित जातजाति एवं समुदायसे उठैटी आइल राष्ट्रिय मुद्दाहे सम्बोधन नइकरल यादव बटैलै ।
